Password of happiness - If you want to be happy then say goodbye to the past and forgive from your heart brahamkumari shivani didi
रविवार को सदर के गैरीसन ग्राउन्ड में हजारों व्यक्ति खुशियों का पासवॉर्ड ढूँढने शिवानी दीदी के पास पहुँचे। इस सभा में सभा में जनप्रतिनिधि, भारतीय सेना के जवान, प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी, युवा, विद्यार्थी और सामान्य जनता मौजूद रही। बी के शिवानी दीदी के व्याख्यान हैप्पीनेस अनलिमिटेड को सुनने लोग देर तक सभा में जमे रहे।
शिवानी दीदी ने अपने व्याख्यान में बताया कि अगर हमारे घर परिवार में कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से अस्वस्थ है तो उसके प्रति चिंता का भाव न रखते हुए शुभ चिंतन का भाव रखना चाहिये और उसको मनसा से शक्ति और दुआए देना चाहिए, कहते भी है कि कई बार जहां पर दवाए काम नहीं करती है वहा पर दुआएँ काम कर जाती हैं। हमे अपने प्रति और अपने परिवार और आस पास के सभी व्यक्तियों के प्रति सदैव शुभ चिंतन ही करना चाहिए। यह शुभ चिंतन हमें अनेक परेशानियों से बचा कर के आन्तरिक आनंद की अनुभूति करवाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले पांच दिन के लिए हम सब यह प्रतिज्ञा कर ले कि जिसने भी हमें दुःख दिया हो उसको भी दिल से दुआए देते रहेंगे – साथ ही हम अपने प्रति दूसरों के द्वारा हुई गलतियां जो हमारे मन में गाँठ बन कर लगी हुई हैं, उसके लिए उस व्यक्ति को क्षमा कर देंगे और जिस व्यक्ति का हमने दिल दुखाया हो उस से क्षमा मांग लेंगे। हम हर बीती हुई बात को अब जिन्दगी में फुल स्टॉप लगा देंगे और हर क्षण की नवीनता का अनुभव करेंगे।
शिवानी दीदी ने सबको बतलाया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सेवा केन्द्रों में जा कर निशुल्क राजयोग का प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है और राजयोग अपना कर अपने जीवन में हर परिस्थिति में अचल रह कर के जीवन के आनन्द का अनुभव किया जा सकता है। साथ ही जीवन में आने वाली परिस्थिति हमें मजबूत बनाने के लिए आती है और हमें भी परिस्थिति को साक्षी हो कर के देखने का अभ्यास करना चाहिए ताकि हम किसी घटना से अटेच अफेक्ट न हो कर के जीवन को परफेक्ट बना सके।
कार्य्रकम में स्थानीय विधायक अशोक रोहाणी, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू , नगरनिगम अध्यक्ष रिंकू विज, नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल समेत अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। ब्रह्माकुमारीज इंदौर जोन की निदेशिका बी के हेमलता दीदी ने सभी का शब्दों से स्वागत किया और जबलपुर नगर में इस अप्रतिम कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएँ दीं। स्थानीय सेवा केंद्र की संचालिका बी के विमला दीदी जी ने प्रशासन, सेवाधारियों, जनप्रतिनिधियों और कार्यक्रम में पधारे श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कार्य्रकम का संचालन बी के बाला बहन ने किया।
कल रात दोनों की फोन पर बहुत लड़ाई हुई। उसे लगता है कि उसका किसी और के साथ चक्कर चल रहा है। बात इतनी आगे पहुँच गई कि उसने उससे एक हफ्ते तक बात न करने की कसम खा ली। इतना मन-मुटाव होने के बाद भी दोनों फोन रखने के लिए राज़ी नहीं थे। शायद उन दोनों को उम्मीद थी कि कोई न कोई मनाने की पहल शुरू करेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आखिरकार एक-दूसरे की शक्ल ज़िंदगी भर न देखने और मर भी जाऊँ तो बात न करने की बात पर सेटलमेंट हुआ। दोनों ने फोन रख दिया और सोने चले गए। लेकिन सोने से पहले अपने-अपने तकियों को आसुओं से गीला भी कर दिया। सुबह दोनों की नींद देर से और आगे-पीछे ही खुली। उसने उसको मेसेज करके गुड मॉर्निंग विश किया। उसने भी उसको जवाब में गुड मॉर्निंग कहा। थोड़ी देर में दोनों ऑफिस के लिए तैयार भी हुए। उसने उसको उसके घर से पिक किया और रोज़ की तरह ऑफिस के बाहर नाश्ते के लिए पोहे की दुकान पर रुके। उसने उसके पोहे में प्याज नहीं डलवायी। उसे उसके खाने की पसंद नापसंद के बारे में पता है। दोनों ने एक-दूसरे से अब तक कोई बात नहीं की। दोनों अपने-अपने दफ्तरों में अपने कामों में लग गए। दिन में दोनों ऑफिस के पास की कैन्टीन में लंच पर मिले। एक टेबल पर साथ बैठकर खाना खाया लेकिन कोई बात नहीं की। लंच करके वापिस अपने-अपने काम पर भी लौट गए। शाम को काम खत्म करके पार्किंग में मिले और साथ ही वापिस चल पड़े। रास्ते में एक कार अचानक ही उसकी गाड़ी के सामने आ गई। उसने झट से ब्रेक दबाया। इससे उसको झटका लगा। उसने उससे सॉरी कहा। उसने भी उससे सॉरी कहा। इसके बाद उसने डिनर के लिए पूछा। उसने हाँ कह दिया। रात को दोनों खाने पर फिर मिले, एक-दूसरे के पसंदीदा रंगों के लिबास पहने हुए। इस दफा दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। इसके बाद उसकी उससे खाने के टेबल पर खाने के पहले, खाने दौरान और खाने के बाद बिल आने तक बहुत सारी बातें हुईं।
Momos history recipe Nepal King Mahendra Shakya Kathmandu
नेपाल की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक नेवाड़ी में ‘मोमो’ का अर्थ है भाप से पका खाना। ‘मोमो’ नेपाल के लिए वही है जो इटली के लिए पिज़्ज़ा है। काठमांडू और नेपाल के अन्य हिस्सों के हर रेस्तरां, होटल और घर में उपलब्ध है। माउंट एवरेस्ट की तरह मोमो भी नेपाल के प्रतीकों में से एक है। दूसरे देशों में रहने वाले नेपाली लोगों की वजह से आज इसकी लोकप्रियता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है। मोमो की मोमो की बढ़ती लोकप्रियता के और भी कारण हैं। सबसे पहले, यह सस्ता है। एक प्लेट ( 6 से 12 पीस) के लिए मोमो की कीमत बीस रुपये से लेकर सौ रुपये तक होती है। हल्के लंच के लिए एक प्लेट मोमो काफी है। यह स्वादिष्ट भी होता है। मोमो विशेष मसालों से तैयार किया जाता है, जो नेपाली स्वाद के मूल स्वाद जोड़ता है। तीसरा कारण मोमो का लंबा इतिहास है। मोमो सदियों से नेपाली मेनू में शामिल है और यह नेपाल की संस्कृति से निकलकर दूसरे देशों के खान-पान का हिस्सा बन गया है। चौथा इसकी उपलब्धता है। यह देश के हर कोने में और हर रेस्टोरेंट और होटल में पाया जाता है, चाहे वह बड़ा हो या छोटा। तो मोमो कैसे बनाया जाता है? मोमो गेहूं के आटे, वनस्पति तेल, कटा हुआ प्याज, लहसुन, तिल, हरी मिर्च, टमाटर, चिकिन के टुकड़े(मांसहारियों के लिए) और बारीक कटी हुई सब्ज़ियां (शाकाहारियों के लिए), सरसों के पाउडर, अदरक के रस और नेपाली हर्बल मसालों के मिश्रण से बनाया जाता है।
सबसे पहले गेहूं के आटे में पानी डालें और परिणामस्वरूप आटे को एक चिकना पेस्ट बना लें। फिर छोटे, पतले डिस्क में मोल्ड करें। चिकिन/मटन/ सब्ज़ी को पीसकर पेस्ट बना लें और उसमें कटा हुआ प्याज, लहसुन और अदरक का रस मिलाएं। फिर वनस्पति तेल और मसाले डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। प्रत्येक डिस्क पर चिकिन/मटन/सब्ज़ी, लहसुन, प्याज और मसालों का मिश्रण फैलाएं और आधा वृत्ताकार के आकार में मोड़ें।
फिर इसके विशेष रूप से बनाए गए बहु-परत पैन में मोमो को भाप दें। नीचे की परत में पानी डालें, नमक, लहसुन, टमाटर, मिर्च और मसाले डालें और एक स्टोव पर उबाल लें। फिर स्टफ्ड मोमो को स्टीमिंग पैन की ऊपरी परतों पर रखें और ढक्कन से ढक दें। 15 मिनट तक भाप लें।
मोमो सॉस जिसे ‘आचार’ कहा जाता है। उसे बनाने के लिए टमाटर, कटा हुआ प्याज, कटी हुई हरी मिर्च और लहसुन मिलाकर दस मिनट तक पकाएं। नमक, तिल का पाउडर, सरसों का पाउडर और विशेष जड़ी-बूटी का मसाला डालें। आचार अब तैयार है।
15 मिनट तक पकने के बाद गैस बंद कर दें। ढक्कन हटाकर मोमोज निकाल लीजिए। 8-10 को एक प्लेट में रखें और आचार डालें। बर्तन की निचली परत में बने कुछ सूप को एक डिश में डालें और मसाले के साथ सीज़न करें। मोमो के साथ परोसें।
नेपाल में मोमो का इतिहास चौदहवीं शताब्दी का है। मोमो शुरू में काठमांडू घाटी में एक नेवाड़ी भोजन था। इसे बाद में तिब्बत, चीन और जापान से दूर एक नेपाली राजकुमारी द्वारा पेश किया गया था, जिसकी शादी पंद्रहवीं शताब्दी के अंत में एक तिब्बती राजा से हुई थी। मोमो नेपाली खाने की आदत और संस्कृति का हिस्सा बन गया है। नेपाल के सबसे मूल और सबसे पुराने भोजन के रूप में, इसे दुनिया में भी लोकप्रिय मिलने लगी है।
बारिश के दौरान सड़कों पर जल प्लावन की स्थिति निर्मित न हो इसलिए नगर निगम द्वारा नालों की सफाई की जा रही है। इसके लिए मशीन से लेकर मानव संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। जिसके परिप्रेक्ष्य में आज निगम के स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने मुख्य स्वच्छता निरीक्षक धर्मेन्द्र राज के साथ बड़े नालों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि बड़े नालों में 4 नग 200 टाटा, 4 नग 110 टाटा, 1 नग 70 टाटा कुल 9 बड़ी चैन मशीनों, 17 छोटी चैन मशीनों एवं 20 जे.सी.बी. मशीन छोटे, मध्यम एवं बड़े नालों के सफाई कार्य में लगी है। स्वास्थ्य अधिकारी ने ये भी बताया कि सभी छोटे, मध्यम एवं बड़े नालों से निकलने वाली सिल्ट को हटाने के कार्य में 24 डम्पर एवं 12 ट्रेक्टर कार्य कर रहे है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नालों की सफाई कराई गई है जिनमें कछपुरा रेल्वे लाईन वाला नाला चंदन कालोनी, भूलन चौकी नाला, नव निवेश रुद्राक्ष पार्क, पी.एन.टी. नाला, अवस्थी टाल लाल बिल्डिंग गुजराती कालोनी नाला, रेल्वे लाईन नाला क्रेशर बस्ती नाला, भवानी फ्लावर नाला, हाथीताल कालोनी नाला, जीरो डिग्री परोल बिल्डिंग के पास, बिलहरी से खंदारी नाला छिवला गांव के आगे तक, बिग बाजार तक, मोतीनाला कब्रस्तान से गोहलपुर तक, साफ किया गया। उन्होंने बताया कि राहत नाला, स्टेट बैंक वाला नाला उर्दना नाला संभाग क्रमांक 7 तक 15 नम्बर जोन वार्डर तक पीली कोठी वाला नाला, राजकुमारी अनाथालय से शास्त्री बृज तक नरसिंह मंदिर से अंडर बृज वाला नाला सांई मंदिर से यादव मोहल्ला, परफेक्ट पाटरी से बिग बाजार नाला, मिल्क स्कीम नेता कालोनी वाला नाला रानीताल ईदगाह के सामने नाला सफाई सेन्ट्रल जेल के पीछे वाला नाला, बीमा अस्पताल के पास वाला नाला, कुटुम्ब न्यायालय ब्यौहारबाग पी. डब्ल्यू.डी. क्वार्टर सिविल लाईन लोहिया पुल वाला नाला, जलशोधन वाला नाला शोभापुर रेल्वे लाईन के पास नाला गोकुलपुर सामुदायिक भवन के बाजू वाला नाला, संभाग क्रमांक 10 से खमरिया चंदन कालोनी रक्षा कालोनी तक नाला सफाई कार्य चल रहा है।
उन्होंने बताया कि संभाग क्रमांक 6 कृष्णा कालोनी नाला, मोती नाला प्रभा कालोनी, मोती नाला ग्रीन से मोती नाला तक सफाई, नाडालैण्ड कालोनी रामदेव बाबा कालोनी नंदन विहार नाला गायत्री मंदिर के पास नाला, माढोताल मरघटाई कच्चा नाला सफाई किया गया। अग्रवाल बारात घर का नाला, संभाग क्रमांक 14 ओमती नाला अंडर ब्रज से कछपुरा पुल तक रिक्शा फार्म हाउस लमती होकर औरिया गॉव ओमती नाला सफाई कार्य चल रहा है। शहर के बाहरी क्षेत्र ओमती नाला, मोती नाला का कार्य बकाया है शहर के अंदर के नालों की सफाई होने के पश्चात् शहर के बाहर के नाला की सफाई कराई जावेगी।
अगर आप स्टॉक मार्केट में एकदम नये हैं या फिर यूट्यूब में दूसरे ट्रेडर्स को देखकर आपको भी शेयर मार्केट से पैसा कमाने का मन कर रहा है तो ये आलेख आपको भविष्य में होने वाले घाटे को कम करने में सहयोगी सिद्ध हो सकता है। स्टॉक मार्केट का नाम सुनते ही कुछ लोगों के मन में पहली चीज़ आती है कि जब दाम कम हो शेयर खरीद लो और दाम बढ़ जाएँ तो ज़्यादा में बेच दो। लेकिन अगर ऐसा होता तो सेबी के मुताबिक एक्विटी फ्यूचर एण्ड ऑपशंस में 89% लोगों को यानि दस में से नौ लोगों को 2022 के वित्तीय वर्ष में नुकसान नहीं हुआ होता। इसलिए शेयर मार्केट, म्यूचूअल फंड्स् या किसी भी निवेश बाज़ार में जब आप शुरुआत करते हैं तो आपको जोखिम चेतवानी भी दी जाती है। इससे डरने की ज़रूरत नहीं है। आपको अपना जोखिम “मैनेज” करने की ज़रूरत है। कैसे? यही आप जानेंगे इस आर्टिकल में…
घाटा!! जी हाँ आपने सही पढ़ा, घाटा। क्यूँकि स्टॉक मार्केट हो या म्युचल फंड्स, जोखिम हर जगह होता है और अगर आपने इस जोखिम को सही ढंग से उठाने की तैयारी की तो आप शेयर खरीद-फरोख्त या निवेश के समय होने वाले घाटे को सफलतापूर्वक मैनेज कर पाएंगे।
1. शुरुआत कहाँ से करूँ?
इंडेक्स, ऑप्शन्स, इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी, क्रिप्टो ऐसे कई नाम आपने सुने होंगे, और अगर नहीं सुने हैं तो सुनेंगे। इन सभी के बारे में डिटेल्स में विडिओ यूट्यूब पर उपलब्ध हैं। साथ ही कुछ अनुभवी ट्रेडर्स और सेबी रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म भी इसकी स्टॉक मार्केट मेनी ट्रेडिंग करने की ट्रेनिंग देते हैं। इसके अलावा हाल ही के दिनों में यूट्यूब पर ट्रेडर्स की बाढ़ से आई हुई है। जो लाइव ट्रेड करते हैं और पैड ग्रुप जॉइन करने के लिए बार-बार कहते हैं। इनके ही फॉलोवर्स आपको इनके लाइव चैट सेक्शन में कमेन्ट करते भी दिख जाएंगे। लेकिन सावधान! आप इंटरनेट पर जो कुछ देखते हैं जरूरी नहीं वो सच हो। इसलिए हमारी आपको यही सलाह कि आप पहले स्टॉक मार्केट की ए बी सी डी जानें। उसकी पूरी जानकारी प्राप्त करें। इसके बाद ही किसी सेगमेंट में ट्रेड करें। किसी की सुनी-सुनायी बात, टिप या बाइ-सेल कॉल पर आँख बंद करके भरोसा न करें। उदाहरण के लिए आपने सुना होगा कि बैंकनिफ्टी या निफ्टी का ऑप्शन फलाने प्रीमियम पर बाइ करके रखें और प्रॉफ़िट होने पर बेच दें। या फलाने व्यक्ति ने इतने का ऑप्शन खरीदा और बेचने पर लाखों का फायदा कमाया। पर क्या आपने इसका दूसरा पहलू देखा है? लोग स्टॉक मार्केट में गलत सलाह और अप्रमाणित व्यक्तियों या समूहों से सलाह लेकर ट्रेड करके काफी तेज़ी से पैसा गँवाते भी हैं। इसलिए सेबी रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों से ट्रैनिंग लेकर ही इस क्षेत्र में कदम रखें।
2. पेपर ट्रेडिंग से करें शुरुआत
शेयर मार्केट में लेन-देन शुरू करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। लेकिन बिना डीमैट अकाउंट मार्केट के जोखिम को समझने के लिए पेपर ट्रेडिंग एक बेहतर तरीका है। हालांकि पेपर ट्रेडिंग हर किसी प्लेटफॉर्म में उपलब्ध नहीं है लेकिन ट्रेडिंग व्यू एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ लोग राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय मार्केट के उतार-चढ़ाव को प्रतिदिन देख सकते हैं साथ ही पेपर ट्रेडिंग भी कर सकते हैं। ट्रेडिंग व्यू का इस्तेमाल ट्रेडर्स अपने-अपने पसंदीदा स्टॉक्स या इंडेक्स की चार्टिंग के लिए करते हैं। ट्रेडिंग व्यू में अकाउंट निःशुल्क खोलने के लिए दी गई लिंक पर क्लिक करें। इस लिंक के द्वारा अकाउंट खोलने पर आपको ट्रेडिंग व्यू की ओर से 15 डॉलर आपके अकाउंट में मिल सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनकी शर्तों को पहले अवश्य पढ़ लें।
ट्रेडिंग व्यू में निःशुल्क अकाउंट ओपनिंग और निःशुल्क प्लान में इसके कम फीचर्स का उपयोग करने मिलता है। लेकिन इसके पेड प्लांस में आपको ज़्यादा फीचर्स उपयोग करने मिल जाते हैं। हमारी सलाह है कि पहले आप इस प्लेटफॉर्म को समझें उसके बाद प्लान खरीदने का फैसला अपने विवेकानुसार ही करें।
3. ब्रोकर कैसे चुनें
आजकल मार्केट में काफी ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स हैं जो शेयर मार्केट में स्टॉक खरीदने-बेचने से लेकर अलग-अलग सेगमेंट्स में निवेश के विकल्प आपको देते हैं। लेकिन इनमें से कौन आपके लिए बेहतर है ये कहाँ से पता चलेगा? इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर्स के द्वारा अलग-अलग सेगमेंट्स और अलग-अलग ट्रेडिंग पर लिए जाने वाले ब्रोकरेज को कंपेयर करके देखना पड़ेगा। वर्तमान में जेरोधा और फ़ायर्स दो ऐसे ब्रोकर्स हैं जो अपने ग्राहकों को उचित सेवा देने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं। एक तरफ जेरोधा डीमैट अकाउंट ओपनिंग के 200 रुपये और सालाना अकाउंट मैनटेनेंस के 300 रुपये देने पड़ते हैं वहीं फ़ायर्स में डीमैट अकाउंट ओपनिंग और सालाना अकाउंट मैनटेनेंस निःशुल्क है। हालांकि ज्यादातर सेगमेंट में दोनों के ब्रोकरेज चार्जेस लगभग एक जैसे ही है। लेकिन फिर भी अकाउंट ओपनिंग के दौरान आप कागज़ पर दोनों के शुल्क नोट करके कंपेयर करें। क्यूंकि बाज़ार में बने रहने की प्रतियोगिता के चलते ये अपने शुल्क को अपडेट करते रहते हैं। नीचे दोनों के लिंक दिए जा रहे हैं। जिस पर क्लिक करके आप अपना अकाउंट ओपन कर सकते हैं।
4. कहाँ से सीखें? आजकल ज्ञान हर जगह बँट रहा है। इसलिए ज्ञान का सही स्त्रोत खोजना और प्राप्त करना ज़रूरी है बहुत ज़रूरी है। इंटरनेट पर आको ढेरों वेबसाइट या सोशल मीडिया चैनल मिलेंगे जो ट्रेडिंग पर ज्ञान दे रहे हैं। लेकिन सेबी से रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म कम हैं। हालांकि एनएसई द्वारा स्वयं कुछ कॉर्सेस चलाए जा रहे हैं जिन्हें आप bit.ly/3WB6iI9 पर क्लिक करके देख सकते हैं।
5.कैपिटल कितना-कहाँ निवेश करें?
ऐसा कहा जाता है कि अपनी जमा पूंजी किसी एक ही क्षेत्र में लगाना जोखिम भरा काम होता है। इसलिए चाहे शेयर मार्केट हो या मेटल या ज़मीन-जायदाद। अपनी पूंजी का निवेश बेहद कुशलता से करें। गैर अनुभवी व्यक्तियों की सलाह न मानें। स्वयं के द्वारा की गई रिसर्च पर अमल करने से पहले किसी कुशल और प्रमाणित निवेश सलाहकार से उसकी राय लें। लेकिन याद रखें शेयर मार्केट हो या कोई अन्य क्षेत्र, भविष्य कोई नहीं जानता। भविष्य एक अनुमान पर ही आधारित होता है। इसलिए जोखिम ऐसा उठाएँ जिससे आपको अनुमानित लाभ न मिलने पर या हानि होने पर भारी पूंजीगत नुकसान न हो।
6. रिस्क मैनेजमेंट और स्टॉप लॉस जब आप शेयर मार्केट के बारे में जानने के लिए इंटरनेट पर जाएंगे या फिर कोई कोर्स करेंगे तब आपका सामना “रिस्क मैनेजमेंट” शब्द से होगा। जिसमें आपको बताया जाएगा कि आपने जितनी पूंजी निवेश की है उसका कितना हिस्सा किस सेगमेंट या इंट्रा डे, शॉर्ट टर्म, लॉंग टर्म या बी टी एस टी या एस टी बी टी करते समय कितना नुकसान उठाएँ। इसी दौरान आपको स्टॉप लॉस नामक एक टर्म के बारे में भी सुनने मिलेगा, स्टॉप लॉस आपके काम तब आता है जब आपके द्वारा लिया गया स्टॉक आपके मुताबिक आपको लाभ न देकर विपरीत दिशा में जाने लगता है। उस दशा में यदि आपने पहले से तय किया हुआ है कि आप मार्केट में कितना नुकसान उठाकर अपने ट्रेड से एकज़िट ले सकते हैं, तो वो आपका स्टॉप लॉस कहलाता है। ये आपको अधिक पूंजी गँवाने से रोकने में कारागार होता है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग हो या निवेश, ये एक विशाल समंदर की तरह है। इसके बारे में पूरी जानकारी आपको एक लेख या एक विडिओ से नहीं मिलेगी। इसलिए यदि आप इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं तो स्टॉक मार्केट से संबंधित जानकारी सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर्स के प्लेटफॉर्म या फिर सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों से समय-समय पर लेते रहें। अप्रमाणित प्लेटफॉर्म या व्यक्तियों की इंटरनेट पर दी हुई सलाह पर आँख बंद करके भरोसा न करें।
अस्वीकरण – शेयर मार्केट में निवेश या लेन-देन जोखिमों के अधीन है। यह लेख आपकी फायनेंशल एजुकेशन को बढ़ाने के लिए लिखा गया है। इसमें किसी तरह की निवेश की सलाह नहीं है। इसलिए आपके द्वारा किए गए शेयर मार्केट संबंधी लेन-देन या डीमैट अकाउंट के द्वारा किए गए लेन-देन या अन्य तरह से किए गए निवेश में होने वाले जोखिम या हानि के लिए प्राथमिक मीडिया या लेखक उत्तरदायी नहीं होगा। लेख में दी गई लिंक्स थर्ड पार्टी की हैं। उसमें क्लिक करने से पूर्व या पश्चात आपके डेटा का उनके द्वारा किये जाने वाले उपयोग के लिए प्राथमिक मीडिया या लेखक उत्तरदायी नहीं होगा। निवेश संबंधी लेन-देन या डीमैट के ज़रिए लेन-देन करने से पूर्व अपने सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार से सलाह-मशवरा करें। चित्रों का उपयोग मात्र प्रस्तुतीकरण के लिए गया है।
NIA की टीम ने 26 मई की शाम प्रतिबंधित संगठन जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश) से जुड़े भोपाल टेरर फंडिंग मामले में जबलपुर में लगभग 10 जगहों पर छापेमारी की कार्यवाही, देर रात तक चली इस कार्यवाही के बारे आधिकारिक जानकारी न मिलने के कारण अटकलों का भी दौर चला। शाम 8 बजे के आसपास क्राइम ब्रांच के दफ्तर के बाहर भारी पुलिस बल देखने को मिला, कुछ ही देर में ओमती, सिविल लाइन, गोसलपुर सहित कई क्षेत्रों में पुलिस का भारी बल तैनात कर दिया गया।
तीन संदिग्धों को गिरफ़्तार कर कोर्ट में किया पेश: जबलपुर में एनआईए और एमपी एटीएस की कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किए 3 आरोपियों को भोपाल में एनआईए की विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को 3 जून तक की रिमांड पर भेज दिया। वहीं सूत्रों के मुताबिक 2 अधिवक्ता और 1 प्रोफेसर को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। सूत्रों के हवाले से आरोपियों के पास 1 एसएलआर राइफल सहित आपत्तिजनक साहित्य भी जप्त होने की बात सामने आई है। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
आखिर क्या है जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश): जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश) एक प्रतिबंधित संगठन है जोकमजोर भारतीय मुस्लिम युवाओं को प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हिंसक जिहाद करने के लिए प्रेरित करने वाला संगठन है, इसके सदस्य जिहादी साहित्य, भड़काऊ वीडियो और बयानों (बायन्स) को प्रसारित करते हैं और जेएमबी, अल-कायदा और तालिबान सहित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादी कृत्यों का समर्थन, औचित्य और महिमामंडन करते हैं , अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ गठबंधन करने की साजिश कर ‘हिंसक जिहाद’ की खोज के माध्यम से भारत में शरीयत आधारित इस्लामी शासन स्थापित करने का इनका अंतिम लक्ष्य है।
क्या है भोपाल टेरर फंडिंग का मामला: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को प्रतिबंधित संगठन जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश) से जुड़े भोपाल टेरर फंडिंग मामले में उत्तर प्रदेश में दो स्थानों पर छापेमारी की। 10 पहले से ही गिरफ्तार अभियुक्त और एनआईए कोर्ट, भोपाल द्वारा मामले में चार्जशीट किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में छह बांग्लादेशी हैं और सक्रिय जेएमबी कैडर हैं। वे बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और भारत में अपने हमदर्दों की मदद से झूठे/जाली भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल किए थे।
बैंक पासबुक और पहचान दस्तावेज: वर्तमान में जिन दस्तावेजों की जांच की जा रही है, वे अभियुक्तों द्वारा धन के हस्तांतरण से संबंधित संदिग्ध लेनदेन से संबंधित हैं। एनआईए जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए सभी 10 आरोपी कमजोर भारतीय मुस्लिम युवाओं को प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हिंसक जिहाद करने के लिए प्रेरित करने में शामिल थे। वे जिहादी साहित्य, भड़काऊ वीडियो और बयानों को प्रसारित कर रहे थे और जेएमबी, अल-कायदा और तालिबान सहित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादी कृत्यों का समर्थन और महिमामंडन कर रहे थे। उनके पास अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक अखिल भारतीय नेटवर्क बनाने की भव्य योजना थी और अपने सह-आरोपी के साथ, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और असम सहित विभिन्न राज्यों में सफलतापूर्वक ठिकाने स्थापित किए थे। इसके अंतर्गत ही केस (RC- 11/2022/एनआईए/डीएलआई डीएलआई) एनआईए द्वारा 5 अप्रैल 2022 को यूए (पी) अधिनियम और विदेशी अधिनियम, 1946 की विभिन्न धाराओं के तहत पंजीकृत किया गया था। इसे मूल रूप से पीएस एसटीएफ में प्राथमिकी संख्या 13/2022 दिनांक 14 मार्च 2022 के रूप में पंजीकृत किया गया था। भोपाल में जेएमबी के छह सक्रिय कैडरों को उनके किराए के मकान से गिरफ्तार करने के बाद भोपाल स्थित घर से जिहादी साहित्य, डिजिटल डिवाइस, प्रिंटर, पेपर कटिंग मशीन, बुक बाइंडिंग सामग्री आदि का जखीरा भी जब्त किया गया। मामले के प्रभाव और राष्ट्रीय सुरक्षा के विकास को देखते हुए, एनआईए ने बाद में जांच को अपने हाथ में ले लिया और चार और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
मध्यप्रदेश शासन के द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत् शहरी पथ विक्रेताओं-हाथ ठेला चालकों को प्रतिदिन आने वाली समस्याओं एवं निराकरण पर चर्चा के साथ ही पी.एम. स्वनिधि योजना अंतर्गत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण के 2 हजार ऋण प्रकरण वितरण दिनांक 29 मई 2023 को दोपहर 02 बजे से जबलपुर के मानस भवन में आयोजित किया गया है। जिसमें शहरी पथ विक्रेताओं-हाथ ठेला चालाकों को पी.एम. स्वनिधि योजना अंतर्गत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण के 2 हजार ऋण प्रकरण वितरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेगें। उक्त कार्यक्रम में शहर के गणमान्यजन, पथ विक्रेताओं के अलावा शहर के सभी जनप्रतिनिधिगण और अधिकारी भी शामिल होगें। कार्यक्रम की तैयारियों के लिए निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने आर.पी. मिश्रा, उपायुक्त मनोज श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव, नवीन लोनारे, आदित्य शुक्ला, स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह, सहायक आयुक्त संभव अयाची, अंकिता जैन, रचयिता अवस्थी, शिवांगी महाजन, शिक्षा अधिकारी वीणा वरगिस, कार्यालय अधीक्षक दिलीप दुबे, प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र पांडे, सी.ई.ओ. जे.सी.टी.एस.एल. सचिन विश्वकर्मा, समस्त संभागीय अधिकारी, लीड बैंक प्रबंधक जिला जबलपुर, समस्त सामुदायिक संगठक, स्त्रोत संगठक डे-एनयूएलएम, ट्रेनिंग पार्टनर डे-एनयूएलएम, एवं ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्मेंट आदि के नाम शामिल किए हैं। उपरोक्त अधिकारी कर्मचारी अपर आयुक्त एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मानवेन्द्र सिंह से समन्वय स्थापित कर कार्य करेगें।
निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े के निर्देशानुसार स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन लिमिटेड कैंपस पाटन बायपास जबलपुर में आयोजित स्वच्छता की पाठशाला में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा नगर निगम की टीम को बुलवाया गया। टीम द्वारा कंपनी के डीजीएम, इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों को इस पाठशाला में एकल उपयोग प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव के बारे में बताया गया और अपशिष्ट पृथक्करण का महत्व यानि 04 बिन अवधारणा में घर के कचरे का संग्रह और इसे घर-घर कचरा एकत्र करने वाले वाहन को किस प्रकार सौपा जाए यह भी बताया गया। वहीं गीले कचरे का उपयोग कर होम कंपोस्टिंग, जैसे विषयों पर चर्चा की गई और स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में हम कैसे नंबर वन रैंक प्राप्त कर सकते हैं, इसके बारे में सकारात्मक सुझाव प्राप्त किये गए। इस स्वच्छता की पाठशाला में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डीजीएम की उपस्थिति में इंजी. कुमार राहुल व इं. राहुल मुकाती, एएचओ अनिल बारी, सीएसआई अगस्टे वर्मा, अभिनंदन सिंह और पीजीसीआईएल के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। साथ ही इस पाठशाला के अंत में सभी उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ भी दिलवाई गई।
इंदौर, आमतौर पर रेस्टोरेंट्स में खाना खाने के बाद बिना बिल चुकाये वहाँ से गायब होने की घटनाएँ सामने आती हैं। लेकिन रविवार को इंदौर में एक अनोखा मामला देखने को मिला, जहाँ एक युवक ने 20 टिफ़िन खाना ऑर्डर किया और बिना बिल चुकाये टिफ़िन सहित गायब हो गया।
एमआईजी थानांतर्गत पीड़ित राजीव अरोरा विगत कई वर्षों से एक टिफ़िन सेंटर का संचालन कर रहे हैं। उनके पास रविवार की दोपहर इंदौर के ही कान्हा होटल में कमरा नंबर 106 में रुका हुआ युवक रोहित नामदेव फोन करता है और 20 टिफ़िन खाना डिलीवर करने का ऑर्डर देता है। उसके मुताबिक वो अपने दोस्तों के साथ 3-4 दिन से इंदौर में रुका हुआ है लेकिन उसे अच्छा खाना नहीं मिल रहा है। भरपेट खाना न मिल पाने की वजह से वो टिफ़िन भेजने का निवेदन करने लगा। जिसके बाद टिफ़िन सेंटर ने रविवार को अवकाश होते हुए भी अन्य कर्मचारियों को बुलाकर खाना बनवाया और रात को लगभग सवा दस बजे उनके एक कर्मचारी ने होटल में आरोपी के रूम तक खाना भी डिलीवर किया। जब पेमेंट की बारी आई तो आरोपी युवक ने 500 रुपये देकर कहा कि अनलाइन पेमेंट नहीं हो पा रही है। कल सुबह ले लेना। आज सुबह सोमवार तक आरोपी ने पेमेंट नहीं भेजी और पेमेंट की मांग करने पर बहाने बनाता रहा। जब पीड़ित राजीव अरोरा पेमेंट लेने और खाली टिफ़िन कलेक्ट करने होटल कान्हा पहुँचे तो वहाँ होटल स्टाफ ने बताया कि वो युवक रविवार रात 11:30 बजे चेक आउट करके जा चुका है। पीड़ित ने आरोपी रोहित नामदेव से उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन अब वो उनका फोन नहीं उठा रहा है। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस की शरण ली।
पीड़ित द्वारा जुटाए गए आरोपी के आधार कार्ड के मुताबिक आरोपी का पूरा नाम रोहित नामदेव पिता संजय कुमार नामदेव है, जिसकी उम्र 28 वर्ष है। जो जबलपुर के महाराणा प्रताप वॉर्ड अंतर्गत बचकेरा तालाब, गंगानगर कालोनी में निवासरत है।
जब इसकी शिकायत इंदौर के एमआईजी थाना में पीड़ित द्वारा एक लिखित आवेदन के माध्यम से की गई, तो मौक़े पर मौजूद उप निरीक्षक एम एल चौहान ने आवेदन पर थाना का स्टैम्प् न लगाने का कारण दिया कि “स्टैम्प् की ज़रूरत नहीं है, मेरा साइन ही स्टैम्प् है।”, पीड़ित ने इस बारे में बहस न करने में भलाई समझी। लेकिन जब प्राथमिक मीडिया ने घटना का आवेदन देखा तो संबंधित थाना से इस बारे में जानकारी मांगी, तब बताया गया कि “उनके नाम की सील नहीं मिल रही होगी इसलिए उन्होंने ऐसा कह दिया होगा।” घटना के बार में बात करते हुए पुलिस ने आगे कार्यवाही करने की बात भी कही। प्राथमिक मीडिया ने आरोपी युवक रोहित नामदेव को भी फोन करके उसका पक्ष जानना चाहा लेकिन युवक द्वारा फोन नहीं उठाया गया।
स्वच्छ भारत अभियान 2023 के अंतर्गत शहर में नगर निगम द्वारा अनेक नवाचार किये जा रहे हैं। जिसके कारण शहर की तस्वीर बदलने लगी है। निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े के कुशल मार्गदर्शन एवं निर्देशन में स्वच्छता की पूरी टीम इस समय शहर की सुन्दरता में चार चाँद लगाने तथा उसमे निखार लाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। स्वच्छता टीम के सभी सदस्यों के द्वारा जो नवाचार कर संस्कारधानी सुन्दरता को बढ़ाने का कार्य किया गया है उसमें सिटी ब्यूटीफिकेशन के तहत् शहर के सभी दीवारों, चौराहों, सार्वजनिक स्थलों, शासकीय परिसरों, में आकर्षक चित्रकारी की गयी है, जिससे शहर का स्वरूप सुन्दर दिखाई दे रहा है। इसी प्रकार तीन आर अर्थात री-यूज, री-डियूज, री-साईकिल, थीम पर शहर भर में नेकी की दीवार, थैला बैंक, बर्तन बैन, फूड बैंक, पुस्तक बैंक, कबाड़ से कमाल, आदि के कार्य कराए गये हैं। जिसके कारण अब सभी जरूरतमंदों को नेकी की दीवार, कबाड़ से कमाल, बर्तन बैंक, थैला बैंक, फूड बैंक, पुस्तक बैंक, आदि का लाभ प्राप्त हो रहा है और घर से लेकर शहर के कोने कोने में कहीं भी कोई कचरा या अनुपयोगी चीजें दिखाई नहीं दे रहीं हैं क्योंकि 3 आर के अंतर्गत सभी अनुपयोगी चीजों और वस्तुओं का उपयोग किया जाकर शहर को साफ स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह एवं कार्यपालन यंत्री शैलेन्द्र मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े के निर्देशानुसार स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान 3 आर के अंतर्गत हो रहे कार्यो के बारे में शहर को सुन्दर बनाने के साथ-साथ नगर विकास एवं नागरिक सेवाओं में बढ़ोतरी हेतु सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप अब शहर की सुंदरता में निखार आने लगा है। इसके लिए शहर के प्रमुख 25 स्थानों पर स्थाई रूप से नेकी की दीवार, बर्तन बैंक, फूड बैंक, पुस्तक बैंक, कबाड़ से कमाल आदि तैयार कराये जा रहे है।
यहाँ शुरू हुई है नेकी की दीवार – राँझी, आई.एस.बी.टी., गोकुलदास धर्मशाला, ग्वारीघाट, रामपुर, शास्त्री ब्रिज, सिविक सेन्टर, गॉंधी भवन, अधारताल, कृषि उपज मंडी, चारखम्बा, आदि क्षेत्रों में नेकी की दीवार सुन्दर एवं आकर्षक तैयार कराई गयी है, जहाँ पर जरूरतमंदों के लिए सभी सामग्री उपलब्ध है। जिसके पास उपयोग से अधिक है वे नेकी की दीवार में सामग्री छोड़ सकते हैं और जिनको उपयोग के लिए जरूरी है वे भी नेकी की दीवार से उपयोग करने के लिए ले जा सकता है। विदित हो कि शहर को सुंदर बनाने के साथ-साथ स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान में शहर की रैंकिंग सुधारने के लिए ये कार्य किये जा रहे हैं।