17.1 C
Delhi
रविवार, नवम्बर 24, 2024
होमआस्थाआज सर्वपितृ अमावस्या पर जानिए पित्रों के पूजन का समय और विषेश...

आज सर्वपितृ अमावस्या पर जानिए पित्रों के पूजन का समय और विषेश नियम

पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से हो चुकी है। 16 दिन तक चलने वाले पितृ पक्ष का समापन 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा। अश्विन माह में पड़ने वाली अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या और महालय अमावस्या के नाम से जानते हैं। इस दिन पितरों के पिंडदान, तर्पण और दान आदि का आखिरी दिन होता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है, जिसके बाद पितृ पक्ष का समापन हो जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पितरों को विदाई देने, विशेष पूजा-पाठ और नियमों का पालन करने से पितर प्रसन्न होकर अपने लोक को जाते हैं और वंशजों को खूब सारा आशीर्वाद देकर जाते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या तिथि मुहूर्त – हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022 रविवार के दिन पड़ रही है। तिथि का आरंभ सुबह 03 बजकर 11 मिनट से लेकर 26 सितंबर 2022 सोमवार सुबह 03 बजकर 22 मिनट कर है। ऐसे में 25 सितंबर के दिन पितरों को विदाई दी जाएगी।

आज क्या करें और क्या नहीं – अश्विन अमावस्या पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पितरों की विदाई दी जाती है। इसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तर्पण करना आवश्यक माना गया है। माना जाता है कि इस दिन घर आए किसी गरीब या जरूरतमंद को खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। उसे कुछ पैसे, अन्न, वस्त्र आदि का दान अवश्य करना चाहिए। पितृ पक्ष के आखिरी दिन मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें। ऐसा करने से पितृदोष का सामान करना पड़ सकता है।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन अनजाने में हुई गलती के लिए भगवान से क्षमा मांगल लें और ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे पितर नाराज हो जाएं। मान्यता है कि पितरों को प्रसन्न करके ही विदा करना चाहिए। ताकि वे जाते समय खूब सारा आशीर्वाद वंशजों को देकर जाएं।

सर्वपितृ अमावस्या का महत्व – हिंदू धर्म में वैसे तो हर माह आने वाली अमावस्या का अपना महत्व बताया गया है। लेकिन अश्नविन अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या या फिर महालय अमावस्या का खास महत्व है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त विशेष व्यंजन व पकवान बनाए जाते हैं। भोजन को कौए, गाय, कुत्ते आदि को दिया जाता है। इसके साथ ही इस दिन ब्राह्मण भोज भी कराया जाता है। पितृदोष से पीड़ित लोगों के लिए ये दिन महत्वपूर्ण होता है।


ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री, कटनी (म.प्र.)
मो. 9993874848

(अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं जिनकी पुष्टि प्राथमिक मीडिया नहीं करता है, कृपया अपने बुद्धि-विवेक से इनका अनुसरण करें। लेखक से संपर्क करने के पश्चात उनके द्वारा सुझाए गए किसी भी उपाय या दी गई सलाह या अन्य किसी लेन-देन के लिए प्राथमिक मीडिया उत्तरदायी नहीं होगा। )

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
सम्बंधित लेख

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

सर्वाधिक पढ़े गए

हाल ही की प्रतिक्रियाएँ

Pradeep on वक़्त