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सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
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आम बजट 2024 में क्या घोषणाएँ की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने, पढ़िये संक्षिप्त में

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UNION BUDGET 2024 @ प्रथमिक मीडिया – आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में निम्नलिखित प्रस्ताव किए। जिन्हें संक्षिप्त रूप में यहाँ दिया जा रहा है।

  • वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था में परिवर्तन की घोषणा की — मानक कटौती को ₹ 50,000 से बढ़ाकर ₹ 75,000 करने का प्रस्ताव।
  • नई कर व्यवस्था में  कर दर संरचना में संशोधन का प्रस्ताव
  • 0-3 लाख: शून्य
  • 3-7 लाख: 5%
  • 7-10 लाख: 10%
  • 10-12 लाख: 15%
  • 12-15 लाख: 20%
  • 15 लाख और उससे अधिक: 30%
  • नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी आयकर में ₹ 17,500 तक की बचत करेंगे
  • विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर की दर को 25% तक कम किया गया
  • एफ एंड ओ पर एसटीटी को क्रमशः 0.02% और 0.01% तक बढ़ाने का प्रस्ताव
  • असूचीबद्ध बॉन्ड, डिबेंचर, डेट म्यूचुअल फंड, मार्केट-लिंक्ड डिबेंचर पर स्लैब दर पर कर लगाया जाएगा
  • एंजल टैक्स समाप्त करने की घोषणा
  • चैरिटी के लिए दो कर छूट व्यवस्थाओं को एक में विलय किया जाएगा
  • सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% कर की दर लगेगी। इसके अतिरिक्त, पूंजीगत लाभ के लिए छूट की सीमा ₹ 1.25 लाख प्रति वर्ष निर्धारित की जाएगी।
  • एनपीएस वात्सल्य कार्यक्रम माता-पिता के लिए अपने बच्चों की ओर से निवेश करने के लिए उपलब्ध है। वयस्क होने के बाद खाता बच्चे को सौंपा जा सकता है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों और मान्यता को सरल बनाया जाएगा ताकि उनके प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सके। इस कदम का उद्देश्य विदेशी निवेश के लिए रुपये के उपयोग को प्राथमिकता और बढ़ावा देना है।
  • वित्त मंत्री ने कुछ दूरसंचार उपकरणों के लिए मुद्रित सर्किट बोर्ड असेंबलियों (पीसीबीए) पर शुल्क 10% से बढ़ाकर 15% करने का प्रस्ताव किया गया।
  • सरकार कैंसर उपचार के लिए तीन और दवाओं को कस्टम ड्यूटी से मुक्त करेगी।
  • सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को 6% और प्लैटिनम पर 6.4% तक कम किया जाएगा।
  • भारतीय मोबाइल उद्योग की परिपक्वता के मद्देनज़र मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीडीए (प्रिंटेड सर्किट डिज़ाइन असेंबली) और मोबाइल चार्जर्स पर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी (बीसीडी) को 15% तक कम करने का प्रस्ताव किया गया।
  • ग्रामीण विकास के लिए ₹2.66 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसमें ग्रामीण बुनियादी ढांचे शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के लाभों को और बढ़ाने के लिए कर संरचना को युक्तिसंगत बनाने का प्रयास किया जाएगा।
  • देश में छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों के विकास के लिए, सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी, भारत छोटे रिएक्टरों की स्थापना, भारत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान और विकास और परमाणु ऊर्जा के लिए नई तकनीकों के अनुसंधान और विकास में सहयोग किया जाएगा।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों और मान्यता को सरल बनाया जाएगा ताकि उनके प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जा सके। इस कदम का उद्देश्य विदेशी निवेश के लिए रुपये के उपयोग को प्राथमिकता और बढ़ावा देना है।
  • उच्च स्टाम्प ड्यूटी वसूलने वाले राज्यों को सभी के लिए अपनी दरों को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्क में और अधिक कटौती पर विचार किया जाएगा। ये उपाय शहरी विकास योजनाओं के आवश्यक घटकों के रूप में भी शामिल किए जाएंगे।
  • वित्त मंत्री ने ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए घोषणा की कि ऊर्जा संक्रमण मार्गों पर एक नीति दस्तावेज जारी किया जाएगा, जिसमें रोजगार और स्थिरता पर जोर दिया जाएगा। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को शुरू किया गया है, जिसमें 1 करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इस पहल के तहत 1.28 करोड़ पंजीकरण और 14 लाख आवेदन पहले ही प्राप्त हो चुके हैं, जो एक उल्लेखनीय है।
  • वित्त मंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर मॉडल का अनुसरण करते हुए, विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर में कॉरीडोर के विकास का समर्थन करने का प्रस्ताव किया। इसके अतिरिक्त, सरकार बिहार में नालंदा को एक पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता करेगी। उन्होंने ये घोषणा भी की कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने के लिए एक आर्थिक नीति ढांचे की शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा, सरकार उड़ीसा में पर्यटन विकास के लिए सहायता प्रदान करेगी।
  • पीएम ग्राम सड़क योजना का चरण 4 शुरू किया जाएगा ताकि 25,000 ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में सड़कें मिल सकें।
  • विष्णुपद मंदिर गलियारे और महाबोधि मंदिर गलियारे के व्यापक विकास का समर्थन किया जाएगा।
  • भूमि रिकॉर्ड को जीआईएस का उपयोग करके डिजिटाइज़ किया जाएगा।
  • (आईबीसी) भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड (INSOLVENCY & BANKRUPTCY CODE ) प्रक्रिया को तेज़ बनाया जाएगा। आईबीसी के परिणामों में सुधार के लिए एकीकृत तकनीकी प्लेटफॉर्म और एकीकृत प्रौद्योगिकी प्रणाली स्थापित करेगी। आईबीसी ने 1000 से अधिक कंपनियों को भंग कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप ₹3.3 लाख करोड़ की प्रत्यक्ष वसूली हुई है। आईबीसी में उचित परिवर्तन शुरू किए जाएंगे, अतिरिक्त न्यायाधिकरण स्थापित किए जाएंगे।
  • नई आर्थिक नीति का ढांचा भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमिता पर केंद्रित होगा।
  • अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए ₹1000 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा
  • बाढ़ से प्रभावित राज्यों सिक्किम, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के लिए वित्तीय सहायता
  • वित्त मंत्री ने पूंजीगत व्यय को ₹11.11 लाख करोड़ या जीडीपी का 3.4% रखा
  • सरकार अगले पांच वर्षों में चुनिंदा शहरों में 100 स्ट्रीट फूड हब विकसित करने के लिए योजना शुरू करेगी
  • 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए ट्रांजिट उन्मुख विकास कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे
  • सिडबी 24 नए शाखाएं खोलेगा ताकि एमएसएमई क्लस्टरों को सेवा प्रदान की जा सके, वित्त मंत्री ने कहा
  • एलएलपी के स्वैच्छिक समापन के लिए सी-पेस का विस्तार एलएलपी तक किया जाएगा
  • आबादी के पैमाने पर क्रेडिट, ई-कॉमर्स, कानून और न्याय, कॉर्पोरेट गवर्नेंस में डीपीआई अनुप्रयोगों के विकास का प्रस्ताव
  • औद्योगिक श्रमिकों के लिए डॉर्म जैसी आवासीय सुविधा के साथ किराये के आवास को पीपीपी मोड में सुविधाजनक बनाया जाएगा
  • रोजगार बजट!
  • सरकार अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप देने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी
  • मुद्रा ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाएगा
  • पिछले ऋण प्राप्त करने और चुकाने वालों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा ₹ 10 लाख से बढ़ाकर ₹ 20 लाख की जाएगी
  • वित्त मंत्री ने एमएसएमई पर विशेष ध्यान देने की घोषणा की, उन्होंने कहा कि यह बजट एमएसएमई और विनिर्माण पर विशेष ध्यान देता है।
  • विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना
  • मशीनरी खरीद के लिए टर्म लोन की सुविधा की शुरुआत
  • एमएसएमई को प्रौद्योगिकी समर्थन के लिए वित्त पोषण पैकेज तैयार किया गया
  • महिला नेतृत्व विकास
  • महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ से अधिक:
  • ग्रामीण विकास के लिए ₹2.66 लाख करोड़ का प्रावधान
  • वित्त मंत्री ने घोषणा की कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना एक प्राथमिकता होगी। यह होस्टल स्थापित करके और महिला-विशिष्ट कौशल कार्यक्रम आयोजित करने के लिए साझेदारियों का निर्माण करके किया जाएगा।
  • वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष वित्तीय समर्थन की घोषणा की
  • आंध्र प्रदेश के लिए ₹15,000 करोड़ की सुविधा प्रदान करने के लिए बजट, भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि
  • वित्त पोषण और समापन के लिए प्रतिबद्ध सरकार
  • बिहार के लिए नए हवाई अड्डे, चिकित्सा सुविधाएं और खेल इन्फ्रा की घोषणा
  • पांच योजनाएं 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं पर केंद्रित होंगी, जिसमें ₹2 लाख करोड़ की केंद्रीय राशि होगी
  • सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए ₹10 लाख तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी
  • निर्मला सीतारमण ने पीएम पैकेज के हिस्से के रूप में योजनाओं के माध्यम से रोजगार से जुड़े कौशल की घोषणा की। उन्होंने कहा, “ये योजनाएं ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी, जो पहली बार कर्मचारियों को पहचानने पर केंद्रित होंगी।“
  • पहली बार काम करने वालों को सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने पर एक महीने का वेतन मिलेगा।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन किश्तों में ₹15,000 तक का एक महीने का वेतन प्रदान किया जाएगा।
  • इस लाभ के लिए पात्रता सीमा ₹1 लाख प्रति माह का वेतन होगी, और यह 2.1 लाख युवाओं को लाभान्वित करने की उम्मीद है।
  • रोजगार से जुड़े प्रोत्साहनों के लिए तीन योजनाएं
  • ए: फ्रेशर्स के लिए एक महीने का वेतन
  • बी: विनिर्माण में रोजगार सृजन
  • सी: नियोक्ताओं को समर्थन
  • पहली बार कर्मचारियों को एक महीने का वेतन डीबीटी के माध्यम से ₹15,000 तक, पात्रता सीमा ₹1 लाख प्रति माह
  • 210 लाख युवाओं को लाभ
  • विनिर्माण रोजगार सृजन, ईपीएफओ योगदान के संबंध में निर्दिष्ट पैमाने पर प्रोत्साहन। 30 लाख युवाओं को रोजगार मिलने और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
  • कृषि अनुसंधान को उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु प्रतिरोधी किस्मों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रूपांतरित किया जाएगा।
  • कृषि अनुसंधान का रूपांतरण: कृषि अनुसंधान सेटअप की व्यापक समीक्षा की जाएगी, जलवायु प्रतिरोधी फसल किस्मों का विकास किया जाएगा।
  • भारत के लिए अवसर पैदा करने के लिए नौ प्राथमिकताओं का पीछा करने के लिए विस्तृत रोडमैप
  • ये हैं:
  • कृषि
  • रोजगार
  • समावेशी विकास
  • विनिर्माण और सेवाएं
  • शहरी विकास
  • ऊर्जा
  • बुनियादी ढांचा
  • नवाचार, अनुसंधान और विकास
  • अगली पीढ़ी के सुधार
  • इस बजट में, हमारा ध्यान रोजगार, कौशल, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर केंद्रित है
  • पांच योजनाएं 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं पर केंद्रित होंगी, जिसमें ₹2 लाख करोड़ की केंद्रीय राशि होगी
  • मुद्रास्फीति 4% लक्ष्य की ओर बढ़ रही है
  • पीएमजीकेएवाई को पांच वर्षों के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ
  •  मोदी सरकार की पहली प्रमुख नीति घोषणा, रोजगार सृजन और खपत को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी, जो विश्लेषकों को उपभोक्ता वस्तुओं, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर के लिए सकारात्मक होने की उम्मीद है।
  • भारत की आर्थिक वृद्धि एक उल्लेखनीय अपवाद बनी हुई है
  • 1 करोड़ किसानों को दो वर्षों में प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा।

स्टॉक मार्केट में विविधीकरण (Diversification) आपकी मदद कैसे करता है?

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स्टॉक मार्केट में विविधीकरण (Diversification), अपने निवेश को विभिन्न निवेश के विकल्पों में लगाने की रणनीति है। इसका मतलब है कि आप अपना सारा पैसा किसी एक कंपनी, सेक्टर या उद्योग में नहीं लगाते हैं, बल्कि इसे विभिन्न प्रकार के शेयरों, बॉन्ड, रियल एस्टेट और अन्य विकल्पों में विभाजित करते हैं।

विविधीकरण के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. जोखिम कम करना: विविधीकरण आपके पोर्टफोलियो के समग्र जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि किसी एक निवेश का मूल्य गिरता है, तो आपके अन्य निवेशों का मूल्य बढ़कर इसकी भरपाई कर सकता है।
2. रिटर्न में सुधार करना: विविधीकरण आपको विभिन्न प्रकार के निवेशों से लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकता है, जो आपके समग्र रिटर्न को बेहतर बना सकता है।
3. अस्थिरता को कम करना: विविधीकरण आपके पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में मदद कर सकता है, जिसका अर्थ है कि बाज़ार में होने उतार-चढ़ाव का असर आपके पूरे पोर्ट्फोलीओ पर नहीं पड़ेगा।
4. मानसिक शांति प्रदान करना: जब आप जानते हैं कि आपने अपने जोखिमों को कम करने के लिए कदम उठाए हैं, तो आप निवेश करने के बाद अधिक आत्मविश्वास और कम तनाव महसूस करेंगे।

विविधीकरण कैसे करें: विविधीकरण के कई अलग-अलग तरीके हैं। आप विभिन्न प्रकार के शेयरों, बॉन्ड, रियल एस्टेट, और अन्य निवेशों में निवेश करके ऐसा कर सकते हैं। आप विभिन्न देशों, क्षेत्रों और उद्योगों की कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं।

  • अपने निवेश की योजना बनाएं: निवेश योजना बनाते समय, अपने जोखिम सहनशीलता, लक्ष्यों और अवधि पर विचार करें।
  • विभिन्न प्रकार की संपत्तियों में निवेश करें: अपने निवेश को विभिन्न प्रकार की विकल्पों में करें जैसे कि शेयर, बॉन्ड, रियल एस्टेट, कमोडिटी और नकदी।
  • विभिन्न देशों, क्षेत्रों और उद्योगों में निवेश करें: अपने निवेश को विभिन्न देशों, क्षेत्रों और उद्योगों की कंपनियों में करें।
  • अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें: नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।

विविधीकरण एक महत्वपूर्ण रणनीति (Diversification is an important Investing Strategy) है जो आपको स्टॉक मार्केट में सफलतापूर्वक निवेश करने में मदद कर सकती है।

ये भी पढिए: अगर ये नहीं आता तो दूर रहिए स्टॉक मार्केट से!

अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

फायर सेफ़्टी ऑडिट के लिए निगम ने हाईराइज़ को दी 30 जून तक की डेडलाइन

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रिहायशी, शैक्षणिक, संस्थागत, सभा भवन, व्यावसायिक, व्यापारिक, औद्योगिक क्षेत्र के भवन स्वामियों से 30 जून तक अग्नि सुरक्षा व्यवस्था का अंकेक्षण प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश

निगमायुक्त प्रीति यादव ने सभी बहुमंजिला (हाईराइज) रिहायशी, शैक्षणिक, संस्थागत, सभा भवन, व्यावसायिक, व्यापारिक, औद्योगिक भंडारण तथा खतरनाक या मिश्रित उपयोग वाले भवनों के स्वामियों, संचालकों, और प्रबंधकों को अपने भवनों का अग्नि सुरक्षा व्यवस्था का अंकेक्षण कराने के संबंध में सख्ती दिखाते हुए 30 जून तक हर हाल में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद सभी भवन स्वामियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि अनुज्ञप्तिधारी, पंजीकृत अग्नि शमन इंजीनियर, और कंसल्टेंट के माध्यम से पूर्ण कराकर अग्नि शमन अंकेक्षण प्रतिवेदन नगर निगम के अग्नि शमन विभाग में 30 जून 2024 से पूर्व जमा करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि अग्नि शमन इंजीनियर की जानकारी वेबसाइट https://www.enagarpalika.gov.in/ पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा अनुज्ञप्त अग्निशमन इंजीनियर, कंसल्टेंट में अम्बुज मिश्रा (मोबाइल: 7415934400), अश्वनी कुमार चौहान (मोबाइल: 7000466976), अमित शिवहरे (मोबाइल: 8085584168), और निखिल रनपुरिया (मोबाइल: 8962401266) के नाम शामिल हैं।

निगमायुक्त ने सभी बहुमंजिला (हाईराइज) रिहायशी, शैक्षणिक, संस्थागत, सभा भवन, व्यावसायिक, व्यापारिक, औद्योगिक भंडारण तथा खतरनाक या मिश्रित उपयोग वाले भवनों के स्वामियों, संचालकों, और प्रबंधकों से अपील की है कि 30 जून 2024 के पहले अपना अग्निशमन अंकेक्षण प्रतिवेदन निगम के अग्नि शमन विभाग में जमा करें और निगम की अप्रिय कार्यवाही से बचें।

निगमायुक्त यादव ने 30 जून के बाद वैधानिक कार्यवाही हेतु फायर अधीक्षक कुसाग्र ठाकुर और सहायक अधीक्षक राजेन्द्र पटेल को भी निर्देश जारी किए हैं।

जबलपुर की पहली डिजिटल लायब्रेरी 1 जुलाई से होगी शुरू

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15,000 से अधिक डिजिटल किताबें और 100 से अधिक कंप्यूटर स्क्रीन युक्त हैं गांधी भवन डिजिटल लाइब्रेरी

नगर निगम ने शहर और बाहरी इलाकों से जबलपुर आकर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए बड़े पैमाने पर सुविधाएं विकसित की हैं। निगमायुक्त प्रीति यादव ने बच्चों के लिए अध्ययन संबंधी खुशखबरी साझा करते हुए बताया कि 1 जुलाई से छात्र-छात्राएं डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस संदर्भ में अपर आयुक्त श्रीमती अंजू सिंह ठाकुर ने बताया कि निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव द्वारा गांधी भवन डिजिटल लाइब्रेरी की सदस्यता शुल्क और नियमों का निर्धारण किया गया है।

कैसे लें डिजिटल लाइब्रेरी की सदस्यता – अपर आयुक्त अंजू सिंह ठाकुर ने बताया कि डिजिटल लाइब्रेरी में अध्ययन करने वाले प्रत्येक पाठक के लिए सदस्यता अनिवार्य है। सदस्यता के लिए आधार कार्ड और बिजली बिल की छायाप्रति संलग्न करना होगा। बी.पी.एल. कार्डधारकों के लिए बी.पी.एल. कार्ड की प्रमाणित छायाप्रति संलग्न करना होगा, जिसे मूल कार्ड से मिलान करने के बाद स्वीकार किया जाएगा। सदस्यता प्राप्त करने के बाद निर्धारित स्थान पर ही बैठना होगा और किसी भी डेस्क को अपना निर्धारित स्थान नहीं समझना चाहिए, स्टाफ द्वारा फेरबदल कर अन्य स्थान पर बैठाया जा सकता है।

दो शिफ्टों में खुलेगी डिजिटल लायब्रेरी – प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक और दोपहर 02:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक। समय समाप्ति के 15 मिनट पहले सदस्य को अपनी सीट छोड़नी होगी और कंप्यूटर सिस्टम बंद करना होगा। अध्ययन के लिए केवल कॉपी और पेन ले जाने की अनुमति होगी, पुस्तकें ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। सीट बदलने की अनुमति नहीं होगी, और कंप्यूटर सिस्टम खराब होने की स्थिति में लाइब्रेरी स्टाफ को तुरंत सूचना देनी होगी। किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के समय सहयोग प्रदान करना होगा। डिजिटल लाइब्रेरी में मोबाइल फोन और अन्य साधनों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा, केवल लाइब्रेरी सिस्टम का उपयोग करें। नियमों का उल्लंघन करने पर सदस्यता 1 सप्ताह के लिए निलंबित की जा सकती है। पुस्तकालय में प्रवेश के समय मोबाइल स्विच ऑफ या साइलेंट मोड पर रखना अनिवार्य होगा और सभी को रजिस्टर में विवरण दर्ज करना होगा। भोजन और नाश्ता अंदर ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित है।

डिजिटल लाइब्रेरी की सदस्यता शुल्क

  • मासिक ऑनलाइन पोर्टल शुल्क: 100 रुपये
  • बी.पी.एल. सदस्य के लिए ऑनलाइन पोर्टल और कंप्यूटर लाइब्रेरी उपयोग शुल्क: 100 रुपये
  • अन्य सदस्यों के लिए: 200 रुपये
  • छः माह के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुल्क: 500 रुपये
  • बी.पी.एल. सदस्य के लिए: 500 रुपये
  • अन्य सदस्यों के लिए: 800 रुपये
  • वार्षिक सदस्यता शुल्क: 1000 रुपये
  • बी.पी.एल. सदस्य के लिए: 1000 रुपये
  • अन्य सदस्यों के लिए: 1500 रुपये

क्या होगा कार्ड गुमने पर – सदस्यता कार्ड शुल्क सदस्यता शुल्क में शामिल है। कार्ड गुमने या क्षतिग्रस्त होने पर पुनः बनवाने के लिए 50 रुपये देना होगा। निर्धारित सदस्यता शुल्क 1 जुलाई 2024 से प्रभावशील होगी। नियमों का उल्लंघन या अनुचित व्यवहार करने पर स्थायी सदस्यता समाप्त की जा सकती है।

गांधी भवन डिजिटल लाइब्रेरी के पोर्टल में 15,000 से अधिक किताबें डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध हैं और 100 से अधिक कंप्यूटर स्क्रीन भी लगे हैं। सदस्यता लेकर लाइब्रेरी में या अपने घर पर लॉगिन पासवर्ड की मदद से पुस्तकें पढ़ सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट भी दे सकते हैं। यह लाइब्रेरी ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में सभी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं प्रदान कर रही है। स्कूल के विद्यार्थियों के लिए कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी विषयों का कंटेंट उपलब्ध है, कॉलेज और परीक्षाओं के टेस्ट पेपर और किताबें भी उपलब्ध हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे पीएससी, बैंक, रेलवे आदि के कंटेंट और टेस्ट पेपर भी उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, यहाँ डिजिटल तरीके से जर्मन, फ्रेंच जैसी भाषाएं सीखने का अवसर भी है। डिजिटल लाइब्रेरी के लिए सदस्यों को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाता है। सदस्यता लेने के लिए स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, और ईमेल के माध्यम से लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्राप्त कर सकते हैं।

अगर ये नहीं आता तो दूर रहिए स्टॉक मार्केट से!

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आजकल यंगस्टर्स स्टॉक मार्केट की तरफ खिंचे चले जा रहे हैं। क्यूंकि सोशल मीडिया में स्टॉक मार्केट के ज़रिए कम समय में ज़्यादा पैसे कमाने के सपने दिखाए जा रहे हैं। युवा सोशल मीडिया में आने वाले भ्रामक विज्ञापनों के बहकावे में आकर कभी कोई चैनल तो कभी कोई ग्रुप जॉइन करके उसमें आने वाली tips पर भरोसा करके अपनी पूंजी गंवा देते हैं। तो क्या आपको स्टॉक मार्केट से दूर रहना चाहिए? इस लेख के अंत तक आपको इसका जवाब मिल जाएगा।

स्टॉक मार्केट में निवेश बेशक़ लाभ कमाने का एक शानदार तरीका हो सकता है, लेकिन यह जोखिमों से भी भरा होता है। यदि आप स्टॉक मार्केट में सफलतापूर्वक निवेश करना चाहते हैं, तो आपका जोखिम प्रबंधन (रिस्क मैनेजमेंट) Risk Management बढ़िया होना चाहिए। आपको अपने जोखिम उठाने का माद्दा और जोखिम सहने की क्षमता (Risk appetite and risk tolerance) का भरपूर ज्ञान होना चाहिए।

रिस्क मैनेजमेंट क्या है?
रिस्क मैनेजमेंट स्टॉक मार्केट में निवेश से जुड़े संभावित नुकसान को कम करने की रणनीति बनाने और अपनाने की प्रक्रिया है। जिसमें नीचे दिए बिन्दु महत्त्वपूर्ण हैं।

  • जोखिमों की पहचान: सबसे पहले, आपको यह समझना होगा कि स्टॉक मार्केट में कौन से जोखिम हैं। इनमें बाजार जोखिम(market risk), कंपनी-विशिष्ट जोखिम (company-specific risk), तरलता जोखिम (liquidity risk) और लेनदेन जोखिम (credit risk) शामिल हो सकते हैं।
  • जोखिमों का मूल्यांकन: एक बार जब आप जोखिमों की पहचान कर लेते हैं, तो आपको उनका मूल्यांकन करना होगा। इसका मतलब है कि यह निर्धारित करना कि हर जोखिम कितना गंभीर है और यह आपके निवेश को कितना नुकसान पहुंचा सकता है।
  • जोखिमों को कम करना: आखिर में आपको अपने निवेशों से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए रणनीतियां बनानी होंगी। इसमें विविधीकरण, स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग, और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना शामिल हो सकता है।

रिस्क मैनेजमेंट के फायदे:

  • नुकसान कम करता है: रिस्क मैनेजमेंट आपके निवेशों से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने में मदद करता है।
  • लाभ को अधिकतम करता है: जोखिम कम करके आप अपने निवेश से अधिक लाभ कमाने की संभावना बढ़ाते हैं।
  • आत्मविश्वास बढ़ाता है: जब आप जानते हैं कि आपने जोखिमों को कम करने के लिए कदम उठाए हैं तो आप अधिक आत्मविश्वास के साथ निवेश कर सकते हैं।

रिस्क मैनेजमेंट रणनीतियाँ:

  • विविधीकरण: अपने निवेश को विभिन्न प्रकार की संपत्तियों में फैलाकर, आप किसी भी एक संपत्ति के मूल्य में गिरावट के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
  • स्टॉप-लॉस ऑर्डर: स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक निर्देश है जो आपके ब्रोकर को किसी शेयर की कीमत एक निश्चित स्तर तक गिरने पर उसे बेचने का आदेश देता है। यह आपको एक बड़े नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है।
  • भावनाओं को नियंत्रित करें: स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। लालच और डर से बचें, क्योंकि ये आपको गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

ये भी पढिए: रिस्क मैनेजमेंट में अलग-अलग हैं ये दोनों बातें, अक्सर एक समझ ली जाती हैं

अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

“विश्व पर्यावरण दिवस” पर डुमना नेचर पार्क में युवाओं ने की नेचर वॉक

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टीम “सेव डुमना” और रेडियो 106.4 एफएम का संयुक्त प्रयास

पेड़ कट रहे हैं, जल स्त्रोत सूख रहे हैं और प्रदूषित भी हो रहे हैं, तापमान लगातार बढ़ रहा है। प्रकृति का लगातार क्षरण हो रहा है। जलचर-थलचर और नभचर सभी पर्यावरण में हो रहे बदलावों से प्रभावित हो रहे हैं। अगर अभी भी इंसानों ने इन संकेतों को अनदेखा किया तो न सिर्फ मनुष्य बल्कि सम्पूर्ण धरती खतरे में पड़ जाएगी। प्रकृति से जुड़े इन गंभीर मुद्दों से युवाओं को रूबरू कराने जबलपुर की टीम “सेव डुमना” और रेडियो 106.4 एफएम ने मिलकर डुमना में नेचर वॉक जा आयोजन किया।

1973 से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया भर में पर्यावरण के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय “भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोध” पर केंद्रित है और इसकी मेज़बानी सऊदी अरब द्वारा की गई।

जबलपुर के लोगों को उनके शहर का प्राकृतिक पक्ष दिखाने और जबलपुर के बचे हुए हरित आवरण को संरक्षित करने की जागरूकता बढ़ाने के लिए डुमना नेचर पार्क में इस नेचर वॉक का आयोजन किया गया।

लगभग एक दर्जन प्रकृति प्रेमियों ने डुमना नेचर पार्क में इस नेचर वॉक का आनंद लिया। जिसका नेतृत्व वरिष्ठ प्रकृतिवादी जगत फ्लोरा ने किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को पार्क के वनस्पतियों और जीवों के बारे में जानकारी दी, विशेष रूप से ‘भूमि पुनर्स्थापना के अभ्यास’ और क्षेत्र के ‘प्राकृतिक इतिहास’ के बारे में। प्रतिभागियों को जबलपुर और उसकी जैव विविधता के बारे में कई रोचक तथ्य जानने को मिले। वे शहर के परिसर में इस तरह की गतिविधि का अनुभव करके रोमांचित थे।

स्टॉक मार्केट के इन जोखिमों के बारे में जानते हैं आप?

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1. बाजार जोखिम (Market Risk): यह पूरे बाजार को प्रभावित करने वाली परिस्थितियों में बदलाव के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान का जोखिम है। इसमें कई कारण शामिल हो सकते हैं, जैसे:

  • ब्याज दरें (Interest Rates): ब्याज दरों में वृद्धि से शेयरों के मूल्य में गिरावट आ सकती है।
  • विदेशी विनिमय दरें (Exchange Rates): विदेशी मुद्राओं की दरों में उतार-चढ़ाव कंपनियों के मुनाफे और शेयरों की कीमतों को प्रभावित कर सकता है।
  • कमोडिटी कीमतें (Commodity Prices): कच्चे तेल, धातु और अन्य वस्तुओं की कीमतों में बदलाव विभिन्न उद्योगों को प्रभावित कर सकते है, जिससे शेयरों की कीमतें घट या बढ़ सकती हैं।

2. कंपनी-विशिष्ट जोखिम (Company-Specific Risk): यह किसी खास कंपनी से जुड़ा हुआ खास जोखिम है। इसमें ऐसी घटनाएँ शामिल हो सकती हैं, जो सिर्फ उसी कंपनी को प्रभावित करती हैं, जैसे:

  • प्रबंधन संबंधी समस्याएं (Management Issues): कभी कभी कंपनी के प्रबंधन में कमजोरियों से कंपनी के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
  • श्रमिक हड़तालें (Labor Strikes): कर्मचारियों की हड़ताल से कंपनी का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे मुनाफा कम हो सकता है।
  • उत्पाद वापसी (Product Recalls): यदि किसी कंपनी के उत्पाद में कोई खामी पाई जाती है और उसे वापस लेना पड़ता है, तो इससे कंपनी की प्रतिष्ठा को धक्का लग सकता है और शेयरों की कीमतों में गिरावट आ सकती है।

3. तरलता जोखिम (Liquidity Risk): यह किसी निवेश को जल्द से जल्द बेचने में या उचित मूल्य पर खरीदने में असमर्थता का जोखिम है। उदाहरण के लिए:

  • छोटी कंपनियों के शेयर (Small-Cap Stocks): छोटी कंपनियों के शेयरों में आम तौर पर कम ट्रेडिंग वॉल्यूम होता है। ऐसे में इन्हें जल्दी से बेचना मुश्किल हो सकता है।
  • अल्पज्ञात बाजार (Illiquid Markets): कुछ बाजारों में कुछ निवेशों का कारोबार बहुत कम होता है। इन्हें बेचने में परेशानी हो सकती है।

4. लेनदेन जोखिम (Transaction Risk): यह उधारकर्ता द्वारा ऋण चुकाने में विफलता या अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में असमर्थता के कारण होने वाले नुकसान का जोखिम है। उदाहरण के लिए:

  • कॉर्पोरेट बॉन्ड (Corporate Bonds): यदि कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो वह अपने बॉन्ड धारकों को भुगतान करने में सक्षम नहीं हो सकती है।

इन चारों जोखिमों को समझना और इनके प्रबंधन के लिए रणनीति बनाना स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक बनने के लिए महत्वपूर्ण है।

अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। लेख में चित्रों को उपयोग केवल उदाहरण के लिए किया गया है।

स्टॉक मार्केट में हाथ आज़माने से पहले जान लें ये बातें…

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स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहाँ लाखों लोग निवेश करते हैं और बहुत से लोग हवा की रफ्तार से इस निवेश से बड़ा मुनाफ़ा कमाने की उम्मीद रखते हैं। इसलिए, इस बाजार में निवेश करने से पहले सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। यहाँ हम आपको स्टॉक मार्केट में हाथ डालने से पहले किन बातों का ज्ञान होना चाहिए, उनके बारे में बताएंगे।

1. बुनियादी बातें समझें:

  • स्टॉक क्या हैं: स्टॉक किसी कंपनी के स्वामित्व का एक हिस्सा दर्शाते हैं। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप कंपनी के मुनाफे और संपत्ति में हिस्सेदारी प्राप्त करते हैं।
  • बाजार कैसे काम करता है: शेयरों की कीमतें आपूर्ति और मांग के आधार पर निर्धारित होती हैं। जब किसी कंपनी के स्टॉक की मांग अधिक होती है, तो कीमत बढ़ जाती है और इसके विपरीत होने पर कीमत गिर जाती है।
  • विभिन्न प्रकार के निवेश: स्टॉक के अलावा, आप म्यूचुअल फंड, बॉन्ड और ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) जैसे अन्य निवेशों में भी पैसा लगा सकते हैं।

2. आपका जोखिम प्रबंधन (risk management) कैसा है?

  • जोखिम सहनशीलता क्या है: जोखिम सहनशीलता यह मापती है कि आप कितना नुकसान सहन कर सकते हैं। यदि आप जोखिम लेने से डरते हैं, तो आपको कम जोखिम वाले निवेशों में निवेश करना चाहिए। यदि आप अधिक जोखिम लेने के इच्छुक हैं, तो आप उच्च जोखिम वाले निवेशों में निवेश कर सकते हैं।
  • अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन कैसे करें: अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करने के लिए कई ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी उपलब्ध हैं। आप किसी वित्तीय सलाहकार से भी बात कर सकते हैं।

3. अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करें:

  • आपको निवेश क्यों करना है: आप सेवानिवृत्ति के लिए बचत करना चाहते हैं, घर खरीदना चाहते हैं या बस अपना पैसा बढ़ाना चाहते हैं? अपने लक्ष्यों को जानने से आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि कितना निवेश करना है और कब निवेश करना है।
  • कितने समय के लिए करना है: आपको यह तय करना पड़ेगा लो आप कितने समय के लिए अपने पैसे या पूंजी को निवेश करने की योजना बना रहे हैं। यदि आपका निवेश दीर्घकालिक है तो आप अधिक जोखिम वाले निवेशों में निवेश कर सकते हैं। यदि अल्पकालिक है तो आपको कम जोखिम वाले निवेशों में निवेश करना चाहिए।

4. निवेश से पहले ज़रूरी है रिसर्च:

  • कंपनियों में निवेश करने से पहले उनका इतिहास, वर्तमान और भविष्य की योजनाएँ देखें: किसी कंपनी में निवेश करने से पहले, उसके वित्तीय, प्रबंधन और उद्योग के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। आप कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट, वेबसाइट और वित्तीय समाचार लेख पढ़कर ऐसा कर सकते हैं।
  • विभिन्न निवेशों की तुलना करें: विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश करने से पहले उनकी तुलना करना महत्वपूर्ण है। आप ऐसा ऑनलाइन निवेश कैलकुलेटर या वित्तीय सलाहकार की मदद से कर सकते हैं।

5. भावनाओं को नियंत्रित करें:

  • लालच और भय से बचें: जब बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहा होता है तो लालच और जब खराब प्रदर्शन कर रहा होता है तो भय से बचें। भावनाओं के आधार पर निवेश करने से आप गलतियाँ कर सकते हैं।
  • शांत रहें और अनुशासित रहें: स्टॉक मार्केट में दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है। अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं और अपनी निवेश योजना पर टिके रहें।

6. पेशेवर सलाह लें:

  • यदि आप अनिश्चित हैं तो वित्तीय सलाहकार से सलाह लें: यदि आप स्टॉक मार्केट में निवेश करने के बारे में अनिश्चित हैं, तो आप वित्तीय सलाहकार से सलाह ले सकते हैं। वे आपको आपकी वित्तीय स्थिति, लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर निवेश योजना बनाने में मदद कर सकते हैं।

7. धोखाधड़ी से सावधान रहें:

  • स्टॉक मार्केट में कई धोखाधड़ी होती हैं: सावधान रहें और किसी भी निवेश में पैसा लगाने से पहले उसका अध्ययन करें। आप प्रतिष्ठित कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के साथ भी काम कर सकते हैं।

8. धैर्य रखें:

  • स्टॉक मार्केट में रातोंरात अमीर बनने की उम्मीद न करें: स्टॉक मार्केट में पैसा कमाने में समय लगता है। धैर्य रखें और अपनी निवेश योजना पर टिके रहें।

9. नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें:

  • अपने निवेशों की निगरानी करना और आवश्यकतानुसार समायोजन करना महत्वपूर्ण है: अपने दीर्घकालिक पोर्टफोलियो की समीक्षा कम से कम साल में एक बार करें।

10. निवेश का आनंद लें:

  • निवेश करना एक सीखने की प्रक्रिया है: गलतियाँ करना स्वाभाविक है। महत्वपूर्ण बात यह है कि उनसे सीखें और सुधार करते रहें।

याद रखें स्टॉक मार्केट में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च और अध्ययन करें, अपनी जोखिम सहनशीलता को समझें और केवल वही पैसा लगाएं जिसे आप खोने के बाद भी विचलित न हों। जैसे मेन रोड या हाईवे पर गाड़ी चलाने से पहले आप खुले मैदान या सुनसान सड़क पर प्रैक्टिस करते हैं, वैसे ही निवेश करने से पहले उसका काग़ज़ी अभ्यास कर लें। इससे आपको अपनी योजनाओं पर अधिक विश्वास हो जाएगा। स्टॉक मार्केट में बहुत से प्लेटफॉर्म और ब्रोकर्स पेपर ट्रैडिंग की सुविधा भी देते हैं। इससे आप शुरुआत करके स्टॉक मार्केट का ज्ञान और अनुभव बिना पैसा गँवाए ले सकते हैं।

अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। लेख में चित्रों का उपयोग केवल उदाहरण के लिए किया गया है।

रिस्क मैनेजमेंट में अलग-अलग हैं ये दोनों बातें, अक्सर एक समझ ली जाती हैं

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जोखिम उठाने का माद्दा और जोखिम सहने की क्षमता (Risk appetite and risk tolerance)

शेयर बाजार निवेश आकर्षक रिटर्न का वादा करता है, लेकिन साथ ही साथ अंतर्निहित जोखिम भी रखता है। निवेशकों के लिए सफलतापूर्वक नेविगेट करने के लिए, दो महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझना आवश्यक है: जोखिम उठाने का माद्दा (रिस्क अपेटाइट) और जोखिम सहने की क्षमता (रिस्क टॉलरेंस)। हालांकि ये अक्सर परस्पर उपयोग किए जाते हैं, ये वास्तव में भिन्न हैं।

1.जोखिम उठाने का माद्दा (Risk Appetite):

  • यह एक निवेशक की जोखिम लेने की इच्छा का आकलन करता है।
  • यह दर्शाता है कि संभावित उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेशक कितना नुकसान उठाने के लिए तैयार है।
  • उच्च जोखिम उठाने का माद्दा रखने वाले निवेशक आक्रामक निवेश रणनीति अपनाते हैं। तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में निवेश करते हैं भले ही उनके शेयरों में अस्थिरता का खतरा हो।
  • दूसरी ओर, कम जोखिम उठाने का माद्दा रखने वाले निवेशक रूढ़िवादी रणनीति अपनाते हैं, अपने पोर्टफोलियो की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और कम जोखिम वाले विकल्पों जैसे कि डिबेंचर या सरकारी बॉन्ड में निवेश करते हैं भले ही रिटर्न कम हों।

2. जोखिम सहन क्षमता (Risk Tolerance):

  • यह एक निवेशक की वास्तविक जोखिम सहने की क्षमता को दर्शाता है।
  • यह निर्धारित करता है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले संभावित नुकसान को सहने के लिए निवेशक कितना तैयार है।
  • यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शामिल हैं:
    • वित्तीय स्थिति: मजबूत वित्तीय स्थिति वाले निवेशक आम तौर पर अधिक जोखिम उठा सकते हैं या अधिक जोखिम लेते हैं।
    • आयु: युवा निवेशकों के पास बाजार के उतार-चढ़ाव से उबरने के लिए अधिक समय होता है, इसलिए उनकी जोखिम सहने की क्षमता अधिक होती है।
    • निवेश लक्ष्य: अल्पकालिक लक्ष्यों वाले निवेशकों को कम जोखिम उठाना चाहिए, जबकि दीर्घकालिक लक्ष्यों वाले निवेशक अधिक जोखिम उठा सकते हैं।
    • भावनात्मक नियंत्र: जो निवेशक भावनाओं में न बहकर तार्किक निर्णय लेते हैं, उनकी जोखिम सहने की क्षमता अधिक होती है।

जोखिम उठाने का माद्दा और जोखिम सहने की क्षमता का संबंध:

  • जोखिम उठाने का माद्दा एक व्यक्तिपरक अवधारणा है जो दर्शाती है कि कोई व्यक्ति कितना जोखिम लेना चाहता है।
  • जोखिम सहने की क्षमता एक वस्तुनिष्ठ अवधारणा है, यह दर्शाती है कि कोई व्यक्ति कितना जोखिम लेने में वास्तव में सक्षम है।
  • एक सफल निवेश रणनीति विकसित करने के लिए दोनों को संतुलित करना ज़रूरी है।
  • निवेशकों को ऐसे निवेश उत्पादों का चयन करना चाहिए जो उनकी जोखिम सहने की क्षमता के अनुकूल हों, भले ही उनका जोखिम लेने का झुकाव अधिक हो।

उदाहरण के तौर पर – यदि किसी युवा निवेशक की जोखिम सहनशीलता अधिक है, लेकिन उसकी आय सीमित है। तो उसे उच्च जोखिम वाले छोटे शेयरों में निवेश करने से बचना चाहिए भले ही वे आकर्षक रिटर्न का वादा करते हों। उनकी जोखिम सहने की क्षमता को उनकी वास्तविक वित्तीय स्थिति द्वारा सीमित किया जाता है।

सरल शब्दों में अंतर समझने के लिए एक और उदाहरण लेते हैं: मान लीजिए आपको एक नया रेस्टोरेंट खोलने का विचार आया है। यह एक उच्च जोखिम वाला उद्यम है क्योंकि कई रेस्टोरेंट असफल हो जाते हैं। यदि आप इस रेस्टोरेंट को खोलने के लिए उत्साहित हैं, भले ही जानते हैं कि असफल होने का जोखिम है, तो यह आपके जोखिम उठाने के माद्दा (Risk Appetite) को दर्शाता है। लेकिन, अगर आप इस विचार को सिर्फ इसलिए छोड़ देते हैं कि आप इतना बड़ा नुकसान सहने के लिए तैयार नहीं हैं, तो यह आपकी कम जोखिम सहन क्षमता (Risk Tolerance) क्षमता को दर्शाता है।

जोखिम उठाने का माद्दा और जोखिम सहने की क्षमता को समझना शेयर बाजार में सफल निवेश के लिए महत्वपूर्ण है। निवेशकों को इन दोनों कारकों का आकलन करना चाहिए और एक संतुलित निवेश

अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्यों के लिए है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। लेख में चित्रों का उपयोग केवल उदाहरण के लिए किया गया है।

एमपी हाई कोर्ट में अधिवक्ता नहीं कर पा रहे कंप्यूटर से बहस, जज साहब ने जतायी नाराज़गी

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में आज जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कई अधिवक्ताओं को कंप्यूटर के माध्यम से बहस करने की हिदायत दी। ऐसा न करने पर उन्होंने अगली बार से उन अधिवक्ताओं के केस न सुनने की चेतावनी दी जो कंप्यूटर के ज़रिए अपने केस की बहस नहीं करेंगे। प्रतिदिन की तरह आज भी जस्टिस अग्रवाल अपने समक्ष प्रस्तुत किये जाने वाले प्रकरणों को सुन रहे थे, इस बीच कई बार ऐसे मौके आए जब उनके द्वारा एनेक्सर(संलग्न दस्तावेज़ या परिशिष्ट) पूछे जाने पर अधिवक्ता या तो गलत जवाब दे रहे थे या फिर अधिक समय ले रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कई अधिवक्ताओं को कंप्यूटर के ज़रिए बहस करने के लिए कहा।

सूचना प्रौद्योगिकी ने दिन ब दिन के कार्यों को सरल बना दिया है। दस्तावेज़ से लेकर लेन-देन डिजिटली होने लगे हैं। वहीं बिल जमा करने से लेकर बैंकिंग व्यवस्था और न्यायालयों की सुनवाई तक कंप्यूटराइज्ड हो चुकी है। देश की जनता को इसका सबसे ज्यादा लाभ कोविड लॉकडाउन के दौरान मिला। न्यायालयीन प्रक्रिया में तेज़ी लाने में यह डिजिटलीकरण उपयोगी साबित हो रहा है। न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं द्वारा भी इस तकनीक को उपयोग में लाया जा रहा है। लेकिन अभी भी ऐसे अधिवक्ताओं की तादाद काफी है जो कंप्यूटर के ज़रिए बहस नहीं करते हैं।

सीआईएस है ई कोर्ट सेवा का आधार – केस इंफॉर्मेशन सॉफ्टवेयर (सीआईएस) ई कोर्ट सेवाओं का आधार है। यह फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (एफओएसएस) पर आधारित है, जिसे एनआईसी ने विकसित किया है। इसके द्वारा प्रत्येक मुक़दमे को एक विशिष्ट पहचान कोड प्रदान किया जाता है, जिसे सीएनआर नंबर और क्यूआर कोड कहते हैं। इससे राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) का विकास हुआ है, जो न्यायिक डेटा को भेजने-प्राप्त करने के लिए एक नई संचार पद्धति है।

कोविड में वीसी से सुने गए थे लगभग 50 लाख मामले – विदित हो कि केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने वर्ष 2020 में ई-कोर्ट, वर्चुअल लोक अदालत के कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए तंत्र भी उपलब्ध कराया। कोविड लॉकडाउन से लेकर 28.10.2020 तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश भर की जिला अदालतों ने 35,93,831 मामलों और उच्च न्यायालयों ने 13,74,048 मामलों (कुल 49.67 लाख) की सुनवाई की।