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रिस्क मैनेजमेंट में अलग-अलग हैं ये दोनों बातें, अक्सर एक समझ ली जाती हैं

जोखिम उठाने का माद्दा और जोखिम सहने की क्षमता (Risk appetite and risk tolerance)

शेयर बाजार निवेश आकर्षक रिटर्न का वादा करता है, लेकिन साथ ही साथ अंतर्निहित जोखिम भी रखता है। निवेशकों के लिए सफलतापूर्वक नेविगेट करने के लिए, दो महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझना आवश्यक है: जोखिम उठाने का माद्दा (रिस्क अपेटाइट) और जोखिम सहने की क्षमता (रिस्क टॉलरेंस)। हालांकि ये अक्सर परस्पर उपयोग किए जाते हैं, ये वास्तव में भिन्न हैं।

1.जोखिम उठाने का माद्दा (Risk Appetite):

  • यह एक निवेशक की जोखिम लेने की इच्छा का आकलन करता है।
  • यह दर्शाता है कि संभावित उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेशक कितना नुकसान उठाने के लिए तैयार है।
  • उच्च जोखिम उठाने का माद्दा रखने वाले निवेशक आक्रामक निवेश रणनीति अपनाते हैं। तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में निवेश करते हैं भले ही उनके शेयरों में अस्थिरता का खतरा हो।
  • दूसरी ओर, कम जोखिम उठाने का माद्दा रखने वाले निवेशक रूढ़िवादी रणनीति अपनाते हैं, अपने पोर्टफोलियो की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और कम जोखिम वाले विकल्पों जैसे कि डिबेंचर या सरकारी बॉन्ड में निवेश करते हैं भले ही रिटर्न कम हों।

2. जोखिम सहन क्षमता (Risk Tolerance):

  • यह एक निवेशक की वास्तविक जोखिम सहने की क्षमता को दर्शाता है।
  • यह निर्धारित करता है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले संभावित नुकसान को सहने के लिए निवेशक कितना तैयार है।
  • यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शामिल हैं:
    • वित्तीय स्थिति: मजबूत वित्तीय स्थिति वाले निवेशक आम तौर पर अधिक जोखिम उठा सकते हैं या अधिक जोखिम लेते हैं।
    • आयु: युवा निवेशकों के पास बाजार के उतार-चढ़ाव से उबरने के लिए अधिक समय होता है, इसलिए उनकी जोखिम सहने की क्षमता अधिक होती है।
    • निवेश लक्ष्य: अल्पकालिक लक्ष्यों वाले निवेशकों को कम जोखिम उठाना चाहिए, जबकि दीर्घकालिक लक्ष्यों वाले निवेशक अधिक जोखिम उठा सकते हैं।
    • भावनात्मक नियंत्र: जो निवेशक भावनाओं में न बहकर तार्किक निर्णय लेते हैं, उनकी जोखिम सहने की क्षमता अधिक होती है।

जोखिम उठाने का माद्दा और जोखिम सहने की क्षमता का संबंध:

  • जोखिम उठाने का माद्दा एक व्यक्तिपरक अवधारणा है जो दर्शाती है कि कोई व्यक्ति कितना जोखिम लेना चाहता है।
  • जोखिम सहने की क्षमता एक वस्तुनिष्ठ अवधारणा है, यह दर्शाती है कि कोई व्यक्ति कितना जोखिम लेने में वास्तव में सक्षम है।
  • एक सफल निवेश रणनीति विकसित करने के लिए दोनों को संतुलित करना ज़रूरी है।
  • निवेशकों को ऐसे निवेश उत्पादों का चयन करना चाहिए जो उनकी जोखिम सहने की क्षमता के अनुकूल हों, भले ही उनका जोखिम लेने का झुकाव अधिक हो।

उदाहरण के तौर पर – यदि किसी युवा निवेशक की जोखिम सहनशीलता अधिक है, लेकिन उसकी आय सीमित है। तो उसे उच्च जोखिम वाले छोटे शेयरों में निवेश करने से बचना चाहिए भले ही वे आकर्षक रिटर्न का वादा करते हों। उनकी जोखिम सहने की क्षमता को उनकी वास्तविक वित्तीय स्थिति द्वारा सीमित किया जाता है।

सरल शब्दों में अंतर समझने के लिए एक और उदाहरण लेते हैं: मान लीजिए आपको एक नया रेस्टोरेंट खोलने का विचार आया है। यह एक उच्च जोखिम वाला उद्यम है क्योंकि कई रेस्टोरेंट असफल हो जाते हैं। यदि आप इस रेस्टोरेंट को खोलने के लिए उत्साहित हैं, भले ही जानते हैं कि असफल होने का जोखिम है, तो यह आपके जोखिम उठाने के माद्दा (Risk Appetite) को दर्शाता है। लेकिन, अगर आप इस विचार को सिर्फ इसलिए छोड़ देते हैं कि आप इतना बड़ा नुकसान सहने के लिए तैयार नहीं हैं, तो यह आपकी कम जोखिम सहन क्षमता (Risk Tolerance) क्षमता को दर्शाता है।

जोखिम उठाने का माद्दा और जोखिम सहने की क्षमता को समझना शेयर बाजार में सफल निवेश के लिए महत्वपूर्ण है। निवेशकों को इन दोनों कारकों का आकलन करना चाहिए और एक संतुलित निवेश

अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। लेख में चित्रों का उपयोग केवल उदाहरण के लिए किया गया है।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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