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सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
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वोकल फॉर लोकल को प्रोत्साहित कर स्थानीय कारीगरों से खरीदे 51 हज़ार दीपों से जगमगाया नर्मदा का ग्वारीघाट तट

भारत विश्वाकर्षण का केंद्र बन रहा है, माँ नर्मदा के तट पर बसे जाबालि ऋषि की तपोभूमि के साथ ही देश के मध्य में बसा हमारा जबलपुर देश भर में आकर्षण का केंद्र बने और जिसकी सबसे बड़ी ताकत हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह इच्छा साँसद राकेश सिंह नर्मदा के ग्वारीघात तट पर “नर्मदा तट में एक दीप – जबलपुर की समृद्धि के नाम” कार्यक्रम में व्यक्त की।

यह कार्यक्रम संतजनों की उपस्थिति में दीपावली की पूर्व संध्या साँसद राकेश सिंह के आह्वान पर 51 हजार दीपों को प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नर्मदा आरती और अष्टक के साथ की गई। जिसके बाद शंखनाद और फिर स्वस्तिवाचन के साथ दीप प्रज्वलित किये गए। जिसमें नर्मदा तट ग्वारीघाट के आठों घाट जिनमें सिद्ध घाट, उमा घाट, नाग मंदिर घाट, पंडा घाट, नाव घाट, महिला घाट, दरोगा घाट, श्रीबाबाश्री घाट के साथ ही दूसरी ओर गुरुद्वारा के सामने के घाट में भी दीप प्रज्वलित किये गए। इसके बाद उपस्थित संतजनों का पूजन और स्वागत साँसद राकेश सिंह द्वारा किया गया।

साँसद सिंह ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति है, हम किसी भी पवित्र कार्य की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर करते है लेकिन कुछ वर्षों में शासनगत व्यवस्था के कारण हमारी प्राचीन परंपरा धीरे धीरे क्षीण हुई है। वर्तमान का समय सांस्कृतिक पुनरुथान का है और जब हम सांस्कृतिक पुनरुथान की बात करते है तो आज देश में वो परिस्थितियां है जिनकी हमे वर्षो से प्रतीक्षा थी। जैसे भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या जी मे बनने जा रहा है, कश्मीर धारा 370 के बंधन से मुक्त हो गया है, विकास की नई इबारत लिखी जा रही, पूरे देश में साधु संतों के आशीर्वाद से भक्तिमय और धर्ममय माहौल है।

जबलपुर की सांस्कृतिक पहचान बने: उन्होंने आगे कहा कि माँ नर्मदा के तट में रहने वाले हम लोग प्राचीन काल से ही उन्हें नमन करने आते रहे है और समय समय पर उनके तट पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पर्व मानते आ रहे है और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की वजह से अपनी प्रसन्नता जाहिर करने के हमारे पास अब अवसर ज्यादा हैं। साँसद सिंह ने कहा इस वर्ष से दीपोत्सव जबलपुर का आयोजन हमने इस संकल्प के साथ किया है कि आने वाले वर्षो में हम इसकी निरंतरता और भव्यता बनाये रखेंगे और नर्मदा तट के किनारे का यह दीपोत्सव जबलपुर की सांस्कृतिक पहचान बनेगा। उन्होंने कार्यक्रम के उपरांत उपस्थित सभी संतजनों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक, सांस्कृतिक, धर्मिक संगठनों के के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रति कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने आभार व्यक्त किया।

स्थानीय मिट्टी के कारीगरों से दिए खरीदे गए 51 हज़ार दिए: साँसद सिंह ने कहा हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश से लोकल फ़ॉर वोकल के लिए आह्वान किया था और उनके आह्वान पर हमने जबलपुर के स्थानीय मिट्टी के कारीगरों से दिए खरीद कर आज नर्मदा जी के तट में दीपोत्सव मनाया है और ऐसे आयोजन जबलपुर को समृद्ध भी करेंगे साथ ही हमारी सांस्कृतिक विरासत को मजबूत भी करेंगे।

दो दर्जन से अधिक संत रहे मौजूद: दीपोत्सव कार्यक्रम में संत जगतगुरु राघवदेवाचार्य, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद, दण्डीस्वामी कालिकानंद सरस्वती, नृसिंहपीठाधीश्वर डॉ नरसिंह दास, स्वामी गिरिशानंद सरस्वती, साध्वी विभानंद गिरी, साध्वी ज्ञानेश्वरी, स्वामी पगलानंद, स्वामी रामदास, स्वामी डॉ मुकुंददास, स्वामी चैतन्यानंद, डॉ राधे चैतन्य, स्वामी अशोकानंद, साध्वी सम्पूर्णा, साध्वी शिरोमणि, स्वामी राम भारती, सन्त केवलपुरी महाराज, स्वामी कालीनन्द जी, स्वामी रामशरण, श्री रामकृष्ण दास महाराज, स्वामी त्रिलोक दास, नागा साधु श्यामदास महाराज, स्वामी रामाचार्य महाराज, स्वामी राजेश दास, स्वामी मृतुन्जय दास मौनी बाबा, साध्वी लक्ष्मीनन्द सरस्वती, महन्त प्रकाशानंद ने अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

कार्यक्रम में विधायक अशोक रोहाणी, अजय विश्नोई, सुशील तिवारी इंदु, नंदनी मरावी, विनोद गोंटिया, डॉ जितेंद्र जामदार, जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष बरकड़े, प्रदेश कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, जीएस ठाकुर, रानू तिवारी, शरद जैन, अंचल सोनकर, हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू, प्रभात साहू, सदानंद गोडबोले, स्वाति गोडबोले, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू बिज, नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल, अभिलाष पांडे, राममूर्ति मिश्रा, अरविंद पाठक, पंकज दुबे, रत्नेश सोनकर, रजनीश यादव,  भाजपा जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, पार्षदो के साथ बड़ी संख्या में सामजिक संगठनों के कार्यकर्ता और बीजेपी के पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Chakreshhar Singh Surya
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चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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