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सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
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कवरेज से लौटते समय मीडियाकर्मी पर अज्ञात लोगों ने किया हमला

आपके मोबाईल या लैपटॉप जिस पर भी ये फोटो आप देख रहे हैं वो एकदम ठीक है, ये फोटो काली ही है। ये काला रंग आपके मोबाईल, लैपटॉप और अखबार के टेक्स्ट का भी है। लेकिन आज ये फोटो काली क्यूँ है? क्यूंकि समाज में घटने में सच्चाई को दिखाने वाले एक मीडियाकर्मी पर हमला हुआ है। उसे पहुंची हुई चोट लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर पहुंची हुई उन कई चोटों में से एक है, जो ये बताती हैं कि इस देश में लोकहित में सुशासन और सुव्यवस्था के लिए मीडिया ने भी कभी आवाज़ उठायी थी।

शहर में तापमान की गिरावट से न सिर्फ लोग वाक़िफ़ हैं बल्कि बढ़ती हुई सर्दी की वजह से रात के समय लोगों ने घर से निकलना भी बंद कर दिया है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो अपना कर्तव्य पूरा करने सड़कों पर देर रात भी निकलते हैं। जिनमें पुलिसकर्मियों के अलावा निगम के सफाईकर्मी, संस्थानों के सुरक्षाकर्मी और विभिन्न मीडिया हाउसेज़ के मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।

मंगलवार की रात को इन्साइट इंडिया न्यूज़ के संपादक और प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक समाचार पत्र के उपसंपादक नील कमल तिवारी भी रात को बढ़ती हुई ठंड के हालात को कैमरा पर कैद करने निकले। इस दौरान उन्होंने शहर में जलते हुए अलावों के साथ-साथ साफ-सफाई में जुटे कर्मियों की तस्वीरें लीं और उनसे बातचीत भी की। इसके बाद वो लगभग रात्रि 12:30 बजे रद्दीचौकी से घमापुर की ओर जाने वाली सड़क पकड़कर अपने दुपहिया से घर लौटने लगे। लेकिन इसी बीच सिन्धी कैम्प के पास अचानक एक दुपहिया वाहन में तीन अज्ञात तत्त्व उनके समीप पहुँचे और उन्होंने बेसबॉल के बल्ले से पहले उनके कैमरा पर प्रहार किया जिससे वो क्षतिग्रस्त हो गया।

इससे पहले वो कुछ समझ पाते तभी उनमें से एक ने उन्हें गिराने के उद्देश्य से उनकी चलती बाइक पर लात से प्रहार किया। जिससे नील कमल का वाहन थोड़ा डगमगाया लेकिन उन्होंने उसे संभाल लिया। इसके बाद नील कमल ने उनका थोड़ी दूर पीछा करने की कोशिश की कि तभी एक अन्य दुपहिया वाहन में सवार कुछ अज्ञात तत्त्वों ने उनकी बाइक को कट मारकर गिरा दिया। जिससे नील कमल को चेहरे, घुटने और पंजे में काफी चोट आई।

दुर्घटना की आवाज सुनकर कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी को और उन्हें उठाकर घर पहुंचाया। इसके बाद नील कमल ने घटना की जानकारी हनुमानताल थाना में दर्ज करवायी। नील के मुताबिक वे इन हमलावरों को नहीं पहचानते हैं। घटना को लेकर पत्रकारों में भी आक्रोश व्याप्त है। श्रमजीवी पत्रकार परिषद् के प्रदेश उपाध्यक्ष विलोक पाठक ने कहा है कि यदि नील कमल तिवारी पर हमला करने वाले अपराधियों को शीघ्र नहीं पकड़ा गया तो परिषद् गृहमंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगी।

वो फोटो जिसे मंगलवार देर रात नील कमल ने कैप्चर किया
Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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