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सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
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कोरोना का घर पर इलाज कब हो सकता है, पटना एम्स ने जारी किया कोविड-19 प्रोटोकॉल

कोरोना के लक्षण आने पर इंतज़ार न करें और तुरंत जाँच करवाएं और यदि आपकी जाँच रिपोर्ट आ चुकी है और आपके अन्दर कोरोना का संक्रमण पाया गया है तो आपको क्या करना चाहिए. आल इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस पटना ने covid19 प्रबंधन के लिए 12 पेज की एक स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर एंड हैण्ड बुक जारी की है जिसमें covid19 मैनेजमेंट प्रोटोकॉल दिए गए हैं. इसमें बताया गया है कि आपको हल्का यानी माइल्ड covid19 है, इसके लक्षण बच्चों और वयस्कों के लिए एक जैसे हो सकते हैं. ये लक्ष्ण आपके ऊपरी श्वसन भाग और प्रणाली से जुड़े हिस्से जैसे नाक, गला और श्वसन नली में दिखाई दे सकते हैं या महसूस हो सकते हैं. इन लक्षणों के साथ ही या इनके बिना बुखार आना भी हलके covid19 एक लक्षण है. हालाँकि साँस लेने में तकलीफ़ या ऑक्सीजन की कमी यानी hypoxia को माइल्ड covid19 के लक्षण में शामिल नहीं किया गया है. यदि ये लक्षण किसी व्यक्ति में पाए जाते हैं तो उसको OPD से परीक्षण उपरान्त “डे केयर” में रखा जा सकता है या फिर उसे उसके ही घर में आइसोलेशन में रखा जा सकता है. और उसे फ़ोन पर भी सलाह दी जा सकती है.

एक बात जो अलग से यहाँ दी जा रही है वो ये कि हल्का covid19 होने पर आप स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आप 1075 पर अपने इन लक्षणों की जानकारी अवश्य दें. जहाँ से आपको आवश्यक निर्देश जारी कर दिए जाएंगे. हालाँकि कुछ दिनों पहले जब ख़ुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ कॉल किया तो आधे घंटे इंतज़ार के बाद उनकी कॉल कनेक्ट हो पायी. उम्मीद है कि अब ये हेल्पलाइन पहले से बेहतर हो गयी होगी. खैर, अगर यहाँ कॉल कनेक्ट न हो तो अपने शहर के covid कण्ट्रोल सेण्टर पर कॉल करें. मेरी मानें तो घर में किसी के संक्रमित होने का इंतज़ार न करें. अपने शहर के covid कण्ट्रोल सेण्टर का नम्बर फ़ोन पर सुरक्षित करके रखें. इंजेक्शन, ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने वाले विभाग, कर्मचारी, स्वयंसेवी संस्थाओं के नम्बर भी रखें. ताकि वक़्त पड़ने पर आपके या किसी और के काम आ सकें.

पटना एम्स के द्वारा जारी covid19 प्रोटोकॉल के मुताबिक़

यदि आपको हल्का covid19 है तो आपको covid19 प्रोटोकॉल के तहत समुचित खान-पान, पोषण और पानी पियें.

व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का पालन करना जारी रखें, फेस मास्क लगायें. दो वर्ष से ऊपर के बच्चे भी फेस मास्क लगा सकते हैं.

हर छः घंटे में अपना तापमान नापें और यदि लगातार बुखार आ रहा है तो हर घंटे अपना तापमान लें. बुखार को नियंत्रित करने के लिए आप नल के साफ़ पानी में सूती कपड़े को भिगाकर उसकी पट्टी माथे पर रखें.

छः मिनट पैदल चलने के पहले और बाद में अपने शरीर में ऑक्सीजन का स्तर यानी SPo2 नापें. यदि ये 94 प्रतिशत से कम है या पैदल चलने के बाद इसमें 5 प्रतिशत गिरावट आती है तो चिकित्सक सलाह लें. हर छः घंटे में SPo2 मापते रहे. यदि निचली श्वसन प्रणाली में यानि छाती वाले हिस्से में साँस से जुड़ी कोई तकलीफ़ हो या जलन हो तो हर घंटे एसपीओ2 मापते रहे.

अभिभावकों की देख-रेख में हर छः घंटे में क्लोरेहक्सिडिन से मुँह के अंदरूनी हिस्से को साफ़ करने के लिए कुल्ला करें. जितनी देर ले सकें कम से कम दो बार भाप लें.

माइल्ड covid19 में जो दवाएं इस प्रोटोकॉल के तहत ले सकते हैं वो हैं

सामान्य से अधिक याने 100फेरेनहाईट से ज़्यादा बुखार हो तो 500 mg वाली पेरासिटामोल गोली ले सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि 24 घंटे में उसे अधिकतम 4 बार ही ले सकते हैं. बच्चों को पेरासिटामोल उनके वज़न के मुताबिक़ दी जाती है. यानि 10 से 15 mg पेरासिटामोल प्रति किलोग्राम के हिसाब से. जैसे यदि बच्चे का वज़न 10 किलोग्राम है तो उसे 100 से 150 mg पेरासिटामोल की ख़ुराक एक बार में दी जा सकती है.

विटामिनc की 500mg क्षमता वाली एक गोली दिन में एक बार दो सप्ताह तक रोज़ लें

50mg क्षमता वाली जिंक टेबलेट दिन में एक बार दो सप्ताह तक रोज़ लें, बच्चों ले लिए 20mg की क्षमता वाली जिंक टेबलेट का इस्तेमाल करें

अगर गला बंद लगने जैसी नौबत आये तो लेवोसेटिरिज़िन 5mg + मॉन्टेलुकास्ट 8 mg रोज़ एक गोली रात को सोने से पहले 5 दिन तक लें, बच्चों को लेवोसेटिरिज़िन 2.5mg + मॉन्टेलुकास्ट 4 mg या बच्चों के उनके वज़न और उम्र के मुताबिक़ ख़ुराक दें.

दवायें लेने के दौरान यदि पेट में जलन हो तो 40mg वाली पेंटप्रेज़ोल रोज़ खाली पेट और बच्चों को कम क्षमता यानि 20mg की दें

दस्त लगने पर प्रोबायोटिक 1 सेशे दिन में दो बार और बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार दें

गले की ख़राश और खाँसी से राहत के लिए ज़रूरत पड़ने पर चूसने वाली गोलियाँ ले सकते हैं.

माइल्ड covid19 के लक्षण होने पर ओरल स्टेरॉयड के तौर पर डेक्सामेथासोन 6mg रोज़ या इसके ही बराबर मेथाईलप्रेडिसिलोन की खुराक, और बच्चों को प्रेडिसिलोन 1mg/ किग्रा के हिसाब से प्रतिदिन या फिर इसकी के बराबर डेक्सामेथासोन या मेथाईलप्रेडिसिलोन की ख़ुराक लेने की सलाह covid19 प्रोटोकॉल में दी गयी है, लेकिन स्टडी में विशेषज्ञों ने पाया है कि जिन लोगों का SPO2 94% से ऊपर है उनके लिए स्टेरॉयड फ़ायदेमंद नहीं हैं. इसलिए वे स्तेरोइड्स न लें.

इस तरह से देखभाल और दवा लेने के बाद बीमारी के तीसरे से लेकर पाँचवे दिन तक ये टेस्ट करवाएं, अगर पहले हो चुके हों तो फिर से ये टेस्ट करवाएं.

CBC with peripheral smear
CRP, Serum ferritin, Serum LDH
PT, aPTT, INR, D-Dimer, Fibrinogen
LFT, RFT
Chest X Ray PA VIEW (इसमें देखें कि श्वसन तंत्र के निचले हिस्से में लक्षण हैं या नहीं)

कुछ मुद्राएं हैं जो आपको जागते हुए करना है. हर मुद्रा आप 30 मिनट से लेकर अधिकतम 2 घंटे तक कर सकते हैं. किसी भी मुद्रा में समयसीमा बर्दाश्त की हद तक ही रखें.

पहली मुद्रा है पेट के बल लेटना
दूसरी है दाहिनी ओर (दाईं ओर) लेटना
तीसरी है इस तरह से 60 से 90 डिग्री में बैठना या इस तरह से चेहरा ऊपर करके सीधे लेटना
चौथा बाईं ओर लेटना
और पाँचवा वापिस पहली मुद्रा में पेट के बल लेटना

14 दिन के होम आइसोलेशन समाप्त होने के बाद आपके टेस्ट के आधार पर डॉक्टर्स को लगता है कि आपकी प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है तो आपको 20 दिन तक आइसोलेशन में और रहना चाहिए. माइल्ड covid19 के इस तरह से इलाज के पश्चात् हॉस्पिटल से छुट्टी के लिए या फिर होम आइसोलेशन ख़त्म करने के लिए RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट की ज़रूरत नहीं पड़ती है.

इस तरह से माइल्ड covid होने की स्थिति में चिक्तिसक की सलाह लेकर आप घर में रहकर अपनी देखभाल कर सकते हैं लेकिन मध्यम और बहुत अधिक covid19 से पीड़ित होने पर आपको चिकित्सक की देखरेख में हॉस्पिटल में भर्ती होना ही पड़ेगा.

अस्वीकरण – उपरोक्त जानकारी पटना एम्स के द्वारा जारी covid-19 प्रोटोकॉल के कुछ हिस्से का हिन्दी अनुवाद है, जिसके हम सौ प्रतिशत सटीक होने का दवा नहीं करते. हलचल मीडिया द्वारा ये जानकारी आपको भय की स्थिति से बचाने के लिए दी गयी है. हमारी सलाह है कि covid-19 या किसी भी तरह की बीमारी का इलाज करने के लिए दवाएं स्वयं के मुताबिक न लें. ऊपर दी हुई दवाएं एवं जाँच एवं परीक्षण प्रमाणित चिकित्सक एवं लैब के निर्देश में ही करवाएं. उपरोक्त सामग्री को जानकारी मानकर चलें. प्रमाणित इलाज के लिए अपने चिकित्सक या अस्पताल की सहायता लें. उपरोक्त जानकरी का इस्तेमाल यदि आप स्वयं के लिए इलाज के लिए बिना किसी अनुभवी और प्रमाणिक चिकित्सक की सलाह के बिना करते हैं तो उससे हुए नुक्सान या हानि के लिए हलचल मीडिया ज़िम्मेदार नहीं होगा

Chakreshhar Singh Surya
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चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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