उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा सौभाग्य योजना के तहत उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए थे परंतु आज एक कनेक्शन केंद्र सरकार के लिए गले की हड्डी बन गए जिसे ना भुला जा रहा है ना निगला जा रहा है, उपभोक्ता द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं किया जा रहा है। जिससे विद्युत विभाग को काफी नुकसान हो रहा है इससे विद्युत विभाग बहुत ही ज्यादा परेशान है.
करीब पांच वर्ष पहले केंद्र सरकार ने सौभाग्य योजना के तहत 48 हजार 840 उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली कनेक्शन दिया था। बीपीएल उपभोक्ताओं का कनेक्शन पूरी तरह मुफ्त था जबकि एपीएल उपभोक्ताओं को कनेक्शन तो उस समय मुफ्त दिया गया लेकिन बाद में 10 माह तक 50 रुपये प्रतिमाह की दर से कनेक्शन चार्ज का भुगतान करना था।
दोनों तरह के उपभोक्ताओं के घरों पर मीटर लगाया गया था जिससे उनके द्वारा उपभोग की जाने वाली बिजली का बिल समय से वसूला जा सके। कमजोर वर्ग के लोगों को निशुल्क कनेक्शन देने के पीछे सरकार की मंशा थी कि इससे बिजली की चोरी रुकेगी और पावर कार्पोरेशन का राजस्व भी बढ़ेगा। साथ ही कमजोर वर्ग के उपभोक्ता भी बिजली का उपयोग वैध तरीके से कर सकेंगे।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में प्रत्येक उपभोक्ता का पांच वर्षों में करीब 25 से 30 हजार रुपये का बकाया हो चुका है। इन सभी उपभोक्ताओं पर लगभग 124 करोड़ रुपये के बिजली बिल का बकाया लंबित हो गया है। लगातार ऐसे उपभोक्ताओं को बकाया भुगतान के लिए कहा जा रहा है। नियमित बिल भी भेजा जा रहा है लेकिन भुगतान नहीं मिल पा रहा है