जबलपुर, करदाताओं की सुविधा के लिए शनिवार को अवकाश के दिन भी नगर निगम कैश काउंटर खुले रहेंगे। नागरिकों को संपत्तिकर और जल शुल्क जमा करने में सुविधा हो और छूट का लाभ मिले इसके मद्देनजर यह निर्णय निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने लिए हैं। उन्होंने उपायुक्त पी.एन. सनखेरे को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिये हैं। उपायुक्त सनखेरे ने बताया कि सभी करदाताओं को सम्पत्ति कर में अभी 6.25 प्रतिशत की छूट एवं सीनियर सिटीजन्स को जलशुल्क में 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। छूट का लाभ नागरिकों को मिल सके इसलिए नगर निगम के सभी संभागीय कार्यालयों एवं मुख्यालय के कैश काउंटर अवकाश के दिन भी खुले रहेगें। अधिक से अधिक करदाता टैक्स जमा कर सकें और छूट का लाभ उठा सकें इसलिए फोन और मैसेज के ज़रिए उन्हें कैश काउंटर खुले होने की जानकारी भेजी जा रही है। साथ ही इसके संबंध में मैदानी अमले को निर्देश दिये गए हैं कि वे जितने भी करदाताओं को जानते हैं उनसे सम्पर्क कर टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित करें। उपायुक्त ने बताया कि बहुत से करदाता समय के अभाव के चलते कैश काउंटर्स तक नहीं पहुॅंच पाते। ऐसे में उनकी सहूलियत को ध्यान में रखकर समय-समय पर अवकाश के दिन काउंटर खोला जाता है। नगर निगम के आयुक्त आशीष वशिष्ठ ने सभी करदाताओं, शासकीय विभागों और संस्थाओं के प्रमुखों से भी अपील की है कि शनिवार अवकाश के दिन निगम प्रशासन द्वारा दी जा रही इस सुविधा का लाभ उठाकर समस्त बकाया करों की राशि का भुगतान करें।
कलेक्टर, एस पी, निगयमायुक्त और ज़िला पंचायत सीईओ ने तिरंगा रैली में लिया हिस्सा

जबलपुर, आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम ’हर घर तिरंगा’ अभियान के प्रति जन-जागरूकता जगाने और लोगों को 13 अगस्त से 15 अगस्त तक अपने घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों, पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से कल 13 अगस्त की शाम 6 बजे शहर के प्रशासनिक अधिकारियों ने तिरंगा रैली में हिस्सा लिया। कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम के मार्गदर्शन में सेंट्रल अकैडमी सीबीएसई स्कूल विजय नगर द्वारा निकाली गई बाइक रैली का नेतृत्व कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा और निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ जी ने किया। जिसमें ज़िला पंचायत सीईओ सलोनी सिडाना के साथ-साथ ज़िले के अधिकारी, कर्मचारी और नागरिक भी शामिल हुए। इस रैली में स्कूली छात्र-छात्राओं ने विशाल तिरंगा हाथों में लेकर एक लंबी शृंखला के साथ पदयात्रा की। तिरंगा यात्रा के दौरान छात्र-छात्राएँ उत्साहित नज़र आए। यही उत्साह राहगीरों में भी नजर आया, जहाँ-जहाँ से ये यात्रा गुज़रती वहाँ राहगीर रुककर इसे देखते और देशभक्ति के भाव से भर आते। वे स्कूली बच्चों द्वारा लगाए जा रहे देशभक्ति नारों के साथ अपनी-अपनी आवाज़ भी मिलाते। तिरंगा यात्रा में शामिल होते समय जबलपुर कलेक्टर और एस पी बुलट पर हेलमेट के लगाकर बैठे। इससे नागरिकों में यातायात के नियमों का पालन करने का संदेश भी प्रसारित हुआ।
दोनों समय के भोजन के साथ मरीजों को अब मिलेगा नाश्ता भी
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में प्रबंधन ने शुरू की नई व्यवस्था
जबलपुर, चिकित्सा व्यवस्था और मरीज़ों की देखभार को और बेहतर करने के लिए न सिर्फ सरकार बल्कि शासकीय अस्पताल प्रबंधन भी अपने-अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में, नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में प्रबंधन द्वारा सभी भर्ती मरीजों को दोनों समय के भोजन, दूध व केला के साथ अब बुधवार से सुबह का नाश्ता तथा शाम को चाय वितरित करने की नई व्यवस्था प्रारम्भ की गयी है। इसकी शुरूआत आज वार्ड क्रमांक -17 से प्रभारी अधिष्ठाता डॉ आशीष सेठी, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य एवं अधीक्षक डॉ अरविंद शर्मा, विभागाध्यक्ष मेडिसन डॉ ऋतु गुप्ता, डॉ ऋचा शर्मा, डॉ नेल्सन एवं नर्सिंग ऑफिसर की उपस्थिति में मरीजों को पोहा वितरित करके की गई। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ अरविन्द शर्मा के अनुसार इस व्यवस्था के तहत मरीजों को नाश्ते में पोहा, दलिया, उपमा आदि उपलब्ध कराया जायेगा। यह व्यवस्था भर्ती मरीजों को दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराने के लिये शासन द्वारा तय की गई दरों से कम दर पर हुये टेंडर के फलस्वरूप बची राशि से की जा रही है।
काशी, गंगा और रविंद्र दिलाएंगे हाँ मैं गांधी का संकल्प
जबलपुर, महात्मा गांधी देश और दुनिया की हर समस्या का समाधान हैं, लेकिन उसके लिए गांधी को पढ़ना, जानना और समझना ज़रूरी है। इस उद्देश्य के साथ ही शहर के वरिष्ठ पत्रकार काशीनाथ, गंगा चरण मिश्र और रविंद्र दुबे 21 अगस्त को जबलपुर में गांधी पैदल मार्च का आयोजन कर रहे हैं। जिसमें वे लोगों से अपील कर रहे हैं कि आप भी गाँधी के लिए, 100 कदम पैदल चलिए ताकि युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी के विचारों से जोड़ा जा सके। इसके लिए वे युवाओं को हाँ मैं गांधी का संकल्प भी दिलवाएंगे। गाँधी पैदल मार्च 21 अगस्त को प्रातः 8 बजे टाउन हॉल स्थित गाँधी प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ शुरु होगा। जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए तिलवारा स्थित त्रिपुरी स्मारक पर सम्पन्न होगा|
ये रहेगा रूट – 15 किलोमीटर का यह मार्च टाउन हॉल, अंधेरदेव, कमानिया गेट, बड़ा फुहारा, घमंडी चौक, लार्डगंज, सुपर मार्केट, मालवीय चौक, तीन पट्टी चौक, ब्लूम चौक, शास्त्री ब्रिज, आदि शंकराचार्य चौक (छोटी लाइन), महानद्दा, दशमेश द्वार, एल आई सी, बेदी नगर, सूपाताल, त्रिपुरी चौक, मेडिकल तिराहा (नेता जी सुभाषचंद बोस प्रतिमा), बाजना मठ, शाह नाला, लिटिल वर्ल्ड स्कूल से होता हुआ गाँधी स्मारक तिलवारा पहुंचेगा|
पैदल मार्च में शामिल होने की अपील – हाँ मैं गांधी के संकल्प को लेते हुए इस मार्च में जबलपुर के विभिन्न संगठनों के युवा और गाँधी विचार से सहमत समाजसेवी शामिल होंगे| समापन स्थल पर समाजवादी चिंतक, विचारक साथी रघु ठाकुर का “गाँधी आज क्यों ज़रूरी” विषय पर व्याख्यान होगा| गाँधी स्मारक पर ही गाँधी भंडारा का आयोजन भी किया गया है। आयोजकों ने हाँ मैं गांधी के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए युवाओं और नागरिकों से इस पैदल मार्च में शामिल होने की अपील की है।

60 लीटर कच्ची शराब और मोटर सायकल के साथ शराब तस्करी का आरोपी गिरफ्तार
जबलपुर, कल शाम मुखबिर से मिली सूचना पर बरगी ठान पुलिस ने एक व्यक्ति को काले रंग की मोटर सायकल में 2 केनों के साथ ग्राम मरहापाठा में धर-दबोचा। आरोपी काले रंग की मोटर सायकल क्रमांक एमपी 20 एनपी 6949 में 2 नीले रंग की केन बांधे बरगी की तरफ जा रहा था। पूछताछ में उसने अपना नाम दस्सू चौधरी उम्र 48 वर्ष निवासी कालादेही बताया। उसके पास से मोटर सायकल में रस्सी से बंधीे दोनों केनों में 60 लीटर कच्ची शराब बरामद हुई। वो मरहापाठा से शराब लेकर कालादेही बेचने जा रहा था उस दौरान पुलिस ने उसे घेराबन्दी कर पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ़ धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई। बरगी थाना प्रभारी रितेश पाण्डेय के मुताबिक आरोपी को अवैध शराब के साथ रंगे हाथ पकड़ने में उप निरीक्षक आर.के.पाण्डे, आरक्षक विशाल की सराहनीय भूमिका रही। विदित हो कि पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.) द्वारा जिले मे पदस्थ समस्त राजपत्रित अधिकारियों और थाना प्रभारियों को अवैध मादक पदार्थ/शराब की तस्करी में लिप्त लोगों को चिन्हित करते हुये उन पर कड़ी कार्यवाही का आदेश दिया गया है। जिसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल और नगर पुलिस अधीक्षक बरगी प्रियंका शुक्ला (भा.पु.से.) के मार्ग निर्देशन में थाना बरगी की टीम द्वारा तस्करों के खिलाफ़ ज़ोरदार कार्यवाही की जा रही है।
तिरंगा फहराने के लिए हर घर निमंत्रण दें, कहें-मैं फहरा रहा हूं आप भी फहराइए: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल, देश में आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव को सफल बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी शहर और कस्बों के वार्डों में एक भी घर ऐसा नहीं होना चाहिए, जहां तिरंगा न फहराया जाए। इसके लिए जनजागरण अभियान चलाएं। प्रत्येक घर निमंत्रण देकर कहें कि मैं तिरंगा फहरा रहा हूं, आप भी फहराइए। राजनीतिक दल, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संगठन, व्यापारी सहित सभी वर्गों के साथ बैठक करें। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को देर शाम नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कही। वीडियो कांफ्रेंसिंग में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर श्री शेर सिंह मीणा, नगर निगम आयुक्त श्री आशीष वशिष्ठ, डिप्टी कलेक्टर नरेंद्र सिंह, आशीष दीक्षित आदि अधिकारी उपस्थित थे।
तिरंगे की अलख जगाने सेंट अब्राहम स्कूल में आयोजित हुई संगोष्ठी
जबलपुर, आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र सेंट अब्राहम नर्सरी स्कूल में तिरंगे की अलख जगाने के लिए एक संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें कार्यक्रम के मुख्यातिथि भाजपा युवा नेता सरताज मंजिल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आजादी की लड़ाई में मुसलमानों के योगदान को भुलाया नही जा सकता जो देश से प्यार करता है वो देश के ध्वज से भी प्यार करता है इसलिए हर मुसलमान को चाहिए कि अपने देश के सम्मान में अपने-अपने घरों में तिरंगा लहरायें। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाज चिंतक समाज सुधारक एवं स्कूल के संचालक डॉ मोहम्मद रफीक खान ने कहा के देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आव्हान पर 13 से 15 अगस्त तक आज़ादी का अमृत महोत्सव पर्व के अंतर्गत हर घर तिरंगा फहराया जायेगा जिसमे पूरा देश अपनी भागीदारी प्रदान कर रहा है इसमे मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र भी खुलकर अपनी सहभागिता प्रदान करेगा, इस अवसर पर भारी संख्या में मुस्लिम महिलाएं एवं स्कूल स्टाफ उपस्थित रहा ।
लोकतंत्र में डीआरएस की सुविधा!
इसलिए इस लोकतंत्र में जनता और लोकसेवकों को जनप्रतिनिधियों के रिव्यू का अधिकार मिलना चाहिए। जनता को इसलिए क्यूंकि जनप्रतिनिधियों का इनसे सीधा संबंध है और नौकरशाहों को इसलिए क्यूंकि वो जनता और नेता के बीच की अहम कड़ी हैं। वे ही हैं जो जानते हैं किस नेता का गिरेबान कितना काला और कितना सफेद है।
क्रिकेट ने खेल के तौर पर हम सबका बहुत मनोरंजन किया है। इस खेल से लोकप्रिय हुए खिलाड़ियों को लोगों ने अपनी पलकों पर भी बैठा लिया। हालांकि मैं क्रिकेट का जुनूनी दर्शक नहीं हूँ लेकिन उसकी एक बात मुझे बहुत अच्छी लगती है जब खिलाड़ी अम्पायर के दिए हुये डिसीज़न का रिव्यू करता है, जिसे हम डिसीज़न रिव्यू सिस्टम कहते हैं। अगर अम्पायर का डिसीज़न रिव्यू के दौरान गलत साबित होता है तो उसे अपना निर्णय रद्द करना पड़ता है। क्रिकेट में डीआरएस की व्यवस्था 2008 के पहले नहीं थी हालांकि 1992 से अम्पायर टीवी रीप्ले के ज़रिए जरूर निर्णय देने लगे थे। 2008 से पहले तक अम्पायर के गलत निर्णय के चलते हार जीत की तस्वीर बदल जाती थी। मैं दावे के साथ तो नहीं कह सकता लेकिन जब अम्पायर के निर्णय को रिव्यू करने का अधिकार अस्तित्व में आने की कोशिश कर रहा होगा तब किसी ने जरूर कहा होगा “अगर लोग अम्पायर के निर्णय पर ही उँगलियाँ उठाने लगे तो उसकी उपयोगिता क्या रह जाएगी?” लेकिन फिर किसी ने ये भी कहा होगा “अम्पायर है, वो भी किसी के प्रभाव में आ सकता है या उससे भी चूक हो सकती है।“ फिर तभी किसी ने इस पर और सोचकर प्रभावशाली नियम बनाने का सुझाव दिया होगा। अगर आप गौर से देखें तो पता चलेगा कि रिव्यू, थर्ड अम्पायर का ही एक परिष्कृत स्वरूप है, जहां खिलाड़ी अपने विवेक का प्रयोग करते हुए रिव्यू का निर्णय लेता है। जिस खेल में हार-जीत, पुरस्कार, प्रतिष्ठा जैसी चीजें दांव पर लगी हैं वहाँ खेल के दौरान रिव्यू को एक अधिकार के तौर पर दिया गया है। किन हम जिस लोकतंत्र के अधीन हैं जहां मामला भोजन, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार और गरीबी जैसे यहां विषयों का है! वहाँ नेता चुनने के बाद रिव्यू का अधिकार नहीं है। ले और है भी तो हर पाँच साल में। लेकिन आप उसे रिव्यू नहीं कह सकते। रिव्यू का मतलब ही है लिए गए निर्णय का परीक्षण, जिससे संभावित भूल को सुधारा जा सके। वैसे मान लीजिए अगर इस तरह के रिव्यू का अधिकार मिल जाए तो? तो रिव्यू की सूरत में आपको जिसका कार्यकाल अच्छा लगे आप उसे अगले साल तक के लिए फिर से मौका दे सकते हैं। वैसे हम हर साल वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर कई तरह की प्रक्रियाओं को देखते हैं, जैसे हमें अपना टैक्स रिटर्न भरना होता है, विभिन्न कम्पनीज़ अपने फायदा-नुकसान की रिपोर्ट जारी करती हैं, ऑडिट्स होते हैं, बजट पेश किया जाता है और वगैरह- वगैरह। तो फिर हर साल जनप्रतिनिधियों के काम-काज के ब्योरे के आधार पर उनका रिव्यू क्यूँ नहीं किया जाता? हाँ, हर साल चुनाव करके एक नया जनप्रतिनिधि चुनना एक महंगा और कठिन काम है लेकिन इसके भी अन्य विकल्प मौजूद हैं। मुझे नहीं लगता कि जिस देश में किसानों को डिजिटल बैंकिंग से जोड़ा जा सकता है वहाँ बिना चुनाव किए नेताओं के रिव्यू के रास्ते नहीं निकाले जा सकते। रामायण की चौपायी का एक हिस्सा है “भय बिनु प्रीति न होई रामा”, जिसका तात्पर्य है बिना भय के प्रेम नहीं होता। जनप्रतिनिधियों के हाथ में सत्ता की ताकत आने के बाद कई नेता अपनी जिम्मेदारियों और जनता से मुंह मोड़ लेते हैं। संविधान हमें हर पाँच वर्ष के लिये जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार देता है। इसलिए सत्ता के मद में चूर नेता पाँच साल तक निरंकुश हो जाते हैं और फिर विपक्ष कहता है आपने पाँच साल उन्हें मौका दिया, अब हमें देकर देखिए। पाँच साल!! पाँच साल में एक नवजात स्कूल जाने लगता है, पौधा पेड़ बन जाता है, कुछ नौकरी पाने योग्य तो कुछ अयोग्य हो जाते हैं। बहुत कुछ बदल जाता है। पाँच साल एक लंबा कार्यकाल है। इसलिए इस लोकतंत्र में जनता और लोकसेवकों को जनप्रतिनिधियों के रिव्यू का अधिकार मिलना चाहिए। जनता को इसलिए क्यूंकि जनप्रतिनिधियों का इनसे सीधा संबंध है और नौकरशाहों को इसलिए क्यूंकि वो जनता और नेता के बीच की अहम कड़ी हैं। वे ही हैं जो जानते हैं किस नेता का गिरेबान कितना काला और कितना सफेद है। दोनों के हाथ में रिव्यू देना इसलिए ज़रूरी है क्यूंकि समूची जनता का बौद्धिक स्तर ज़रूरी नहीं इतना हो कि वो मार्केटिंग के बहकावे से बच पाए। और नौकरशाह भी तो नेता के प्रभाव में आ सकते हैं, इसलिए सिर्फ उनका ही रिव्यू मान्य नहीं होना चाहिए। ब्यूरोक्रेसी में भी नेता को रिव्यू करने का अधिकार आईएएस, आईपीएस और आईआरएस जैसे अधिकारियों को मिलना चाहिए। क्यूंकि ये वो लोग हैं जो एक पूरे ज़िले की देख-रेख कर रहे हैं और विश्व की कठिनतम परीक्षाओं में से एक को उत्तीर्ण कर इस पद तक पहुँच पाते हैं। लेकिन बिल्ली के गले में घंटी बांधेगा कौन? क्यूंकि ये अधिकार आपको मिलेगा या नहीं इसका फैसला भी तो बिल्लियाँ ही करेंगी। और कोई भी बिल्ली अपने गले में घंटी बर्दाश्त नहीं करेगी बशर्ते बिल्ली ईमानदार हो। बात करके देखिए ज़रा अपनी बिल्ली से। (8 अगस्त 2022 को प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक समाचार पत्र में प्रकाशित संपादकीय)
पिछले पांच वित्त वर्ष में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये बैंक ऋण गया बट्टे खाते में – सरकार ने सदन में दी जानकारी
नई दिल्ली, बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्ष में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण को बट्टे खाते में डाला है. वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड़ ने पिछले हफ्ते मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान, बट्टेखाते में डाली जाने वाली राशि इससे पिछले वित्तवर्ष के 2,02,781 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 1,57,096 करोड़ रुपये रह गई. आल इंडिया बैंक इम्प्लॉइ एसोसिएशन (AIBEA) द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में, बट्टेखाते में डाली गई राशि 2,34,170 करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2018-19 में 2,36,265 करोड़ रुपये के पांच साल के रिकॉर्ड स्तर से कम थी। जबकि साल 2017-18 के दौरान बैंकों ने बट्टे खाते (Banks write off loans) में 1,61,328 करोड़ रुपये डाले थे। यानि पिछले पांच वित्त वर्ष (2017-18 से 2021-22) में 9,91,640 करोड़ रुपये का बैंक ऋण बट्टे खाते में डाले गए हैं. मार्च 2022 तक शीर्ष 25 चूककर्ताओं का विवरण साझा करते हुए वित्त राजमंत्री ने कहा, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड इस सूची में सबसे ऊपर है. इसके बाद एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग, कॉनकास्ट स्टील एंड पावर, आरईआई एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड का स्थान है.
ये हैं बड़े बकाएदार – फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स पर बैंकों का 7,110 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग पर 5,879 करोड़ रुपये और कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड पर 4,107 करोड़ रुपये बकाया है. इसके अलावा, आरईआई एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड ने बैंकों से क्रमश: 3,984 करोड़ रुपये और 3,708 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. इसके अलावा फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड पर 3,108 करोड़ रुपये, विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी पर 2,671 करोड़ रुपये, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड पर 2,481 करोड़ रुपये, कोस्टल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर 2,311 करोड़ रुपये और कुडोस केमी पर 2,082 करोड़ रुपये बकाया हैं.