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मंगलवार, नवम्बर 26, 2024
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पितृपक्ष सिर्फ मृत्यु पश्चात ही क्यों ?

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माथे का पसीना अपने दुपट्टे से पोंछती हुई, नियति किचन से निकल कर आई और लिविंग रूम में रखे सोफे पर, धम्म से बैठ गई। थकान से पूरा श रीर दर्द कर रहा था उसका। सितंबर का महीना था और पितृपक्ष चल रहे थे। आज उसके ससुर जी का श्राद्ध था। बस थोड़ी देर पहले ही पण्डित जी और कुछ रिश्तेदार भोजन ग्रहण कर घर से गए थे।

सबने उसके हाथ के बनाए भोजन की खूब तारीफ़ की थी,खासकर उसकी बनाई हुई खीर सबको खूब पसंद आई थी। सभी मेहमान तृप्त होकर गए थे। इस बात की संतुष्टि साफ झलक रही थी नियति के चेहरे पर।

कहते है यदि पितृ श्राद्ध में भोजन करने वाले लोग तृप्त होकर जाएं तो समझ लीजिए आपके पितृ भी तृप्त हो गए।

“चलो ज़रा खीर चखी जाए । मैं भी तो देखूं कैसी बनी है खीर, जो सब इतनी तारीफ कर रहे थे।”

बुदबुदाते हुए नियति, एक कटोरी में थोड़ी सी खीर लिए वापस लिविंग रूम में आ गई। ड्राई फ्रूट्स से भरी हुई खीर वाकई बहुत स्वदिष्ट बनी थी।

वैसे नियति को मीठा ज्यादा पसंद नही था। पति और बच्चे भी मीठे से ज्यादा ,चटपटे व्यंजन पसंद करते थे तो खीर घर में कभी कभार ही बनती थी।

पर एक व्यक्ति थे घर में ,जो खीर के दीवाने थे। वो थे नियति के ससुर , स्वर्गीय मणिशंकर जी। वे अक्सर अपनी पत्नी ,उमा से खीर बनाने को कहा करते और उमा जी भी ,खूब प्रेम से उनके लिए खीर बनाया करती किंतु उमा जी के स्वर्गवास के बाद सब बदल गया।

एक बार मणि शंकर जी ने नियति से कहा ” बहु थोड़ी खीर बना दे ,आज बहुत जी कर रहा है खीर खाने को।”

इतना सुनते ही नियति उन पर बरस पड़ी थी
” क्या पिता जी, आपको पता है ना घर में आपके अलावा और कोई खीर नहीं खाता। अब मैं स्पेशली आपके लिए खीर नहीं बना सकती और भी बहुत काम रहते है मुझे घर पर ,और बुढ़ापे में इतना चटोरापन अच्छा नहीं। “

बहु से इस तरह के व्यवहार की कल्पना भी नहीं की थी मणिशंकर जी ने। दिल को बहुत ठेस पहुंची थी उनके। उस दिन वे अपनी स्वर्गवासी पत्नी को याद कर, खूब रोए। बस उस दिन से उन्होंने नियति से कुछ भी कहना बंद कर दिया।कभी कभी बहुत इच्छा होती उन्हें खीर खाने की। पर बहु के डर से उन्होंने अपनी इस इच्छा को भी दबा दिया।

कुछ दिन बाद मणि शंकर जी भी इस संसार को छोड़ चले गए। परंतु खीर खाने की इच्छा उनके मन में ही रह गई।

कहते हैं श्राद्ध में पितरों का मनपसंद भोजन यदि
पंडितों को खिला दो तो पितृ देव प्रसन्न हो जाते हैं इसीलिए तो आज नियति ने खीर बनाई थी।

” चलो आज बाबूजी की आत्मा को भी तृप्ति मिल गई होगी। उनकी मनपसंद खीर जो बनाई थी आज ।” नियति मुस्कुराते हुए बुदबुदाई और बची हुई खीर खाने लगी।

तभी उसके कानो में एक आवाज सुनाई दी ” बहु थोड़ी खीर खिला दे आज बहुत जी कर रहा है खीर खाने का।”
एक बार, दो बार, कई बार ये आवाज नियति के कानों में गूंजने लगी।

ये उसके ससुरजी की आवाज़ थी। नियति थर थर कांपने लगी। उसने सुना था कि पितृ पक्ष में पितृ धरती पर विचरण करते है। डर के मारे नियति के हाथ से खीर की कटोरी छटक कर ज़मीन पर गिर गई।

उसने दोनो हाथ अपने कानों पर रख दिए। उसे अपने ससुर जी से किया हुआ दुर्व्यवहार याद आ गया। अनायास ही उसके आंखों से पश्ताचाप की अश्रु धारा फूट पड़ी।

अब कमरे में एक अजीब सी शांति थी। सब कुछ एक दम शांत । अशांत था तो बस, नियति का मन। वो अब ये जान गई थी कि जो तृप्ति आप एक मनुष्य को उसके जीते जी दे सकते है, वो तृप्ति आप उसके मरणोपरांत, हजारों दान पुण्य या पूजा पाठ से कभी नहीं दे सकते इसलिये बुजुर्गों की जीतेजी सेवा मरणोपरांत श्राद्ध कर्म से बहुत बेहतर है।

डॉ नरेंद्र त्रिपाठी (रचनाकार)

एक झटके में हटाए 13147 पुराने मामले – सुप्रीम कोर्ट

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लंबित प्रकरणों के बोझ से दबी देश की शीर्ष न्यायपालिका को मुक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 13147 पुराने उन मामलों को हटा दिया, जिन्हें डायरी में दर्ज तो किया गया था, लेकिन उन्हें पंजीकृत नहीं किया गया था। इनमें से कुछ मामले 30 साल से पहले दायर किए गए थे।

आदेश में क्या कहा गया …
“प्रचलित प्रथा के अनुसार, मामलों में पाई गई कमियों को सुधारने के लिए मामले क्रमशः एलडी के वकील / याचिकाकर्ता को वापस कर दिए गए थे। उन्हें कभी भी ठीक नहीं किया गया है। कुछ भी नहीं किया गया है। उसके बाद इन डायरी नंबरों के संबंध में या तो एलडी वकील या पार्टी-इन-पर्सन से सुना गया।”
आदेश में यह इंगित किया गया कि सभी 13,147 मामलों को केवल डायरी किया गया था और डायरी संख्या के अलावा कोई संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था और न ही बनाए रखा गया था क्योंकि रजिस्ट्री द्वारा दोषों को सूचित करते समय कोई कागज नहीं रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट के 2013 के नियम लागू होने के बाद ही रजिस्ट्री के पास वादपत्र और कोर्ट फीस टिकटों की एक प्रति रखने का प्रावधान किया गया था।
आदेश में कहा गया है कि मामलों में दोषों को वर्षों पहले पार्टियों को अधिसूचित किया गया था और उन्हें 28 दिनों के भीतर इसे ठीक करना था। पार्टियां इस प्रकार अधिसूचित दोषों को सुधारने और ठीक करने के लिए वर्षों तक कोई प्रभावी कदम उठाने में विफल रहीं।
आदेश में यह भी कहा गया है,
“दोषों को ठीक करने के लिए वैधानिक अवधि समाप्त हो गई है। ऐसा लगता है कि पार्टियों का मुकदमा चलाने का इरादा नहीं है। पार्टियों को दोषों को ठीक करने के लिए कई वर्षों की अनुमति दी गई थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”
आदेश में यह भी संकेत दिया गया कि 28 दिन पूरे होने के बाद भी कमियों को ठीक करने के लिए पार्टियों द्वारा समय बढ़ाने की मांग करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया और दोष आज तक अपरिवर्तित रहे हैं और वह भी बिना किसी उचित कारण के। मामले समय के प्रवाह के साथ ही मर गए हैं।
2022 के अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित मामलों की कुल संख्या 71,411 थी, जिनमें से 56,365 दीवानी मामले थे और 15,076 आपराधिक मामले थे, इन मामलों को रिकॉर्ड से हटाने से सुप्रीम कोर्ट समक्ष लंबित मामलों की संख्या में सेंध लग सकती थी।

सूर्यास्त के बाद नहीं करने चाहिए ये 5 काम, इससे नाराज हो जाती हैं देवी लक्ष्मी और बनी रहती है गरीबी

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मान्यताओं के अनुसार सूर्यास्त के बाद कुछ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। यदि सूर्यास्त के बाद इन कार्यों को करते हैं तो घर में बरकत नहीं होती है और दरिद्रता आने लगती है इसलिए सूर्यास्त के बाद इन कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आगे जानिए इन कामों के बारे में…

  1. सूर्यास्त के बाद भूलकर भी तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए। यहां तक की सूर्यास्त के बाद तुलसी में जल भी नहीं देना चाहिए। माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद तुलसी को स्पर्श करने तोड़ने आदि से मां लक्ष्मी नाराज होती है जिससे आपके घर में धन की कमी होने लगती है औऱ दरिद्रता आने लगती है।
  2. सूर्यास्त के बाद दही का दान नहीं करना चाहिए। दही को शुक्र ग्रह से संबंधित खाद्य पदार्थ माना जाता है और शुक्र को धन वैभव का प्रदाता माना गया है। सूर्यास्त के समय या सूर्यास्त के बाद दही का दान करने से सुख-समृद्धि में कमी आती है। आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  3. सूर्यास्त के समय सोना वर्जित माना गया है साथ ही इस समय भोजन भी नहीं करना चाहिए। इससे आपके स्वास्थ्य की हानि होती है। माना जाता है कि सूर्यास्त के समय सोने से धन हानि होने लगती है। शास्त्रों में सूर्यास्त का समय पूजन-वंदन के लिए निश्चित किया गया है।
  4. यदि घर में झाड़ू-पोछा या साफ-सफाई करना है तो सूर्यास्त से पहले ही कर लेनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से धन हानि होने लगती है। माना जाता है कि इससे आपके घर से लक्ष्मी चली जाती हैं जिसके कारण धन का अभाव होने लगता है।
  5. लोग कई बार बाल कटवाते समय या फिर नाखून काटते हुए दिन का तो ध्यान रखते हैं लेकिन समय का ध्यान नहीं रखते हैं। सूर्यास्त के बाद बाल और नाखून नहीं काटना चाहिए। मान्यता है कि इससे आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है।

ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
कटनी (मध्यप्रदेश)

(अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं जिनकी पुष्टि प्राथमिक मीडिया नहीं करता है, कृपया अपने बुद्धि-विवेक से इनका अनुसरण करें। लेखक से संपर्क करने के पश्चात उनके द्वारा सुझाए गए किसी भी उपाय या दी गई सलाह या अन्य किसी लेन-देन के लिए प्राथमिक मीडिया उत्तरदायी नहीं होगा। )

जबलपुर के भीड़भाड़ वाले इलाकों पर बम स्क्वाड कर रही चेकिंग, संदिग्ध वस्तु दिखने पर पुलिस से संपर्क करें

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18 सितंबर को उपराष्ट्रपति का आगमन, राजा शंकरशाह रघुनाथ शाह बलिदान दिवस समारोह में होंगे शामिल

जबलपुर – उपराष्ट्रपति महमहिम जगदीप धनखड़ के जबलपुर आगमन के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ रखने के निर्देश दिए हैं।

आज बम निरोधक दस्ते द्वारा विटनरी कालेज, शंकर शाह रधुनाथ शाह स्मारक मालगोदाम, कल्चुरी होटल, मानस भवन कार्यक्रम स्थल तथा रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड, मॉल जैसे महत्वपूर्ण संस्थान सहित स्निफर डॉग के साथ विटनरी कालेज, शंकर शाह रधुनाथ शाह स्मारक कल्चुरी होटल, मानस भवन कार्यक्रम स्थल तथा मान्नीय उच्च न्यायालय परिसर, एवं भीड़भाड़ वाले स्थान रेल्वे स्टेशन, दीनदयाल बस स्टैण्ड, मॉल में चैकिंग की जा रही है।

स्निफर डॉग के साथ मुख्य स्थानों पर बम स्क्वाड की चेकिंग

पुलिस अधीक्षक ने संस्कारधानी की जनता से अपील की है कि यदि कोई भी संदिग्ध वस्तु आपको नजर आती है तो उससे दूर रहें एवं इसकी सूचना तत्काल कन्ट्रोलरूम के दूरभाष क्रमांक 0761-2676100, 2676102 एवं डायल 100 पर देें ताकि तत्काल बी.डी.डी.एस. (बम निरोधक दस्ता) टीम से चैकिंग की कार्यवाही करायी जा सके।

गिरफ़्तारी के बाद रेप के आरोपी संदीप अयाची की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज

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39 दिनों से फरार चल रहे महिला कॉन्स्टेबल के रेप के आरोपी संदीप अयाची को कुछ दिनों पहले पाटन बायपास से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। जिसके बाद आज आरोपी की ओर से सत्र न्यायालय में जमानत की अर्ज़ी दी गई। जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। हालाँकि गिरफ्तारी से पहले भी आरोपी संदीप अयाची ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी जो माननीय न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई थी। आज ज़मानत की अर्ज़ी कोर्ट में देते हुए आरोपी की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ दत्त ने कहा कि आरोपी निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है, आरोप लगाने वाली महिला कांस्टेबल पढ़ी-लिखी और व्यस्क है और उसे इस तथ्य की जानकारी थी कि आरोपी शादीशुदा व्यक्ति है। इसलिए जो संबंध स्थापित किए गए दोनों की सहमति से किए गए। इस संबंध में ऐसे कोई चिकित्सीय साक्ष्य नहीं है जिसमें बलात्कार के प्रमाण मिलते हों। आरोपी दमोह का स्थाई निवासी है इसलिए उसके फरार होने की संभावना नहीं है। आरोपी की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए पीड़िता के अधिवक्ता आलोक तिवारी ने दलील देते हुए कहा कि आरोपी पीड़िता का वरिष्ठ अधिकारी था इसलिए उसके द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारी पर दबाव डालकर और प्रलोभन देकर कृत्य किया गया जिसमें पीड़िता की सहमति नहीं थी। आरोपी घटना के बाद से फरार भी रहा है, यहां तक कि वह सरेंडर के लिए आवेदन देने के बाद भी उस तारीख में हाज़िर नहीं हुआ। इसलिए बाद में उसे पाटन बाईपास पर घेराबंदी करके गिरफ़्तार किया गया। पीड़िता के अधिवक्ता ने आगे कहा कि यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो वह पीड़िता या उसके परिवार के साथ कोई घटना घटित कर सकता है। माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद यह कहा कि यह मामला पुलिस अधिकारी होते हुए अपने अधीन पुलिस कर्मचारी को शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने से संबंधित है। जो कि एक बेहद गंभीर मामला है। यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो वह पीड़िता और गवाहों को प्रलोभन देने का प्रयास कर सकता है इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी द्वारा दी गई जमानत अर्जी खारिज की जाती है। सत्र न्यायालय की ओर से माननीय न्यायाधीश कुमारी उर्मिला यादव ने दोनों पक्षों को सुना। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अनिल तिवारी उपस्थित रहे।

पकड़े गए वांटेड सटोरिये सनपाल के दो और गुर्गे

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10 दिन के लिए जबलपुर से भाग जाने अन्य सटोरियों को किया मैसज

गोरखपुर पुलिस ने अरविंद उर्फ बिट्टू चावला को उसके घर के सामने इंदिरा स्कूल रोड से और समीर पोपटानी गोरखपुर गुरूद्वारे के पीछे वाली रोड में अपने घर के नीचे से गिरफ्तार किया जहां पर वह खड़ा होकर बिट्टू आई फ़ोन पर तो समीर लेपटॉप पर एक्सेल शीट पर क्रिकेट के ऑनलाइन सट्टे का हिसाब किताब कर रहा था, ये गैंग मैंबर ऑन लाईन आई.डी. प्रोवाईड कर क्रिकेट का ऑन लाईन सट्टा खिलाते थे, दोनो सटोरियों के पास से 1 लैपटाप, 1 आईफोन, 1 मोबाईल एवं नगद 18 हजार 550 रूपये जप्त किये गए, दोनो से पूछताछ में पता चला कि यह दोनों  गुरूमुख अहूजा, कमल खत्री, दया सिंधी और कमल मलानी के कमीशन पर काम करते हैं, यह सभी फरार सटोरिये सतीश सनपाल के गैंग के मेंबर है जिसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी है ।

पकड़े गए सटोरियों के मोबाइल जांचने पर सटोरियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप मिला उसमे एक मैसेज भी मिला जिसमें लिखा था 10 दिनों के लिए सभी बाहर भाग जाओ, यह मैसेज उसने अपने साथी सटोरियों को किया था ।

आरोपी अरविंद चावला,समीर पोपटानी, गुरूमुख अहूजा, दया सिंधी, कमल खत्री ,कमल मलानी के विरूद्ध धारा 4 क सट्टा एक्ट एवं 109 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर पुलिस बाकी चारों फरार सटोरियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है

ग़ौरतलब है कि  गुरूमुख अहूजा का रामपुर चौक के पास पंजाब नेशनल बैंक के बाजू में एस.जी. स्क्वेयर अपार्टमेंट में यूनिफाईड वैब ऑप्शन के नाम से आफिस है जिसे सील किया गया है। फरार गुरूमुख अहूजा, दया सिंधी, कमल खत्री ,कमल मलानी के पकड़े जाने पर पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा।

क्रिकेट के सट्टे से जुडे सटोरियों को पकड़ने एवं नेटवर्क का खुलासा करने में गोरखपुर थाना पुलिस बल के सहायक उप निरीक्षक संतोष पाण्डे, प्रधान आरक्षक दीपक मिश्रा, आरक्षक मोहित राजपूत, रत्नेश राय, दिनेश गुर्जर, निर्मल सनोडिया, महिला आरक्षक कंचन राजपूत की सराहनीय भूमिका रही।

अवकाश के दिन मरीज़ों ने लिया दक्ष के निःशुल्क चिकित्सा शिविर का लाभ

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जबलपुर से पहुँचे चिकित्सकों ने दिया शहडोल में परामर्श और इलाज

दक्ष फिजियोथिरेपी सेन्टर द्वारा 11 सितम्बर को निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। जिसमें डॉ नचिकेत पांसे हड्डी रोग विशेषज्ञ और डॉ पारिजात पांसे छाती रोग विशेषज्ञ, अनंत हॉस्पिटल जबलपुर ने अपनी सेवाएं दी, जहाँ उन्होंने सांस और हड्डी के रोगों के मरीज़ों को परामर्श और इलाज दिया। शिविर का आयोजन दक्ष फिजियोथिरेपी एवं रिहेबिलिटेशन सेंटर शहडोल में किया गया। जिसमें प्राथमिक मीडिया समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल ने मीडिया पार्टनर बनकर लोगों में अख़बार के माध्यम से चिकित्सा पद्धति की जानकारी प्रसारित कर सहयोग किया। शहडोल और आसपास के क्षेत्रों के सैंकड़ों मरीजों ने निशुल्क परामर्श शिविर का लाभ लिया। शिविर में फिजियोथेरेपी की सलाह डॉ रोशन शर्मा(PT) ने दी। शिविर में ऐसे मरीज़ जिनकी कमर में दर्द, जोड़ो में दर्द और ऐड़ी दर्द के साथ-साथ लम्बे समय से दर्द से पीड़ितों की तकलीफ का इलाज किया गया।

डॉ. नचिकेत पांसे (मध्य ), उनके दाहिने डॉ. पारिजात पांसे, उनके बायें डॉ. रोशन शर्मा (PT) एवं अन्य सहयोगी चिकित्सक स्टाफ

शिविर के दौरान डॉ नचिकेत पांसे ने हड्डियों से जुड़ी समस्या के बारे में मरीजों को अवगत कराया और नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी। डॉ पांसे ने बताया कि जोड़ प्रत्यारोपण के बाद मरीजों को न केवल दर्द से निजात मिलती है बल्कि और भी कई दर्द जैसे कमर या कूल्हे के दर्द से बचा जा सकता है। उन्होंने शिविर में कमर में नसों के दबाव के कारण पैदा हो रहे दर्द के बारे में विस्तृत परीक्षण के बाद इलाज करने की और सावधानियां बरतने की बातों को प्रमुखता से बताया।

डॉ पारिजात का स्वागत करते दक्ष फिजियोथेरेपी सेंटर संचालक डॉ रोशन शर्मा

डॉ पारिजात पांसे ने श्वास, छाती रोग और नींद की कमी से पीड़ित मरीजों को निशुल्क परामर्श दिया। उन्होंने मरीजों को फेफड़ों को स्वस्थ रखने के तरीके बताए और दमा रोगियों का इलाज किया। डॉ पारिजात ने कोविड के बाद हो रही मरीजों की समस्या को समझा और उनको. उचित परामर्श के साथ उचित इलाज दिया। उन्होंने ने स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम करने की सलाह दी। साथ ही बच्चों को हो रही छाती एवं फेफड़ों की तकलीफ के प्रति सजग वा सतर्क रहने की सलाह दी।

डॉ. नचिकेत पांसे और डॉ रोशन शर्मा शिविर कैंप में

डॉ रोशन शर्मा(PT) ने गर्दन और जोड़ों के दर्द के मरीज़ों का उपचार किया। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे जोड़ों में होने वाले दर्द की शुरुआत गंभीर वात रोगों के लक्षण हो सकती है। इसलिए प्रारम्भ में ही सतर्कता बरतें। दवाई लेने की स्थिति पहुँचने से पहले व्यायाम और फिजियोथेरेपी के सहयोग से दर्द का निवारण करने की कोशिश करें। यदि शुरुआत में ही उचित इलाज और परामर्श मिल जाए तो रोगों को गंभीर स्थिति में पहुँचने से रोका जा सकता है।

डॉ ऋषि शर्मा (PT) ने मरीज़ों की चेस्ट फिजिओथेरेपी की और साथ ही उन्हें फेफड़ों की फिजियोथेरेपी के बारे में जानकारी दी। विदित हो कि दक्ष फिजियोथेरेपी एवं रिहेबिलिटेशन सेंटर द्वारा समय-समय पर शहडोल में इस तरह के निःशुल्क शिविर लगाकर मरीज़ों को उचित परामर्श और इलाज दिया जाता है। जिसमें उन्हें अनंत हॉस्पिटल जबलपुर के चिकित्सकों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है। इन शिविरों का लाभ सैंकड़ों मरीज़ों द्वारा लिया जाता है।

निःशुल्क शिविर का लाभ लेने के लिए पंक्तिबद्ध मरीज़

शिविर के समापन पर शिविर के संचालक सी एम शर्मा ने जबलपुर से आए चिकित्सकों को शहडोल आकर अपनी सेवायें देने के लिए और समाचार के माध्यम से लोगों में फिजियोथेरेपी की जागरूकता फैलाने के लिए “प्राथमिक मीडिया” को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के आयोजन करने का संकल्प दोहराया और शिविर में आए मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

आरबीआई ने जारी की 34 अवैध फोरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की अलर्ट लिस्ट, कहीं आपका भी तो नहीं है इनमें अकाउंट?

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मोबाईल में विडिओ देखते समय या इंटरनेट इस्तेमाल करते समय-समय आपने ट्रेडिंग के कई विज्ञापन देखे होंगे। इन विज्ञापनों में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर लेन-देन करके पैसा कमाने का लालच दिया जाता है। कुछ-कुछ विज्ञापन तो जल्दी अमीर बनाने का दावा भी कर देता हैं। अगर आप इन विज्ञापनों के जाल में फंस चुके हैं या ट्रेडिंग में जाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। क्यूंकि भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने 34 फोरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी करते हुए उन्हें इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर उन संस्थाओं की “अलर्ट लिस्ट” डाली गई है जो न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं। हालांकि आरबीआई के मुताबिक ये सूची अभी पूरी नहीं है लेकिन वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर जारी की गयीं हैं। आरबीआई ने चेतावनी दी है कि अलर्ट सूची में दिखाई देने वाली इकाई को आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं माना जाना चाहिए।

आरबीआई ने केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा अधिकृत ईटीपी पर ही लेन-देन की सलाह दी है।

जनता को आगाह करते हुए आरबीआई ने अपने द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा है कि अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा या इस तरह के अनधिकृत लेनदेन के लिए धन जमा न करें। फेमा के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा या आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वाले व्यक्ति फेमा के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए खुद को ज़िम्मेदार होंगे।

कितनी सज़ा और जुर्माना – कानून के जानकार बताते हैं कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना और कारावास् का भी प्रावधान है। आरबीआई समय-समय पर उनके द्वारा विदेशी मुद्रा लेन-देन के लिए अधिकृत संस्थाओं की सूची समय-समय पर जारी करता रहता है जो आरबीआई की वेबसाईट पर उपलब्ध रहती हैं।

आरबीआई द्वारा जारी की गई अलर्ट लिस्ट यहाँ दी जा रही है, अगर आप इनमें से किसी भी ईटीपी के जरिए लेन-देन कर रहे हैं तो विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत आप पर भी कार्यवाही की जा सकती है।

आरबीआई द्वारा जारी की गई अलर्ट लिस्ट यहाँ दी जा रही है, अगर आप इनमें से किसी भी ईटीपी के जरिए लेन-देन कर रहे हैं तो विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत आप पर भी कार्यवाही की जा सकती है।

द्वारका पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी का हुआ बैकुंठ धाम गमन

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द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया है. ज्योतिष और द्वारका-शारदा पीठ के शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में 99 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर वे जेल भी गए और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी, द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया है. ज्योतिष और द्वारका-शारदा पीठ के शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में 99 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. वे पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे.

उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आखिरी सांस ली. स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता रहा है.

11 को मिलेगा शहडोल के मरीजों को निशुल्क चिकित्सा शिविर का लाभ

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विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर विशेष

जबलपुर के डॉ. पारिजात और डॉ. नचिकेत पांसे शिविर में देखेंगे मरीज़ों को

विश्व फिजियोथेरेपी दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। फिजियोथेरेपी लोगों को शारीरिक तौर पर अच्छी तरह से रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 8 सितम्बर को इसे विशेष तौर पर इसलिए मनाया जाता है ताकि फिजियोथेरेपी के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता पैदा की जा सके। इस दिन चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दुनिया भर के फिजियोथेरेपिस्ट को धन्यवाद किया जाता है।
वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे के उपलक्ष्य में हमने शहडोल के जाने माने फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. रोशन शर्मा से बात की जो दक्ष फिजियोथैरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के संचालक हैं और अब तक संकड़ों मरीज़ों को उनकी अस्थाई शारीरिक अक्षमताओं से छुटकारा दिला चुके हैं।
डॉ शर्मा ने बताया कि साल 1996 में 8 सितम्बर को वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ फिजिकल थेरेपी रूप में नामित किया गया। तब से इसे को वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसको मान्यता 1951 में WCPT द्वारा दी गई। यह दिन वैश्विक भौतिक चिकित्सा समुदाय की एकता और एकजुटता को दर्शाता है। यह दिन फिजियोथेरेपिस्ट के काम को पहचानने और उन्हें सहराने के लिए मनाया जाता है। इस दिन इनके पेशे को बढ़ावा देने और उनकी विशेषज्ञता को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है।

दक्ष फिजियोथैरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में डॉक्टर शर्मा उपचार करते हुए

मरीज़ों से निःशुल्क शिविर का लाभ लेने की अपील – डॉ शर्मा ने यह भी जानकारी दी कि 11 सितंबर को सर्किट हाउस के सामने, रीवा रोड के सामने स्थित उनके दक्ष फिजियोथैरेपी एन्ड रिहैबिलिटेशन सेंटर द्वारा शहडोल में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया इस शिविर में मरीज जबलपुर के प्रसिद्ध डॉक्टर नचिकेत पांसे, डॉ परिजात पांसे और डॉ ऋषि मुनि शर्मा के साथ वे स्वयं अपनी सेवाएं देंगें। इसलिए अधिक से अधिक लोगों से इसका लाभ लेने की अपील की है।

विशेषज्ञों द्वारा मिलेगा परामर्श और इलाज – शिविर में सांस, निद्रा, हड्डी रोग एवं कोविड के बाद हो रही परेशानियों के सम्बन्ध में द्वारा मरीजों को विशेषज्ञों द्वारा निशुल्क परामर्श दिया जायेगा।

दक्ष फीजियोथेरेपी एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर के डॉ रोशन शर्मा ने बताया कि ऐसे मरीज जो दर्द, झुनझुनी, हड्डियों या जोड़ो में किसी भी प्रकार की तकतीफ, नसों की तकलीफ,नसों का दबना, रीढ़ की हड्डियों में समस्या और फेफड़ो की समस्या, दमा, टी.बी, नींद की समस्या , कोविड के बाद तकलीफ एवं लकवा, सर्वाइकल, आदि से पीड़त है उन्हें निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया जाएगा।

मरीज़ों को असुविधा न हो इसलिए उन्हें मोबाइल पर पहले ही रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा दी जा रही है। मरीज़ रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर 9340740249 एवं 9713972655 पर सम्पर्क कर सकते हैं।