NIA की टीम ने 26 मई की शाम प्रतिबंधित संगठन जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश) से जुड़े भोपाल टेरर फंडिंग मामले में जबलपुर में लगभग 10 जगहों पर छापेमारी की कार्यवाही, देर रात तक चली इस कार्यवाही के बारे आधिकारिक जानकारी न मिलने के कारण अटकलों का भी दौर चला। शाम 8 बजे के आसपास क्राइम ब्रांच के दफ्तर के बाहर भारी पुलिस बल देखने को मिला, कुछ ही देर में ओमती, सिविल लाइन, गोसलपुर सहित कई क्षेत्रों में पुलिस का भारी बल तैनात कर दिया गया।
तीन संदिग्धों को गिरफ़्तार कर कोर्ट में किया पेश: जबलपुर में एनआईए और एमपी एटीएस की कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किए 3 आरोपियों को भोपाल में एनआईए की विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को 3 जून तक की रिमांड पर भेज दिया। वहीं सूत्रों के मुताबिक 2 अधिवक्ता और 1 प्रोफेसर को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। सूत्रों के हवाले से आरोपियों के पास 1 एसएलआर राइफल सहित आपत्तिजनक साहित्य भी जप्त होने की बात सामने आई है। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
आखिर क्या है जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश): जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश) एक प्रतिबंधित संगठन है जोकमजोर भारतीय मुस्लिम युवाओं को प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हिंसक जिहाद करने के लिए प्रेरित करने वाला संगठन है, इसके सदस्य जिहादी साहित्य, भड़काऊ वीडियो और बयानों (बायन्स) को प्रसारित करते हैं और जेएमबी, अल-कायदा और तालिबान सहित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादी कृत्यों का समर्थन, औचित्य और महिमामंडन करते हैं , अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ गठबंधन करने की साजिश कर ‘हिंसक जिहाद’ की खोज के माध्यम से भारत में शरीयत आधारित इस्लामी शासन स्थापित करने का इनका अंतिम लक्ष्य है।
क्या है भोपाल टेरर फंडिंग का मामला: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को प्रतिबंधित संगठन जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश) से जुड़े भोपाल टेरर फंडिंग मामले में उत्तर प्रदेश में दो स्थानों पर छापेमारी की। 10 पहले से ही गिरफ्तार अभियुक्त और एनआईए कोर्ट, भोपाल द्वारा मामले में चार्जशीट किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में छह बांग्लादेशी हैं और सक्रिय जेएमबी कैडर हैं। वे बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और भारत में अपने हमदर्दों की मदद से झूठे/जाली भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल किए थे।
बैंक पासबुक और पहचान दस्तावेज: वर्तमान में जिन दस्तावेजों की जांच की जा रही है, वे अभियुक्तों द्वारा धन के हस्तांतरण से संबंधित संदिग्ध लेनदेन से संबंधित हैं। एनआईए जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए सभी 10 आरोपी कमजोर भारतीय मुस्लिम युवाओं को प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हिंसक जिहाद करने के लिए प्रेरित करने में शामिल थे। वे जिहादी साहित्य, भड़काऊ वीडियो और बयानों को प्रसारित कर रहे थे और जेएमबी, अल-कायदा और तालिबान सहित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादी कृत्यों का समर्थन और महिमामंडन कर रहे थे। उनके पास अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक अखिल भारतीय नेटवर्क बनाने की भव्य योजना थी और अपने सह-आरोपी के साथ, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और असम सहित विभिन्न राज्यों में सफलतापूर्वक ठिकाने स्थापित किए थे। इसके अंतर्गत ही केस (RC- 11/2022/एनआईए/डीएलआई डीएलआई) एनआईए द्वारा 5 अप्रैल 2022 को यूए (पी) अधिनियम और विदेशी अधिनियम, 1946 की विभिन्न धाराओं के तहत पंजीकृत किया गया था। इसे मूल रूप से पीएस एसटीएफ में प्राथमिकी संख्या 13/2022 दिनांक 14 मार्च 2022 के रूप में पंजीकृत किया गया था। भोपाल में जेएमबी के छह सक्रिय कैडरों को उनके किराए के मकान से गिरफ्तार करने के बाद भोपाल स्थित घर से जिहादी साहित्य, डिजिटल डिवाइस, प्रिंटर, पेपर कटिंग मशीन, बुक बाइंडिंग सामग्री आदि का जखीरा भी जब्त किया गया। मामले के प्रभाव और राष्ट्रीय सुरक्षा के विकास को देखते हुए, एनआईए ने बाद में जांच को अपने हाथ में ले लिया और चार और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।