जबलपुर जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने तथा आने वाले त्यौहारों के दौरान जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने के मद्देनजर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144(1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है तथा यह आगामी दो महीने तक प्रभावी रहेगा।
आयोजन के बिना न करें कार्यक्रम और ध्यान रखें धार्मिक भावनाओं का: आदेश के मुताबिक सभी प्रकार के आयोजन प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति से ही किये जा सकेंगे। अनुमति प्राप्त न होने पर या बिना अनुमति के आयोजित कार्यक्रमों को अवैधानिक घोषित कर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। अनुमति प्राप्त आयोजनों में भी ऐसे नारे अथवा शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा, जिससे किसी भी धर्म या वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। ऐसा पाये जाने की स्थिति में संबंधित त्रुटिकर्ता के साथ-साथ कार्यक्रम के आयोजकों के विरूद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
वाहन रैली प्रतिबंधित, बाहरी व्यक्ति को रखने पर देनी होगी पुलिस को सूचना: आदेश में संपूर्ण जबलपुर जिले में दो पहिया वाहन रैली को भी पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही घरेलू नौकरों एवं व्यावसायिक नौकरों की सूचना संबंधित पुलिस थाने में विहित प्रारूप में देना अनिवार्य किया गया है। इसी प्रकार यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने मकान में किरायेदार या पेईंग गेस्ट रखने की सूचना भी निर्धारित प्रारूप में थाने में मकान मालिक को देना होगी। आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था या पशु मालिक अपने पशु को खुले तौर पर सड़कों पर न छोड़े और न ही सड़कों पर आने दें।
होटल, लॉज और धर्मशाला पर भी निगरानी: होटल, लॉज एवं धर्मशाल में रूकने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र लेना भी प्रतिबंधात्मक आदेश में अनिवार्य किया गया है। एवं यहां रूकने वाले व्यक्तियों की सूची निर्धारित प्रारूप में प्रतिदिन संबंधित पुलिस थाने को देना होगी।
सोशल मीडिया पर रहेगी कड़ी नज़र: प्रतिबंधात्मकआदेश में जिले के सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में एक्स(ट्विटर), फेसबुक, व्हाटसएप जैसे सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म परआपत्तिजनक, भडकाऊ अथवा उद्वेलित करने वाले फोटो, चित्र, आडियो, वीडियो, मैसेज करने पर भी रोक लगाई गई है। आदेश में सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले अथवा भड़काऊ या आपत्तिजनक और उद्वेलित करने वाले चित्र, संदेश, वीडियो या आडियो को फारवर्ड करने, लाइक करने या उन पर कमेंट करने की गतिविधियों को भी प्रतिबंधित किया गया है।
प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन होने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं अन्य समस्त प्रावधानों के अंतर्गत दोषी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों पर कार्यवाही की जायेगी।