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आर. डी. भारद्वाज और रविंद्र कुमार सिंह सहित जबलपुर के चार पुलिसकर्मियों को मिला के. एफ़. रुस्तमजी पुरुस्कार

जबलपुर की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने और शहर में शांति कायम रखने में पुलिसकर्मियों का विशिष्ट योगदान है। कठिन काम और तनाव भरी दिनचर्या के बीच अपने कार्य में उत्कृष्टता दिखाना स्वयं में एक उपलब्धि है। इसी उत्कृष्टता को के. एफ़. रुस्तमजी पुरुस्कार से सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के 55 पुलिसकर्मियों की सूची जारी की गई है। ये पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए दिए जा रहे हैं, इसमें जबलपुर से चार नाम शामिल हैं।

आर. डी. भारद्वाज (तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक ओमती)

रविंद्र कुमार सिंह – कंट्रोल रूम प्रभारी

दीपक प्रधान, प्र. आर. 586, 6 वीं वाहिनी, वि. स. बल, जबलपुर

गौरव सिंह ठाकुर, आरक्षक, वि. शा. जिला जबलपुर

इसके अलावा सूची में वर्ष 2021 में भोपाल सायबर क्राइम की तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक रहीं नीतू ठाकुर विश्वकर्मा का भी नाम है जो वर्तमान में जबलपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर पदस्थ हैं। इन सभी पुलिसकर्मियों को 50 हज़ार रुपये और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। कंट्रोल रूम प्रभारी रविंद्र कुमार सिंह ने इस मौके पर हर्ष व्यक्त करते हुए प्राथमिक मीडिया को बताया कि उनके वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और सहयोग से उन्हें यह पुरुस्कार मिला है और वो आगे भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बेहतर पुलिस सेवा देते रहेंगे।

कौन करता है चयन – जबलपुर से चार पुलिसकर्मियों का नाम के. एफ़. रुस्तमजी पुरुस्कार के लिए चुना जाना बेहद गौरव की बात है क्यूंकि इनका चयन राज्य स्तर पर किया जाता है। इन सभी का चयन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता वाली और गुप्तवार्ता, विशेष सशस्त्र बल और प्रशासन के पुलिस महानिरीक्षकों की सदस्यता वाली समिति द्वारा किया जाता है।

कौन थे के. एफ़. रुस्तमजी – के. एफ़. रुस्तमजी का पूरा नाम ख़ुसरो फ़रामुर्ज़ रुस्तमजी था। उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वे सीमा सुरक्षा बल के प्रथम महानिदेशक थे। उन्होंने सुरक्षा में उन्नति और नई प्रगतियों को प्रोत्साहित किया और अपने प्रशासनिक कौशल से बल को मजबूती दी। उन्हें विशिष्ट बल का पहला बॉर्डरमैन भी कहा जाता है।

पद्म विभूषण के एफ़ रुस्तमजी

क्या है के. एफ़. रुस्तमजी पुरुस्कार – मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2013 से शुरू किए गये इस पुरस्कार का उद्देश्य पुलिस बल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को दस्यु उन्मूलन अभियान, नक्सल विरोधी अभियान, सांप्रदायिक दंगों, कानून और व्यवस्था की गंभीर परिस्थितियों के नियंत्रण में अच्छा कार्य करने तथा कार्य निर्वहन के उच्च कोटि की वीरता का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह पुरस्कार हर साल 1 अप्रैल से 31 मार्च(वित्तीय वर्ष) के बीच में किए जाने वाले कार्यों के लिए दिया जाता है।

तीन श्रेणियों में है पुरुस्कार – इस पुरुस्कार की तीन श्रेणियां हैं। जिसमें पहली परम विशिष्ट श्रेणी में पाँच पुलिसकार्मियों को 5 लाख रुपये अथवा रिवाल्वर, 12 बोर गन अथवा 315 बोर राइफल और प्रमाण पत्र दिया जाता है। दूसरी अति विशिष्ट श्रेणी में 2 लाख रुपये अथवा रिवाल्वर, 12 बोर गन अथवा 315 बोर राइफल तथा प्रमाण पत्र 6 पुलिसकर्मियों को दिया जाता है। तीसरी विशिष्ट श्रेणी में 50 हज़ार रुपये और प्रमाण पत्र 50 पुलिसकर्मियों को दिये जाते हैं।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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