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छोटी बजट की अच्छी फ़िल्मों को दर्शक और स्क्रीन दिलवाने पंचकृति के मेकर्स कर रहे हैं अनूठा प्रयास

निर्माता हरिप्रिया भार्गव और निर्देशन संजाॅय भार्गव की फिल्म ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ पांच अलग-अलग कहानियों पर आधारित है, जो आपस में संबंधित है। इसे चंदेरी जैसे छोटे से शहर की पृष्ठभूमि में स्थापित किया गया है। यह फिल्म एक मिश्रित कहानियों को कहने का एक अनोखा और साहसिक मार्ग है। इस कथा के मूल में बुन्देलखंड का चंदेरी नामक एक छोटा सा शहर है, जो भारत के मध्य प्रदेश राज्य में फैला एक पहाड़ी इलाका है। बुन्देलखण्ड अपनी भौगोलिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए लोकप्रिय है। फिल्म की पांच कहानियां वास्तविक घटनाओं पर आधारित हैं। इस फिल्म के मेकर्स के मुताबिक इस फिल्म की कहानी विचारोत्तेजक है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी साथ ही फिल्म देखने पर मालूम चलेगा कि इसमें दर्शकों के लिए एक सरप्राइज है। हालांकि अभी तक फिल्म का मोशन पोस्टर और एक गाना ही यूट्यूब पर जारी किया गया है। अभी तक इसके ट्रेलर रिलीज़ और फिल्म रिलीज़ की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

दर्शकों की सोच से आगे होंगे पुरुस्कार – आयएमडीबी के मुताबिक 4 अगस्त 2023 को फिल्म के रिलीज़ की संभावना है। मेकर्स के मुताबिक रिलीज़ के बाद फिल्म ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ के प्रचार-प्रसार करने के लिए लकी ड्रॉ के ज़रिए आकर्षक पुरस्कार वितरित किये जाएंगे। इसके भाग्यशाली दर्शकों को रचनात्मक और सुस्वादु सामग्री का आनंद लेने का मौका मिलेगा। जिसमें भारत की समृद्ध ग्रामीण सांस्कृतिक विरासत और गौरव की सच्ची झलक होगी। मेकर्स के अनुसार हर स्क्रीनिंग में तीन लकी ड्रा और बम्पर पुरस्कार जीतने का अवसर दर्शकों को प्राप्त होगा। कुछ पुरस्कार उनकी पहुंच और सोच से ज्यादा आकर्षक होंगे।

अच्छी फिल्मों के प्रदर्शन को बढ़ावा देने प्रयास – निर्माताओं ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक नया कीर्तिमान बनाने वितरकों, थिएटर मालिकों, उत्पाद निर्माताओं और दर्शकों के साथ मिलकर नया काम किया है। निर्माताओं को आशा है कि इस प्रयास से पूरे विश्व के सिनेमाओं में नया बदलाव आएगा।इस फिल्म से पूरे परिवार के साथ मनोरंजन का आंनद और सिनेमा की जादुई दुनियां को देखने का बढ़ावा मिलेगा। छोटे बजट के असाधारण कंटेंट निर्माताओं और अद्भुत क्षेत्रीय प्रतिभाओं को एक नया और योग्य स्थान मिलेगा। यह अभियान उन वितरकों और स्क्रीन मालिकों के बीच विश्वास हासिल करने और आत्मविश्वास बढ़ाने का प्रयास करता है जो अच्छी फिल्मों का प्रदर्शन करने में स्वाभाविक रूप से झिझकते हैं।

क्या है पंचकृति – बृजेन्द्र काला फिल्म के मुख्य पात्रों में से एक हैं। काला कहते हैं कि ‘पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स’ में कई लोकप्रिय और बड़े कलाकार शामिल है। पांच अलग-अलग कहानियों को अनावश्यक तत्वों के बिना, रचनात्मक रूप से एक सकारात्मक पारिवारिक-मनोरंजन फिल्म में एक साथ पिरोया गया है। यह फिल्म मानसून सीज़न में भारत भर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। निर्माता, निर्देशक और प्रमोटर देशभर में व्यापक स्तर पर कार्य कर रहे हैं।

क्या कहते हैं इसके निर्माता-निर्देशक – इस अनूठी फिल्म का निर्देशन संजाॅय भार्गव ने किया है। संजाॅय कहते हैं कि हम फिल्म के माध्यम से अपनी भारतीय परंपरा और संस्कृति पर एक विशेष संदेश देना चाहते हैं जो सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन विरासत को प्रतिबिंबित करती है। फिल्म की सभी पांच कहानियां हमें सोचने पर विवश कर देगी कि हम अपने भारतीय पारंपरिक दैनिक जीवन में कहाँ और कैसे रहते हैं? और क्या करते हैं? यह मानवीय है और किसी भी अंधविश्वास पर आधारित नहीं है। फिल्म में अनुभवी कलाकारों को लिया गया है, कहानी का फिल्मांकन करते समय फिल्म को प्रभावी और सशक्त बनाने के लिए और अभिनय को वास्तविक रूप प्रदान करने के लिए बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पडा है। फिल्म की निर्माता हरिप्रिया भार्गव का कहना है कि उन्होंने हमारी समृद्ध विरासत, रीति-रिवाजों, परंपराओं और भारतीय ग्रामीण जीवन शैली से प्रभावित होकर यह कहानी बनाई है। वह आगे कहती हैं कि यह फिल्म भारत के दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले उभरते प्रतिभाशाली कलाकारों को काम करने का मौका और नई पहचान दिलाती है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी शामिल होती हैं जो दिल से इस कन्टेन्ट का समर्थन करती हैं। साथ ही फिल्म प्रचार की रणनीति थिएटर मालिक और वितरकों को भी मौका देती है। हरिप्रिया बेहद खुश हुई कि इस फिल्म की कुछ कहानी महिलाओं पर केंद्रित है। फिल्म ‘पंचकृति फाइव एलिमेंट्स’ प्रेम से अभिभूत और हृदय को छू लेने वाले आध्यात्मिक गीतों का समावेश है। संगीत राजेश सोनी द्वारा रचित है।

अस्वीकरण – फिल्म के लकी ड्रॉ से प्राथमिक मीडिया या इससे जुड़े लोगों का कोई संबंध नहीं है। समाचार में फिल्म मेकर्स के दावे को पेश किया गया है। जिसकी प्राथमिक मीडिया पुष्टि नहीं करता। फिल्म देखने जाने से पूर्व फिल्म मेकर्स के दावों की पड़ताल करें एवं अपने विवेकानुसार निर्णय लें। फिल्म देखने से हुए लाभ या हानि के लिए प्राथमिक मीडिया ज़िम्मेदार नहीं होगा

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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1 टिप्पणी

  1. ऐसी फिल्म ही एक नई क्रांति ला सकती है क्षेत्रीय कलाकारों को अवसर भी , निर्माता निर्देशक को साधुवाद अमित परनामी एक्टर एंकर

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