21.1 C
Delhi
गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
होमस्वास्थ्यकोविड19मध्य प्रदेश के लिए 50000 रेमडीसिविर इंजेक्शन के दिए आर्डर, शासकीय अस्पतालों...

मध्य प्रदेश के लिए 50000 रेमडीसिविर इंजेक्शन के दिए आर्डर, शासकीय अस्पतालों में 60% बिस्तर खाली – मुख्यमंत्री ने बतायी कोरोना से लड़ने के लिए प्रदेश की तैयारी

भोपाल, मुख्यमंत्री द्वारा आज ली गयी आपात बैठक में कोरोना से लड़ने और मरीज़ों के इलाज़ हेतु की गयी प्रदेश स्तर की तैयारी का ब्यौरा दिया गया. जिसके मुताबिक़ कोरोना के उपचार के लिए जिलों के सरकारी अस्पतालों में कुल 60% तथा निजी अस्पतालों में 47% बिस्तर खाली हैं। शासकीय अस्पतालों में 17492 बिस्तर भरे हुए हैं,  वहीं निजी अस्पतालों में 13250 बिस्तर भरे हुए हैं। प्रदेश के 67% मरीज होम आइसोलेशन में और 33 % मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से 18% ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं तथा 8% आईसीयू में है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 30 हज़ार है। साथ ही प्रदेश में पहले ऑक्सीजन की उपलब्धता 60 एम. टी. थी, जिसे 3 गुना बढ़ाया गया है। वर्तमान में ऑक्सीजन की उपलब्धता 180 एम. टी. है, जो कि पर्याप्त है। कोरोना के उपचार के संबंध में 50,000 रेमडीसिविर इंजेक्शन के आर्डर दे दिए गए हैं तथा इंजेक्शन आना भी प्रारंभ हो गए हैं। आगे भी इनकी पर्याप्त आपूर्ति बनी रहेगी। इन्हें शासकीय तथा अनुबंधित अस्पतालों में नि:शुल्क लगाया जाएगा। इसके अलावा हर जिले में कोविड केअर सेंटर भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना के मरीजों की देखभाल की जाएगी। कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं के लिए हर ज़िले को दो-दो करोड़ रुपए की राशि भी जारी की गई है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की जिला कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से पूरी देखभाल की जा रही है। दिन में कम से कम 2 बार इनसे बात करने तथा आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश जिलों को दिए गए हैं। साथ ही हर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की व्यवस्था की जा रही है। इसके संबंध में टेंडर जारी कर दिए गए हैं। शीघ्र ही यह प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों से चर्चा के दौरान उनसे कहा गया है कि वे अपने जिले की परिस्थितियों के अनुरूप कोरोना संक्रमण को रोकने की रणनीति बनाकर उस पर अमल करें।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
सम्बंधित लेख

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

सर्वाधिक पढ़े गए

हाल ही की प्रतिक्रियाएँ

Pradeep on वक़्त