जबलपुर– महिला आरक्षक के साथ बलात्कार के आरोप में फरार चल रहे टीआई संदीप अचायी की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।
रेप मामले में फरार इनामी थाना प्रभारी संदीप अयाची की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट में खारिज,आपत्तिकर्ता पीड़िता की ओर से अधिवक्ता आलोक तिवारी ने दलील दी कि आवेदक पर गंभीर आरोप हैं एवं वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है यदि उसे जमानत मिलती है तो वह विवेचना पर प्रभाव डाल सकता है एवं पीड़िता को भी जान का खतरा है अतः अग्रिम जमानत निरस्त किए जाने योग्य है,
तर्क से सहमत होकर हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी ने अपराध को गंभीर प्रवृत्ति का मानते हुए अग्रिम जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया। फरार टीआई की गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक ने इनाम घोषित कर रखा है।
महिला आरक्षक ने कटनी में पदस्थ टीआई संदीप अयाची के खिलाफ 3 अगस्त 2022 को महिला थाना जबलपुर में बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में कहा है कि साल 2018 में जबलपुर के गोरखपुर थाने में पदस्थ थे। उसी थाने में संदीप अचायी टीआई के रूप में पदस्थ थे। इस दौरान दोनों में दोस्ताना बंधन बन गये थे। इसके बाद संदीप अचायी का स्थानांतरण जबलपुर के पनागर थाने हो गया था। उसकी भी डयूटी पनागर थाने में लगाई गयी थी। इस दौरान टीआई उसे एक होटल के कमरें में ले गये और शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कृत्य किया।इसके बाद पचपढी,पेंच सहित अन्य स्थानो में ले जाकर शादी का झांसा देकर दैहिक षोषण किया। प्रयागराज ले जाकर उसके साथ औपचारिक रूप से विवाह भी किया था।
अग्रिम जमानत याचिका में कहा गया था कि दोनों के बीच आपसी सहमत्ति से शारीरिक संबंध स्थापित हुए थे। शिकायतकर्ता बालिग थी और सहमत्ति से संबंध बनने के कारण बलात्कार का अपराध नहीं बनता है। अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए शासन की ओर से कहा गया कि आरोपी टीआई की गिरफ्तारी पर पांच हजार रूपये का ईनाम घोषित है। पूर्व में भी आरोपी ने अपने औहदे की धमकी पीडिता को दी है। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। पीड़िता पुलिसकर्मी की और से आपत्ति अधिवक्ता आलोक तिवारी ने पेश की एवं सरकार की तरफ से उप शासकीय अधिवक्ता आलोक अग्निहोत्री उपस्थित हुए।
बलात्कार के आरोपी टीआई को हाईकोर्ट से झटका
अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज
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Sandeep Ayachi Bail Application dismissed.