मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव 2023 हैं और यहा सत्ता विरोधी लहर के बहाने गुजरात फार्मूला लागू करने की सियासी चर्चाएं हैं, लेकिन यदि एमपी में सीएम शिवराज सिंह चौहान को विजय रुपाणी बनाने की कोशिश की गई, तो बीजेपी को भारी पड़ सकती है? मजेदार बात यह है कि चर्चाओं में किसी मूल भाजपाई के बजाए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर है? वजह…. बोनसाई पॉलिटिक्स के लिहाज से ज्योतिरादित्य सिंधिया सबसे बेहतर हैं, क्योंकि मूल बीजेपी संगठन पर उनकी पकड़ नहीं है और वे मोदी-शाह के पॉलिटिकल नेटवर्क से बीजेपी में आए हैं, मतलब…. वे सियासी लक्ष्मण रेखा नहीं लांघ सकते हैं? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकल्प के रूप में देखे जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए समर्थकों ने चर्चाएं भी शुरू कर दी हैं और 2023 में कामयाबी के लिए गुजरात के फॉर्मूले पर काम करने की बात भी कही जा रही है. हालांकि, शिवराज सिंह चौहान को हटाने के मुद्दे पर बीजेपी मूल के भी कई सीएम पद के दावेदार नेता अभी खुश हो सकते हैं, परन्तु ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आते ही ये भी शिवराज सिंह चौहान को हटाने पर सहमत नहीं होंगे. याद रहे, मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान कुछ समय को छोड़ दें तो लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं और जिस तरह गुजरात में पीएम मोदी की पकड़ है, वैसी ही पकड़ सीएम शिवराज सिंह चौहान की मध्यप्रदेश में हैं. उल्लेखनीय है कि यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ को भी हटाने की सियासी चर्चाएं थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया? देखना दिलचस्प होगा कि- क्या बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान को बदलने की पॉलिटिकल रिस्क लेगा?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
अस्वीकरण – लेख में व्यक्त विचार लेखक के स्वयं के हैं। प्राथमिक मीडिया का इससे कोई सरोकार नहीं है।
कल बुधवार को कुंडम नगर में कुंडम, बघराजी और आसपास क्षेत्र के जैन समाज के बच्चों सहित महिलाओं और वरिष्ठजनों द्वारा एकत्रित होकर रैली निकाली गई। यह रैली 20 जैन तीर्थंकरों की मोक्ष स्थल श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वत राज गिरिडिह झारखंड की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता के संरक्षण हेतु निकाली गई। इस दौरान जैन समाज ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार कुंडम प्रदीप कौरव और नायब तहसीलदार नेहा जैन को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने मांग की कि श्री सम्मेद शिखर जी ‘पारसनाथ पर्वतराज’ को वन्य जीव अभयारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन स्थल, धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएँ। और ‘पारसनाथ पर्वतराज’ और मधुबन को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत घोषित कर पारसनाथ पर्वत को वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग लिखकर प्राचीन जैन तीर्थ की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई) दिनांक 2 अगस्त्त 2019 से बाहर किया जाए। साथ ही श्री सम्मेद शिखर जी ‘पारसनाथ पर्वतराज’ और मधुबन को माँस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित किया जाए। इसके अलावा ‘पारसनाथ पर्वतराज’ वन्दना मार्ग को अतिक्रमण व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, यात्री सामान जांच के लिए स्कैनर सहित पर्वत के आरम्भ में और शीतल नाला पर चेक पोस्ट और पर्वत पर सोलर लाइट्स और शुद्ध जल व्यवस्था जैसी सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाएँ।
विदित हो कि जैन समुदाय अपने तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल बनाने से नाराज़ है, जिसके विरोध में पूरे देश में जैन समुदाय द्वारा रैली एवं जन सभाओं का आयोजन किया गया। जिसे व्यापरी संगठनों का भरपूर समर्थन मिला।
गुरुवार की रात गुप्ता कॉलोनी, जागृतिनगर, गोहलपुर में हुई मृतक राहुल रजक की अंधी हत्या को पुलिस ने सुलझा लिया है। हत्या के संबंध में दो भाईयों और एक 16 वर्षीय किशोर के शामिल होने की बात सामने आई है। हत्या की जांच के दौरान सामने आया कि मृतक राहुल रजक का आकाश रजक से घटना के कुछ देर पहले ही वाद विवाद हुआ था। जिसके बाद आकाश रजक उम्र 22 वर्ष निवासी जागृति नगर को गिरफ्तार कर पूछताछ की गयी तो एक और पुराना विवाद सामने आया। जिसमें पता लगा कि कुछ दिनों पहले शनिवार 11 दिसंबर को आकाश रजक के दोस्त का मृतक राहुल रजक के दोस्त से वाद विवाद हुआ था, जिसकी रिपोर्ट आकाश रजक के दोस्त ने की थी, रिपोर्ट करने की बात को लेकर राहुल रजक ने आकाश रजक को बुलवाया और दोस्त के खिलाफ रिपोर्ट कराने से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए मारने दौड़ा तो आकाश रजक भाग कर एक घर मे घुस गया और वहीं से अपने भाई विकास रजक को विवाद होने की जानकारी दी। तो विकास रजक अपने एक 16 वर्षीय दोस्त को लेकर पहुंचा, और जिस घर में भागकर आकाश रजक घुसा था वहाँ से कुल्हाड़ी लेकर राहुल रजक के सिर पर चोट पहुंचायी। इसके बाद विकास रजक और उस 16 वर्षीय किशोर ने ईंट और बेस बॉल के डण्डे से राहुल रजक को मारकर भाग गये। आकाश रजक के भाई विकास रजक उम्र 18 वर्ष और 16 वर्षीय किशोर को तलाश कर गिरफ़्तारी की गई। पूछताछ के दौरान उनकी निशानदेही पर उनसे घटना में प्रयुक्त कुल्हाडी, बेस बॉल का डण्डा और घटना के वक्त पहने हुये कपड़े जप्त किये गए। तीनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
विदित हो कि 25 वर्षीय मृतक राहुल रजक की लाश गुरुवार को जागृतिनगर में पायी गई थी। मृतक के सिर पर गम्भीर चोट के भी निशान पाए गए थे। जिसके बाद जबलपुर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.) के निर्देश पर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर गोपाल खाण्डेल और नगर पुलिस अधीक्षक गोहलपुर अखिलेश गौर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी गोहलपुर विजय तिवारी के नेतृत्व में टीम गठित कर हत्या की जांच शुरू की गई। इस अंधी हत्या का खुलासा करने, दोनों आरोपी भाईयो और 16 वर्षीय किशोर को 24 घंटे के अंदर पकडने में उप निरीक्षक अमित मिश्रा, लवकुश साकेत, सहायक उप निरीक्षक मान सिंह, प्रधान आरक्षक राघवेन्द्र सिंह, आशीष असाटी, धर्माजी पवार, राजा भैया, सुरेश मिश्रा, सादिक अली, आरक्षक हुलेश, दिलीप, धीरेन्द्र, विनय एवं क्राईम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक रामसनेह शर्मा प्रधान आरक्षक हरिशंकर गुप्ता, अरविंद श्रीवास्तव, आरक्षक राजेश केवट की सराहनीय भूमिका रही।
शुक्रवार को संभाग क्रमांक 10 के अंतर्गत वार्ड भ्रमण के दौरान सहायक आयक्त आनंद मिश्रा और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक अनिल मिश्रा के ने देखा कि देशी शराब दुकान के सामने संचालक द्वारा गंदगी फैलाई जा रही थी, जिसपर तत्काल ही चालानी कार्यवाही करते हुए देशी शराब दुकान संचालक के ऊपर 50 हजार रूपये राशि का जुर्माना लगाकर स्पॉट फाइन की वसूली की गयी और मौके पर ही पी.ओ.एस. मशीन से तत्काल में रसीद प्रदान की गयी। उक्त कार्यवाही में सहायक आयुक्त आनंद मिश्रा, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक अनिल मिश्रा, सुपरवाइजर श्रीनिवासलू एवं राजेश चौधरी उपस्थित रहें।
विदित हो कि नगर निगम द्वारा शहर में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान के अंतर्गत साफ-सफाई से संबंधित अन्य जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। प्रतिदिन नगर निगम टीम के सदस्यों के द्वारा सभी से आग्रह किया जा रहा है कि अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों के सामने गंदगी न फैलाएँ और साफ सफाई बेहतर रखें। प्रचार वाहनों के माध्यम से भी स्वच्छता के महत्व को लगातार निगम प्रशासन द्वारा लोगों को बतलाया जा रहा है तथा गंदगी न करने और न ही गंदगी फैलाने के लिए समझाईश भी दी जा रही है। इन सबके बावजूद भी कोई घरों एवं प्रतिष्ठानों के सामने गंदगी फैलाता है तो उनके विरूद्ध चालानी कार्यवाही भी की जा रही है।
गुरूवार को शाहरूख खान की फिल्म डंकी की शूटिंग भेडाघाट में करने फिल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी अपने दो दर्जन क्रू मेंबर्स के साथ भेड़ाघाट पहुंचे। जहां उन्होंने भेड़ाघाट और बंदरकूदनी के कई सीन कैमरे में कैद किए। फिल्म की शूटिंग में यहाँ शाहरूख तो नहीं लेकिन उनका डुपलीकेट जरूर मौजूद है।
जबलपुर के कलाकार भी हैं डंकी में – इस फिल्म में जबलपुर के फिल्म और रंगमंच से जुड़े कलाकारों को भी शूटिंग लोकैशन में स्पॉट किया गया। जिसमें कुछ कलाकार जैसे गौरव सैनी सिख युवक की भूमिका में दिखाई दिए। गौरव रंगमंच से जुड़े कलाकार हैं जिन्हें शहर में विभिन्न नाटकों के मंचन में देखा जा चुका है। साथ ही गौरव सक्रियता से अभिनय के क्षेत्र में जबलपुर का नाम रोशन कर रहे हैं। इस फिल्म में काम करने से पूर्व वे काफी वेब सीरीज़ और फिल्मों में अहम किरदार निभा चुके हैं।
ये संयोग की बात है कि हिरानी पहली बार जबलपुर में शूट कर रहे हैं और पहली बार शाहरुख को लेकर फिल्म बना रहे हैं। इस फिल्म की रिलीज 22 दिसंबर 2023 को तय की गई है। लेकिन लोगों के मन में सवाल है कि फिल्म के टाइटल का मतलब क्या है और इसकी कहानी से शीर्षक का क्या संबंध है?
फिल्म का टाइटल डंकी क्यूँ? – राजकुमार हिरानी की फिल्में अधिकतर सामाजिक मुद्दों से जुड़ी होती हैं। जिसमें सामाजिक कुरीतियों या मान्यताओं को चुनौती दी जाती है। डंकी भी सामाजिक मुद्दे से जुड़ी हुई फिल्म है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डंकी असल में एक कोडवर्ड है। जो ‘डॉन्की फ्लाइट्स’ शब्द से आया है, जिसे इलीगल बॉर्डर इमिग्रेशन यानी अवैध तरीके से अप्रवासियों को सीमा पार कराने के तरीके के तौर पर देखा जाता है। भारतीय लहजे में डॉन्की को डंकी बोला जाता है, इसलिए फिल्म का टाइटल डंकी रखा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि राजकुमार हिरानी की फिल्म इसी डंकी फ्लाइट्स के मुद्दे को उठाती नज़र आएगी।
क्या होती हैं डंकी फ्लाइट्स? – डंकी फ्लाइट्स से तात्पर्य सिर्फ विमान सेवा के जरिए अवैध ढंग से अन्य देश तक पहुंचना नहीं है, बल्कि अवैध तरीके से सीमा पार जाने के तरीके को भी डंकी फ्लाइट्स कहा जाता है। सीधे शब्दों में यह अप्रवासियों के लिए किसी भी देश में घुसने का गैरकानूनी तरीका है। आमतौर पर जिन लोगों को वैध तरीके से किसी भी देश में एंट्री नहीं मिलती, वे दूसरे देशों से मुश्किल रास्तों को अपनाकर और अपनी पहचान छिपाकर उस देश में पहुंचने की कोशिश करते हैं। इसी तरीके को डंकी फ्लाइट्स कहा जाता है।
ग्वारीघाट थाना प्रभारी भूमेश्वरी चौहान ने बताया कि कल शाम क्राईम ब्रांच को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि सिद्धधाट के उपर मोहित चाय दुकान में 3-4 लड़के खड़े हैं जिनमें से एक लड़का सफेद काले रंग की टीशर्ट एवं जींस पहने है। जींस के पेंट की दाहिनी जेब में देशी पिस्टल रखा है। सूचना पर थाना और क्राईम ब्रांच की संयुक्त टीम ने मुखबिर के बताये स्थान पर दबिश दी। सिद्धधाट स्थित मोहित चाय दुकान में मुखबिर के बताये हुलिये के लड़के को पकड़ा जिसने नाम पता पूछने पर अपना नाम अभय उपाध्याय, उम्र 25 वर्ष, निवासी राधा स्वामी का बाड़ा, फूटाताल,थाना बेलबाग बताया। जिसे मुखबिर की सूचना से अवगत कराते हुये तलाशी लेने पर पेंट की जेब में एक देशी पिस्टल और एक कारतूस रखे मिला। आरोपी के कब्जे से एक देशी पिस्टल, 1कारतूस और एप्पल कम्पनी का मोबाइल जप्त करते हुये आरोपी अभय उपाध्याय के खिलाफ़ धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए उक्त देसी पिस्टल कहां से और कैसे प्राप्त की, के संबंध में पूछताछ की जा रही है। आरोपी को पिस्टल एवं कारतूस के साथ पकड़ने में सहायक उप निरीक्षक रणजीत सिंह एंव क्राईम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक मृदुलेश शर्मा, प्रधान आरक्षक मानस उपाध्याय, शेषनारायण राय, आरक्षक अनूप सिंह की सराहनीय भूमिका रही।
कल शाम मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बेलबाग थाना प्रभारी प्रियंका केवट ने अपनी टीम के साथ दंगल मैदान के पास खटीक मोहल्ला तरफ जाने वाले रास्ते पर एक व्यक्ति को 56 नशीले इन्जेक्शन के साथ दबोच लिया। वह व्यक्ति प्लास्टिक की बोरी में नशीले इंजेक्शन रखकर ग्राहकों का इंतजार कर रहा था। दबिश के दौरान उसने बोरी के साथ भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस की घेराबंदी के चलते वह पकड़ा गया। पूछताछ में उसने अपना नाम बबलू उर्फ मुकेश सोनकर, उम्र 34 वर्ष, निवासी दंगल मैदान खटीक मोहल्ला बेलबाग बताया। तलाशी लेने पर बोरी के अंदर कागज के डिब्बे में 28 नग बुप्रेनोरफिन इंजैक्शन तथा 28 फेनिरामाईन मैलेट इंजैक्शन मिले। उक्त 56 नग नशीले इंजैक्शन के बारे में पूछताछ करने पर उसने बताया कि जिसने उक्त इंजैक्शन सुमित सोनकर निवासी खटीक मोहल्ला से 1 हजार रूपये में खरीदे हैं। आरोपी मुकेश सोनकर के विरूद्ध धारा 5/13, 6 म.प्र. ड्रग्स कन्ट्रोल एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए सुमित सोनकर की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। आरोपी को नशीले इंजैक्शन के साथ गिरफ्तार करने में उप निरीक्षक मुनेश कोल, प्रधान आरक्षक भूपेन्द्र रावत, प्रेमलाल विश्वकर्मा, आरक्षक मनीष बघेल की सराहनीय भूमिका रही। विदित हो कि पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.) के निर्देश और अति. पुलिस अधीक्षक शहर श्री गोपाल खाण्डेल के मार्गदर्शन में अवैध मादक पदार्थ, शराब की तस्करी और नशीले इंजैक्शन के कारोबार मे लिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ़ तेज़ी से कार्यवाही की जा रही है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के इस दौर में दर्शकों को बेहद उम्दा कॉन्टेन्ट देखने मिल रहा है। और ऐसे किसी कॉन्टेट से शहर की किसी प्रतिभा का नाम जुड़ना संस्कारधानी के लिए सौभाग्य की बात है। ऐमज़ॉन मिनी पर ऐसा ही कॉन्टेन्ट “फिज़िक्स वाला” आज रिलीज़ हुआ है। जिसमें शहर के ही रोहित झा ने प्रॉडक्शन डिज़ाइन किया है। प्राथमिक मीडिया से फोन पर बात करते हुए रोहित झा ने बताया कि एक प्रॉडक्शन डिज़ाइनर की वेब सीरीज़, फिल्म और टीवी सीरियल्स के सेट्स को तैयार करने में अहम भूमिका होती है। वे कहानी के विजुअल्स में शूट किये जा रहे सेट की सेटिंग्स और स्टाइल को चुनने में भी निर्देशक और निर्माता के साथ मिलकर काम करते हैं। यहाँ तक सेट पर केरेक्टर्स के किस तरह के कॉस्टयूम बेहतर दिखाई देंगे इस पर भी उनका दखल रहता है। इस तरह से किसी भी फिल्म के सेट, लाइट, कैमरा से लेकर ऐक्शन तक में एक प्रॉडक्शन डिज़ाइनर की भागीदारी रहती है।
रोहित ने बताया कि उनकी वेब सीरीज़ “फ़िज़िक्स वाला” की शूटिंग देहरादून और मुंबई में हुई है। जिसमें उनके साथ उनकी टीम के असिस्टेंट प्रॉडक्शन डिज़ाइनर कुसुम बिष्ट, असिस्टेंट आर्ट डायरेक्टर राहुल वर्मा और हर्षित झा, आर्ट डिपार्ट्मन्ट में बतौर सहयोगी श्रियांशी मिश्रा और आनंद कुमार तिवारी साथ रहे हैं। रोहित झा जबलपुर से ऐसे पहले व्यक्ति हैं जो बतौर प्रॉडक्शन डिज़ाइनर मुंबई में कार्यरत हैं और सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। उनके पिता स्वर्गीय कश्यप नारायण झा का नाम जबलपुर और प्रदेश के कला जगत में बेहद सम्मानपूर्वक लिया जाता है।
वेब सीरीज़ के बारे में उन्होंने बात करते हुए बताया कि ऐमज़ॉन की फ्री वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस अमेज़न मिनीटीवी पर “फ़िज़िक्स वाला” आज रिलीज़ हुई है। ये वेब सीरीज़ एडटेक यूनिकॉर्न फ़िज़िक्स वाला के फाउंडर और सीईओ अलख पांडे की इंस्पिरेशनल जर्नी से प्रेरित है। इस सीरीज में श्रीधर दुबे, अलख पांडे उर्फ फ़िज़िक्स वाला की भूमिका निभाते नजर आएंगे।
अलख पांडे के बारे में कहा जाता है कि ये उन महान टीचर्स और इंटप्रेन्योर्स में से एक हैं जिन्होंने भारत के एजुकेशन सिस्टम क्रांति लाई।अबाउट फिल्म्स द्वारा रचित और अभिषेक ढांढरिया द्वारा निर्मित और निर्देशित यह वेब सीरीज आज से ऐमज़ॉन शॉपिंग ऐप के भीतर ऐमज़ॉन मिनी टीवी पर बिल्कुल फ्री में देखी जा सकती है। इसका ट्रेलर उस टीचर (श्रीधर दुबे द्वारा अभिनीत) के जीवन की एक झलक देता है जो छात्रों को फिजिक्स सिखाने के लिए देश के उन जगहों पर इंस्टिट्यूट खोलना चाहता है जो बेहद दूर बसे हुए हैं और जहां पहुंचना मुश्किल है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वो ऐसे मंच का निर्माण करता है न केवल बच्चों के हित के लिए काम करता है बल्कि देश में एजुकेशन के प्रति नजरिए को भी बदलता है। ट्रेलर में आप देखेंगे कि कैसे एक युवक फ़िज़िक्स की ऑनलाइन कोचिंग शुरू करता है और कम व्यूज़ के बाद भी अपने प्रयास जारी रखता है और एक दिन उसके लगातार प्रयासों के चलते उनका एक वीडियो वायरल होने के बाद उनकी किस्मत बदल जाती है।
यदि आपको नाइट कैम्पिंग करनी हो तो आप इसके लिए कहाँ जाना चाहेंगे? शायद किसी राष्ट्रीय उद्यान जहां यह सुविधा मौजूद हो या फिर कोई पर्यटक स्थल जहां ऐसे आयोजन लगातार होते हैं। लेकिन आपको अगर शहर में ही नाइट कैम्पिंग करने का मौका मिले वो भी ऐसी जगह जहां जंगल और जंगली जीव-जंतुओं के आस-पास होने का रोमांच हो तो?
जबलपुर के प्रसिद्ध डुमना नेचर पार्क में जंगल और जंगले जीव-जंतुओं का रोमांच तो है ही लेकिन अब से वहाँ नाइट कैम्पिंग का भी इंतज़ाम आपको देखने मिलेगा। आज इसी कड़ी में डुमना नेचर पार्क में जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का प्रथम संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। मध्य प्रदेश के किसी भी नगर निगम व नगरीय क्षेत्र में होने वाला यह अपने प्रकार का पहला कैंपिंग फेस्टिवल है। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन एवं सेफ टूरिज्म डेस्टिनेशन फॉर विमेन के तत्वावधान में एवं नगर निगम जबलपुर, एसआईएचएम जबलपुर, नगरीय प्रशासन-जे ए टी सी सी, जबलपुर के सहयोग से पिंकपल्प फाउंडेशन संस्था द्वारा आयोजित किया गया। आयोजन में लगभग डेढ़ सौ प्रतिभागियों ने प्रकृति के बीच में रहकर प्राकृतिक सौंदर्य को समझने एवं महसूस करने का आनंद लिया।
गौरतलब है कि डुमना नेचर पार्क को एशिया के दूसरे सबसे बड़े नगरीय वन क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है। डुमना नेचर पार्क में 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी, 2 हजार से अधिक चीतल, अनेक प्रकार के वृक्ष व पौधे एवं 11 तेंदुए प्राकृतिक रुप से मौजूद हैं। प्रकृति की इस संपदा को संरक्षित करने हेतु एवं प्रकृति के बारे में शिक्षा प्रदान करने हेतु जबलपुर के नागरिकों एवं अन्य पर्यटक को हेतु जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया गया। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोगों ने इसमें भाग लिया।
शांतिपूर्वक किया उद्घाटन- जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का उद्घाटन प्राकृतिक वातावरण को देखते हुए प्राकृतिक रूप से और शांतिपूर्ण ढंग से किया गया। आयोजन का शुभारंभ एवं उद्घाटन महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने किया। उद्घाटन में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के डायरेक्टर मनोज कुमार सिंह, मध्य प्रदेश टूरिज्म के रीजनल मैनेजर के एल पटेल, एसआईएचएम के प्रिंसिपल दविंदर सोधी, पूर्व नगर निगम कमिश्नर वेद प्रकाश शर्मा और आयोजन संस्था पिंकपल्प फाउंडेशन से रुद्राक्ष पाठक मौजूद थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में जेएटीसीसी से हेमंत सिंह का खास योगदान रहा।
एस्ट्रो-टूरिज़म से भी हुए रु-ब-रु – प्रतिभागियों ने कैंप में अनेक गतिविधियों का आनंद लिया। सीनियर माउंटेनियर संजय यादव द्वारा कैंपिंग टेंट सेटअप कराना सिखाया गया। इसके बाद सभी ने अपने-अपने कैंप के इर्द-गिर्द बोनफायर के पास बैठकर परिवार एवं मित्रों के साथ सुखद समय व्यतीत किया। एस्ट्रो-टूरिज़म के प्रति लोगों में रुचि पैदा करने के लिहाज़ से टेलिस्कोप भी लगाया गया। इस टेलीस्कोप से न केवल विभिन्न सितारों व ग्रहों को दिखाया गया बल्कि एस्ट्रोनॉमी और तारों के बारे में आकर्षक जानकारियां लाइव सेशन द्वारा दी गई। बच्चों और बड़ों ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया। इस तरह से जबलपुर क्षेत्र में एस्ट्रो-टूरिज्म की एक सफल शुरुआत हुई।
नेचर वॉक का भी लुत्फ उठाया – प्रातः 6ः00 बजे सभी प्रतिभागियों को नेचर वॉक पर ले जाया गया जिसमें डुमना के वन्यजीवों पक्षियों एवं पेड़ पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई व दूरबीन से पक्षियों व वन्यजीवों का अवलोकन भी कराया गया।
पर्यावरण से जुड़ा यह आयोजन पर्यावरण के हितों का भी ध्यान रखे, इसलिए कैम्प के समापन पर सभी ने अपने-अपने टैंट समेटे साथ ही प्रतिभागियों ने कैम्प छोड़ने से पहले आस-पास सफाई भी की। कैम्प साइट के पास ही मौजूद लायब्रेरी में बच्चों ने किताबों में काफी रुचि दिखाई। प्रतिभागियों को एसआईएचएम जबलपुर के सौजन्य से सभीस्वादिष्ट भोजन की सुविधा मिली। मुंबई की प्रख्यात होटल ओबेरॉय से आए हुए शेफ्स ने खास तौर पर भोजन बनाकर प्रतिभागियों को उपलब्ध कराया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विकासखण्ड सेंधवा के ग्राम चाचरिया में पेसा एक्ट जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं भाषण देने नहीं, पेसा एक्ट पढ़ाने आया हूँ। जिन विकासखण्डों में पेसा एक्ट लागू किया गया है, वहाँ के लोगों को इसके प्रावधान और अपने अधिकारों की जानकारी होना जरूरी है। एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिये ग्राम सभाओं का गठन होगा। सभी ग्राम सभाओं को अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा। ग्राम सभाएँ सामाजिक समरसता के साथ बने, यह हम सबके प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जल, जंगल और ज़मीन से जुड़े फ़ैसले अब भोपाल से नहीं गाँव की चौपाल से किए जाएँगे। पेसा एक्ट के बारे में उन्होंने कहा कि यह किसी गैर जनजातीय समाज के खिलाफ नहीं है। यह जनजातीय भाई-बहनों को और मजबूत करने के लिए है। प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखण्डो में इसे लागू किया गया है। पेसा एक्ट जनजातीय भाई-बहनों को जल, जंगल, जमीन, श्रमिकों के अधिकारों का विशेष ध्यान एवं स्थानीय संस्थाओं, परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन का अधिकार प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन और शासकीय कार्यों में किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनपद सेंधवा के सीईओ को ऐसी ही शिकायत के चलते निलंबित किया जाता है।
देश में चले एक विधान – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्ष में हूँ। प्रदेश में इसके लिये कमेटी बनाई जा रही है। भारत में अब समय आ गया है कि एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। एक से ज्यादा शादी क्यों करे कोई। एक देश में दो विधान क्यों चले, एक ही होना चाहिए। समान नागरिक संहिता में एक पत्नी रखने का अधिकार है, तो एक ही पत्नी होनी चाहिए।
चौहान ने कहा कि सरकार भी बिना ग्राम सभा की मर्ज़ी के सीधे ज़मीन नहीं ले सकेगी। धोखाधड़ी कर जमीन हड़पने और अपने नाम करवाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पेसा एक्ट के चलते अब कोई छल, कपट और बल पूर्वक किसी की जमीन हड़प नहीं सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्राम सभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का भी अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में रेत, मिट्टी, पत्थर या कोई अन्य खदान का पट्टा बिना ग्राम सभा की अनुमति के सरकार नहीं दे सकेगी।
मुख्यमंत्री ने लगाई खाटला पंचायत – मुख्यमंत्री ने ग्राम चाचरिया में पेसा एक्ट जागरूकता सम्मेलन के दौरान खाटला पंचायत में क्षेत्र के पटेल, पुजारा, सरपंच, उप सरपंच, पंच एवं ग्रामीणों के साथ बैठ कर पेसा एक्ट की जानकारी दी। इस दौरान जनजातीय समुदाय ने राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री के नाम धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गौण वन संपदा जैसे अचार की गुठली, महुए का फूल, महुए की गुल्ली, हर्रा, बहेड़ा, बाँस, आंवला, तेन्दूपत्ता आदि को बेचने, बीनने और इनके मूल्य निर्धारण का अधिकार भी अब ग्राम सभा के पास होगा। ग्राम सभा इसके लिए अपना प्रस्ताव बना कर 15 दिसम्बर तक वन विभाग को भेज सकती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्राम सभा, अमृत सरोवर और तालाबों का प्रबंधन करेगी। तालाबों में सिंघाड़ा उगाने और मछली पालन और मत्स्याखेट की सहमति ग्राम सभा देगी।
उन्होंने पेसा एक्ट में श्रमिकों के अधिकारों की जानकारी देते हुए बताया कि अब ग्राम के श्रमिक किसी अन्य राज्य या अन्य जिले में मजदूरी करने ठेकेदार या किसी भी व्यक्ति के माध्यम से जाते हैं तो उसकी जानकारी ग्राम सभा को देनी होगी। इससे बाहर मजदूरी करने गये मजदूर की जानकारी ग्राम सभा के पास होगी, जिससे हमारे किसी भाई को कोई दिक्कत हो तो ग्राम सभा उसकी मदद कर पाए।
शांति एवं विवाद निवारण समिति का गठन – मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गाँव में शांति एवं विवाद निवारण समिति का गठन किया जायेगा। यह समिति स्थानीय छोटे-मोटे विवादों का गाँव में ही निपटारा करेगी, जिससे ग्रामीणों को अनावश्यक पुलिस थानों के चक्कर न लगाने पड़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गाँव के किस पात्र व्यक्ति को शासन की कौन सी योजना का लाभ मिलना चाहिए यह भी ग्राम सभा ही तय करेगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी केन्द्र, आश्रम, छात्रावास आदि के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनिटरिंग का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा।
शराब दुकान का फैसला ग्राम सभा का – शिवराज ने कहा कि गाँव में नई दारू दुकान खुले या नहीं, इसका फैसला ग्राम सभा करेगी। यदि दारू की दुकान, अस्पताल, स्कूल, धार्मिक स्थल के पास है तो ग्राम सभा उसे बंद करने अथवा दूसरी जगह ले जाने की अनुशंसा कर सकेगी। ग्राम सभा किसी दिन को ड्राय-डे घोषित करने के लिये कलेक्टर को अनुशंसा कर सकेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोई निजी साहूकार, ब्याज देने वाला व्यक्ति लायसेंस लेकर और सरकार द्वारा तय ब्याज दर पर ही ग्रामीणों को ऋण दे सकेगा। अवैध रूप से दिये गये ऋण शून्य हो जायेंगे।
चौहान ने कहा कि गत 15 नवंबर को प्रदेश में पेसा एक्ट लागू हो चुका है। एक्ट के प्रावधानों का प्रचार-प्रसार करने प्रदेश में जागरूकता यात्राएँ निकाली जा रही हैं, जो 4 दिसम्बर को टंटया मामा के बलिदान दिवस पर इंदौर में एकत्र होंगी। यहाँ उनकी प्रतिमा का अनावरण और विशाल सम्मेलन भी होगा।
उन्होंने पेसा एक्ट जागरूकता के लिये जिला प्रशासन द्वारा पेसा एक्ट के नियमों की बारेली बोली में अनुवादित किताब एवं बारेली बोली में गाये गए गीतों की सीडी का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति पर केन्द्रित लोक नृत्य एवं गीतों की प्रस्तुति दी गई। शुभारंभ कन्या-पूजन के साथ हुआ। मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा, खाज्या नायक, भीमा नायक, टंट्या मामा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जनजातीय नायकों को नमन किया।
कार्यक्रम में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा एवं बड़वानी जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग, पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, लोकसभा सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल, पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य सहित जन-प्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनजातीय बंधु उपस्थित थे।