बीते मंगलवार कटनी के वार्ड नं. 30 भट्टा मोहल्ला और वार्ड नं. 18 के नमूनों में अफ़्रीकन स्वाइन फ्लू फीवर की पुष्टि होने से कटनी में सूकर पालकों के आश्रय के आसपास एक किलोमीटर की परिधि में इन्फेक्टिड ज़ोन घोषित कर दिया गया है। साथ ही इन ज़ोन के समीप 9 किलोमीटर परिधि को सर्विलियन्स ज़ोन घोषित किया गया है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन्फेक्टिड ज़ोन के सूकरों की आवाजही प्रतिबंधित कर डी गई है। साथ ही सूकर मालिकों और उनके संपर्कों में आए लोगों की भी आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। मृत सूकरों के शरीर को डीप बेरियल विधि से दफनाया जा रहा है। इसके अलावा सूकर के व्यापार और माँस बेचने पर भी रोक लगा दी गई है। इस बारे में कटनी के पशु चिकित्सक डॉ सौरभ पांडे ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) और क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) सूअरों के अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग हैं। ये चिकित्सकीय रूप से समान हैं। हालांकि क्लासिकल स्वाइन फीवर को ‘हॉग हैजा’ के रूप में भी जाना जाता है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर संक्रमित सूअरों, उनके मल या शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से और फार्मों में सूअरों के बीच काम करते हैं उनसे फैलता है। इसके अलावा संक्रमित सुअर का मांस खाने से भी ये फैलता है।
हाल ही की प्रतिक्रियाएँ
वक़्त
on