24.1 C
Delhi
मंगलवार, अक्टूबर 29, 2024
होमकलाकविताई (चैप्टर - दूसरा) कार्यक्रम अंतर्गत जबलपुर में 07 अप्रैल को सजेगी...

कविताई (चैप्टर – दूसरा) कार्यक्रम अंतर्गत जबलपुर में 07 अप्रैल को सजेगी ‘कविता की शाम’

साहित्यिक संस्था ‘हिन्दी में’ और ‘माही संदेश पत्रिका’ के संयुक्त तत्वावधान में साहित्य और काव्य प्रेमियों के लिए समर्पित कार्यक्रम ‘कविताई’ ( चैप्टर – दूसरा) का आयोजन 07 अप्रैल 2023 को शाम 04 बजे से निराश्रित वृद्धाश्रम जबलपुर में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम आयोजक सदस्य शिवांकित तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम में देश के नामचीन कवि, शायर आदि अपनी रचनाएँ सुनाएंगे। गौरतलब है कि ‘कविताई’ कार्यक्रम में युवा कवि एवं रचनाकारों को भी काव्यपाठ करने का अवसर मिलेगा। ‘हिन्दी में’ साहित्यिक संस्था साहित्य,सृजन और शिक्षा के उद्देश्य को लेकर देश के विभिन्न शहरों में कविता यात्रा का आयोजन कर रही है। आपको बता दें कि कविता यात्रा के पहले पड़ाव ‘कविताई’ (चैप्टर – पहला) का ऐतिहासिक आयोजन गुलाबी नगरी जयपुर में किया गया था। कविता यात्रा का दूसरा आयोजन जबलपुर में किया जा रहा है। आयोजन मंडल के सदस्यों ने इस अद्भुत कविता के कार्यक्रम में शामिल होने हेतु नगरवासियों से अपील की है। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल मीडिया पार्टनर है।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
सम्बंधित लेख

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

सर्वाधिक पढ़े गए

हाल ही की प्रतिक्रियाएँ

Pradeep on वक़्त