बच्चों का सिनेमा पीछे छूट रहा है, कोविड के बाद से ये स्थिति और बढ़ गई है। बच्चे अपने दोस्तों के साथ अपनी पसंद के सिनेमा का लुत्फ़ लेने सिनेमाघरों तक भी नहीं पहुँच पा रहे हैं। “बाइसिकल डेज़” सिनेमाघरों से बच्चों को दुबारा जोड़ने के साथ-साथ उन्हें ज़िंदगी में दोस्ती से लेकर शिक्षकों तक की अहमियत मनोरंजक ढंग से समझाने की कोशिश है। धनश्री रोडे, दीप सुले और देवयानी अनंत द्वारा निर्मित एक बहुप्रतिक्षित पारिवारिक फिल्म बाइसिकल डेज 14 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
छिंदवाड़ा में शूट हुई है फिल्म – इस फिल्म को मुख्यत: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में फिल्माया गया है। यह फिल्म १० वर्षीय आशीष की कहानी कहती है जो गांव के मध्यम वर्गीय परिवार से है। आशीष भी बाकी बच्चों की तरह अपने आसपास के माहौल से प्रभावित है। आशीष भी अपने दोस्तों की तरह शहर पढ़ने जाना चाहता है पर उसके पिताजी चाहते है कि वो गांव में ही पढ़े, उसे भी बाकी बच्चों की तरह नई पुस्तकों से पढ़ना है, पर उसे उसकी बड़ी बहन की पुरानी पुस्तकें दी जाती है। स्कूल से निकटता के कारण वह सरकारी वितरण कार्यक्रम द्वारा दी गई साइकिल से वंचित रह जाता है। आशीष अपने आसपास हो रहे बदलाव को समझ नहीं पाता और निराश होने लगता है। वह हर उस बात और व्यक्ति से नाराज हो जाता है जिससे वह पहले बहुत प्रेम करता है।
मनोभावों और यथार्थ का चित्रण – देवयानी अनंत द्वारा निर्देशित और लिखित यह फिल्म बच्चों की मनस्थिति को दर्शाती है। यह फिल्म जीवन में दोस्ती और एक छात्र के जीवन में शिक्षक की भूमिका की महत्वता समझती है। यह फिल्म विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखना सिखाती है। केयूर भगत द्वारा रचित संगीत, कहानी में एक भावपूर्ण स्पर्श जोड़ते है, जबकि साहेब श्रेय द्वारा लिखे गए गीत पात्रों की भावनाओं और गहराई को व्यक्त करते हैं। बाईसिकल डेज के कलाकारों का नेतृत्व दर्शित खानवे कर रहे है, जो आशीष की भूमिका निभा रहे है और सोहम शाह एक शिक्षक की भूमिका निभा रहे है। फिल्म में ऋषभ साहू, पर्व अग्रवाल, मुदित गुन्हेरे, कार्तिक नेमा, मितुल गुप्ते, निधि दीवान और उमेश शुक्ला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पी कल्याणी सुनील द्वारा कैप्चर की गई फिल्म की शानदार सिनेमैटोग्राफी, कहानी में यर्थाथवाद की भावना को जोड़ते हुए मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों की सुंदरता को दर्शाती है। अजय कडवाडकर की कोरियोग्राफी फिल्म के संगीत दृश्यों में आनंद का एक तत्व जोड़ती है और छोटी-छोटी चीजों में खुशी खोजने के महत्व पर प्रकाश डालती है।
देवयानी अनंत एक दशक से अधिक समय से हिन्दी फिल्म उद्योग में काम कर रही है। वह मध्यप्रदेश की मूल निवासी है और सम्राट अशोक अभियांत्रिकी महाविद्यालय विदिशा से इंजीनियरिंग पास आउट है। हिंदी फीचर फिल्म ‘‘बाइसिकल डेज’’ उनकी पहली फीचर फिल्म है, जिसमें नायक सहित सभी बाल कलाकार मध्य प्रदेश के विभिन्न स्कूलों से हैं, साथ ही फिल्म में मध्यप्रदेश के थिएटर समूहों के कुछ वरिष्ठ कलाकारों को भी शामिल किया गया है, इनके अलावा 40 बच्चें शासकीय माध्यमिक शाला लकडाई जम्होडी के हैं, जो शूट की मुख्य लोकेशन थी।