29.1 C
Delhi
सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
होमआस्थाकरवा चौथ के बाद दंपतियों ने मनायी "पॉटलक पार्टी"

करवा चौथ के बाद दंपतियों ने मनायी “पॉटलक पार्टी”

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सुहागन स्त्रियाँ करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस दिन वे पति की लंबी उम्र की कामना लिए निर्जला उपवास करती हैं। जो रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही खोला जाता है। करवा चौथ एक व्रत अवश्य है लेकिन स्त्रियाँ इस व्रत को इस तरह मिलकर मनाती हैं कि अब ये एक त्यौहार बन गया है। यही नहीं, बहुत से पुरुष भी इस दिन अपनी पत्नियों के निर्जल उपवास में सहभागी बनकर उन्हें मानसिक संबल प्रदान करते हैं।

गढ़ा स्थित गंगानगर चंदन कॉलोनी में भी दंपतियों ने इसी तरह करवा चौथ मनाया। कुछ पुरुषों ने अपनी पत्नियों का साथ देने के लिए उपवास भी रखा। खास बात ये रही कि यहाँ दंपति जोड़ों ने एक साथ इस व्रत का पूजन भी किया और व्रत खोलने के बाद एक साथ “पॉटलक पार्टी” भी की। सतीश दुबे ने बताया कि सामूहिक रूप से सभी जोड़ों ने चंद्रमा दर्शन के बाद करवा चौथ का व्रत खोला और अपने-अपने घरों से लेकर आए स्वादिष्ट व्यंजनों को एक-दूसरे के साथ बाँटते हुए पॉटलक पार्टी की। उनका मानना है कि कोई भी व्रत, पर्व या त्यौहार हो, इस तरह मिलकर मनाने से आपस में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है। इन दंपतियों में निकिता सतीश दुबे, नमिता रघु यादव, निशा प्रीतम सेन, अंजना नितिन सेन और संगीता अशोक निर्मलकर शामिल रहे।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
सम्बंधित लेख

1 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

सर्वाधिक पढ़े गए

हाल ही की प्रतिक्रियाएँ

Pradeep on वक़्त