28.1 C
Delhi
सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
होमसाहित्यकहानीअ रैंडम डे इन अ रिलेशनशिप

अ रैंडम डे इन अ रिलेशनशिप

कल रात दोनों की फोन पर बहुत लड़ाई हुई। उसे लगता है कि उसका किसी और के साथ चक्कर चल रहा है। बात इतनी आगे पहुँच गई कि उसने उससे एक हफ्ते तक बात न करने की कसम खा ली। इतना मन-मुटाव होने के बाद भी दोनों फोन रखने के लिए राज़ी नहीं थे। शायद उन दोनों को उम्मीद थी कि कोई न कोई मनाने की पहल शुरू करेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आखिरकार एक-दूसरे की शक्ल ज़िंदगी भर न देखने और मर भी जाऊँ तो बात न करने की बात पर सेटलमेंट हुआ। दोनों ने फोन रख दिया और सोने चले गए। लेकिन सोने से पहले अपने-अपने तकियों को आसुओं से गीला भी कर दिया। सुबह दोनों की नींद देर से और आगे-पीछे ही खुली। उसने उसको मेसेज करके गुड मॉर्निंग विश किया। उसने भी उसको जवाब में गुड मॉर्निंग कहा। थोड़ी देर में दोनों ऑफिस के लिए तैयार भी हुए। उसने उसको उसके घर से पिक किया और रोज़ की तरह ऑफिस के बाहर नाश्ते के लिए पोहे की दुकान पर रुके। उसने उसके पोहे में प्याज नहीं डलवायी। उसे उसके खाने की पसंद नापसंद के बारे में पता है। दोनों ने एक-दूसरे से अब तक कोई बात नहीं की। दोनों अपने-अपने दफ्तरों में अपने कामों में लग गए। दिन में दोनों ऑफिस के पास की कैन्टीन में लंच पर मिले। एक टेबल पर साथ बैठकर खाना खाया लेकिन कोई बात नहीं की। लंच करके वापिस अपने-अपने काम पर भी लौट गए। शाम को काम खत्म करके पार्किंग में मिले और साथ ही वापिस चल पड़े। रास्ते में एक कार अचानक ही उसकी गाड़ी के सामने आ गई। उसने झट से ब्रेक दबाया। इससे उसको झटका लगा। उसने उससे सॉरी कहा। उसने भी उससे सॉरी कहा। इसके बाद उसने डिनर के लिए पूछा। उसने हाँ कह दिया। रात को दोनों खाने पर फिर मिले, एक-दूसरे के पसंदीदा रंगों के लिबास पहने हुए। इस दफा दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। इसके बाद उसकी उससे खाने के टेबल पर खाने के पहले, खाने दौरान और खाने के बाद बिल आने तक बहुत सारी बातें हुईं।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
सम्बंधित लेख

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

सर्वाधिक पढ़े गए

हाल ही की प्रतिक्रियाएँ

Pradeep on वक़्त