24.1 C
Delhi
मंगलवार, अक्टूबर 29, 2024
होमवायरलऑफिसर के सामने कुत्ते की तरह क्यूँ भौंकने लगा आदमी

ऑफिसर के सामने कुत्ते की तरह क्यूँ भौंकने लगा आदमी

कागज़, इंसान के जन्म से लेकर मरने तक उसकी पहचान कराने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़। ऐसे में किसी सरकारी कागज़ पर सोचिए अगर किसी का नाम या उपनाम गलत प्रिन्ट हो जाए तो कभी-कभी उसे सुधारवाने में एड़ियाँ घिस जाती हैं। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल में देखने को मिला, जहां राशन कार्ड पर एक शख्स का उपनाम गलत प्रिन्ट हो गया। जब काफ़ी मशक्कत के बाद उसमें सुधार नहीं किया गया तो उसने विरोध करने का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला जो आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यूजर्स भी पीड़ित व्यक्ति के सपोर्ट में नजर आए। देखिए विडिओ

https://youtu.be/0G7TLzHOF-8

ये वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल का बताया जा रहा है। वीडियो में देख सकते हैं कि शख्स अधिकारी के सामने एक कुत्ते की तरह व्यवहार कर रहा है और कुछ कहने की कोशिश कर रहा है। दरअसल शख्स का नाम राशन कार्ड में गलत लिख दिया गया है जिसकी वजह से शख्स अधिकारी की गाड़ी के खिड़की के समीप आकर अनोखा विरोध कर रहा है। शख्स का नाम श्रीकांति दत्ता है लेकिन राशन कार्ड में शख्स का सरनेम दत्ता से कुत्ता लिख दिया गया है। अब पीड़ित शख्स कुत्ते की तरह ही भौंक कर अपना विरोध दर्ज करा रहा है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लेकिन सोचिए कि उस पीड़ित व्यक्ति के बर्दाश्त की हद कहाँ पहुँच गई होगी कि उसे ये रास्ता अपनाना पड़ा?

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
सम्बंधित लेख

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

सर्वाधिक पढ़े गए

हाल ही की प्रतिक्रियाएँ

Pradeep on वक़्त