जबलपुर, शहर में प्रतिदिन 18प्लस से लोगों के लिए कोवीशील्ड और कोवैक्सीन को मिलाकर 3300 डोज़ उपलब्ध होते हैं. फिर भी 18 से लेकर 44 वर्ष तक लोगों के लिए वैक्सीन का स्लॉट बुक करना ट्रेन के तत्काल टिकिट बुक करने जैसा ट्रिकी हो गया है. जिस तरह से ट्रेन के लिए एसी और स्लीपर कोच में तत्काल कोटे के लिए लिमिटेड सीट्स होती हैं और उन्हें बुक करने के लिए समय भी निर्धारित होता है. उसी तरह 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए स्लॉट बुक करने का समय भी अघोषित तौर पर निर्धारित हो गया है. इसकी जानकरी तब लगी जब नितिन नामक एक नवयुवक ने वेबसाइट, उमंग और आरोग्य सेतु एप के ज़रिये स्लॉट बुक न कर पाने की समस्या हेल्पलाइन 1075 पर बतायी. इस पर हेल्पलाइन की ओर से कहा गया कि स्लॉट बुक करने का समय सुबह 9 से 11 के बीच है. लेकिन इस बारे में कहीं कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.
सिर्फ़ अगले दिन की होती है बुकिंग, उसके आगे के लिए ऑप्शन नहीं खुलते नितिन ने बताया कि स्लॉट बुक करने की कोशिश में पूरे दिन में जब भी उपरोक्त तीनों प्लेटफॉर्म्स में लॉग इन करो तो भी वहाँ समय से सम्बंधित कोई कोई सूचना नहीं आती. यदि समय लिमिटेड है तो हर बार एसएमएस पर ओटीपी क्यूँ आता है? इसके आलावा यदि अगले दिन के स्लॉट बुक हो चुके हैं तो उसके अगले दिन के ऑप्शन बंद क्यूँ दिखाए जाते हैं?
18 से 44 उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध स्लॉट पलक झपकते ही हो जाते हैं बुक नितिन के अलावा जबलपुर की ही किरण सिंह ने सोशल मीडिया पर ज़ाहिर की. उन्होंने लिखा कि एप पर रजिस्ट्रेशन तो हो रहा है लेकिन उसके बाद कुछ नहीं होता. उनका बेटा भी दिन भर कोशिश करता है, उसे एक दफ़ा शाम को 6 बजे के आसपास 2-4 सेकंड के लिए स्लॉट अवेलेबल दिखाए लेकिन वो सब तुरंत ही बुक हो गए.
वेबसाइट, उमंग और आरोग्य सेतु में एक जैसा है हाल वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करवाने की चाह में यादव कॉलोनी के आदित्य ने दोनों एप अपने फोन में इंस्टाल कर ली, लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी असफलता ही उनके हाथ लगी. एप इंस्टाल करने का ख्याल उन्हें कोविन की वेबसाइट में स्लॉट बुक न कर पाने के बाद आया. लेकिन तीनों जगह कोशिश करने के बाद उन्हें समझ आया कि शायद स्लॉट बुक करने के लिए उन्हें गुड लक की भी ज़रूरत है.
स्लॉट बुक करवाने के बाद भी लौटना पड़ा बिना वैक्सीनेशन के निकेश अग्रवाल सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी शेयर करते हुए बताते हैं कि 17 मई को गायत्री पब्लिक स्कूल वेक्सीनेशन सेण्टर पहुँचे. उन्होंने 3 से 6 बजे बीच का स्लॉट लिया था. लेकिन वहाँ पहुँचने पर पता चला कि स्टाफ़ जा चुका है. अगर एक निर्धारित समय तक ही वैक्सीन लगनी है तो फिर स्लॉट में टाइम क्यूँ दिया जा रहा है?
जबलपुर में स्लॉट बुकिंग में आने वाली समस्या जैसे हालात देश के कई शहरों में हैं जहाँ 18प्लस वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है. लेकिन इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नतीजा ये है कि वैक्सीनेशन की चाह में युवा तमाम वेबसाइट या एप खोलकर लगातार कोशिश करने में ही अपना समय गँवा रहे हैं.
डिंडौरी | जिले के सरकारी, गैर सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को एक हफ्ते में अनिवार्य रूप से कोविड टेस्ट कराना होगा। इस संबंध में कलेक्टर रत्नाकर झा ने सोमवार को लिखित आदेश जारी किया है। यह निर्णय जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है।
डिंडौरी | मध्यप्रदेश के डिंडौरी के सुपरिचित युवा चित्रकार दशरथ सिंह राठौर हर तरह की पेंटिंग्स में विशेष महारत रखते हैं। उनकी कला के निशान जिले के गांव-गांव में देखने को मिलते हैं। 2020 में कोरोना वायरस की लहर शुरू होने के बाद दशरथ ने डिंडौरी सहित शहपुरा, बजाग, करंजिया, समनापुर आदि ब्लॉक में स्ट्रीट और वॉल पेंटिंग्स के ज़रिए जागरुकता प्रसारित की थी। इस साल दशरथ फिर एक्टिव हुए और जिला प्रशासन से अनुमति लेकर नगर की सड़कों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। सक्रिय कोरोना वॉलेंटियर के रूप में दशरथ ने नगर के मुख्य मार्ग पर वायरस के भयावह रूप की पेंटिंग बनाकर जिलेवासियों को सचेत किया है। उनकी चित्रकारी को जिले के नागरिक खासा पसंद कर रहे हैं। युवा चित्रकार ने आम जनता को संदेश दिया कि विश्वव्यापी महामारी के दौर में घर पर रहना और वैक्सीन लगवाना ही सबसे कारगर उपाय है। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार और जिला प्रशासन के नियमों का पालन करना ज़रूरी है।
14 अप्रैल से अब तक 33 दिन में जिला अस्पताल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन से रिकॉर्ड 2307 व्यक्ति हुए डिस्चार्ज
डिंडौरी | जिले में रविवार की शाम तक 64 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। यह नतीजा 758 सैम्पल्स की जांच में सामने आया है। आज जिला अस्पताल, हाेम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर से 84 मरीजों को छुट्टी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर (DPM) विक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 654 पर आ गई है। अब ऑलटाइम कोविड केस 4354 और ओवरऑल डिस्चार्ज केस 3577 हो गए हैं। 14 अप्रैल से आज तक सिर्फ 33 दिन में रिकॉर्ड 2307 लोग कोरोना से जंग जीतकर घर जा चुके हैं। कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आज शाम तक रिकॉर्ड 604 सैंपल लिए हैं, जबकि 753 नागरिकों की रिपोर्ट आना बाकी है। अब तक जिले के 91505 लोगों की जांच कराई जा चुकी है। वर्तमान में 430 कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेट हैं और 214 लोगों का उपचार जिला अस्पताल व डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में जारी है। जिले के 10 गंभीर मरीजों का इलाज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में चल रहा है। जिले के 23 नागरिक संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। 14 अप्रैल से आज तक स्वस्थ हुए मरीज👇 16 मई, रविवार : 84 15 मई, शनिवार : 126 14 मई, शुक्रवार : 94 13 मई, गुरुवार : 72 12 मई, बुधवार : 165 11 मई, मंगलवार : 16 10 मई, सोमवार : 19 09 मई, रविवार : 28 08 मई, शनिवार : 36 07 मई, शुक्रवार : 13 06 मई, गुरुवार : 68 05 मई, बुधवार : 41 04 मई, मंगलवार : 64 03 मई, सोमवार : 110 02 मई, रविवार : 90 01 मई, शनिवार : 83 30 अप्रैल, शुक्रवार : 126 29 अप्रैल, गुरुवार : 40 28 अप्रैल, बुधवार : 11 27 अप्रैल, मंगलवार : 115 26 अप्रैल, सोमवार : 133 25 अप्रैल, रविवार : 37 24 अप्रैल, शनिवार : 145 23 अप्रैल, शुक्रवार : 127 22 अप्रैल, गुरुवार : 101 21 अप्रैल, बुधवार : 20 20 अप्रैल, मंगलवार : 05 19 अप्रैल, सोमवार : 52 18 अप्रैल, रविवार : 65 17 अप्रैल, शनिवार : 71 16 अप्रैल, शुक्रवार : 64 15 अप्रैल, गुरुवार : 58 14 अप्रैल, बुधवार : 29 स्वस्थ प्रकरण : 2308
जबलपुर, आज दिन में जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिये जबलपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू 31 मई सर्वसहमति से बढाने का प्रस्ताव राज्य शासन के गृह विभाग को भेजा गया। जिस पर राज्य शासन के गृह विभाग ने विचार करने के पश्चात कोरोना कर्फ्यू को 24 मई तक बढ़ाने के निर्देश जारी किये। विदित हो कि जबलपुर जिले में पिछले करीब 18 दिनों से कोरोना के नए प्रकरणों में लगातार कमी आ रही है और पॉजिटिविटी रेट 29 प्रतिशत से घटकर 10 से 11 प्रतिशत पर आ गया है। रिकवरी रेट भी 78 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 89 प्रतिशत हो गया है।
सांसद राकेश सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की इस बैठक से विधायक अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, विनय सक्सेना एवं संजय यादव, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, जिला पंचायत सीईओ रिजु बाफना, अपर कलेक्टर राजेश बाथम तथा सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया जुड़े थे।
कलेक्टर ने शाम को जारी किया आदेश कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में लिये गये निर्णय और राज्य शासन के गृह विभाग के निर्देशानुसार कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर पूर्व में जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में संशोधन कर जिले भर में जनता कोरोना कर्फ्यू की अवधि 17 मई की सुबह 6 बजे से 24 मई की सुबह 6 बजे तक बढ़ा दी है।
जिले में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट फिलहाल 15% से कम, मरीजों के इलाज के लिए 105 ICU बेड उपलब्ध; जिला अस्पताल में तैयार हो रहे 40 नए बेड
डिंडौरी | डिंडौरी जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना कर्फ्यू की अवधि 27 मई तक बढ़ा दी गई है। अब तक कर्फ्यू की अवधि 17 मई थी। नियम और शर्तें पूर्व की तरह ही लागू होंगी। इस संबंध में कलेक्टर रत्नाकर झा ने रविवार को लिखित आदेश जारी कर दिया है। कोरोना कर्फ्यू के विषय में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में भी जानकारी दे दी गई थी, जिसमें कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल जिले में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 15% से कम है। प्रदेश सरकार ने 5% से कम पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में निर्धारित अवधि के बाद कोरोना कर्फ्यू खोलने के आदेश दिए थे। कलेक्टर ने कोरोना महामारी से संघर्ष में आम-खास नागरिकों सहित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी मिलकर काम करने का आग्रह किया। बैठक में SP संजय कुमार सिंह, ADM मिनिषा भगवती पांडेय, ASP विवेक कुमार लाल, डिंडौरी SDM महेश मंडलोई, शहपुरा SDM अंजू विश्वकर्मा, असिस्टेंट कलेक्टर सृष्टि जयंत देशमुख, डिप्टी कलेक्टर रजनी वर्मा, CMHO डॉ. रमेश सिंह मरावी, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत, नगर परिषद अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम, भाजपा महामंत्री राजेंद्र पाठक, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील जैन, वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक अवधिया, पत्रकार लक्ष्मी नारायण अवधिया, इंद्रपाल सोनपाली आदि मौजूद थे।
जिले में 105 ICU बेड उपलब्ध, 40 बेड का काम जारी
कलेक्टर रत्नाकर झा ने बताया कि जिले में वर्तमान में 105 ICU बेड उपलब्ध हैं। वहीं, जिला अस्पताल में 40 बेड तैयार किए जा रहे हैं। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए ऑक्सीजन, रेमेडेसिविर इंजेक्शन, दवाइयां, कोरोना किट, ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर आदि का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध कराए गए हैं। कोविड केयर सेंटर्स में कोरोना मरीजों के लिए भोजन और इलाज का बेहतर प्रबंध किया गया है। वहीं, होम आइसोलेट मरीजों की देखरेख और उपचार भी नियमित रूप से जारी है।
जबलपुर – सांसद राकेश सिंह की अध्यक्षता में आज रविवार को हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिये जबलपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू 31 मई तक बढाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजने का सर्व सहमति से निर्णय लिया गया। प्रस्ताव दोपहर तक राज्य शासन के गृह विभाग को भेज दिया जायेगा और अनुमोदन मिलने के बाद इस बारे में शाम तक आदेश जारी किया जा सकता है। जिला आपदा प्रबंधन समिति की इस बैठक से विधायक अजय विश्नोई , अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, विनय सक्सेना एवं संजय यादव, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, जिला पंचायत सीईओ रिजु बाफना, अपर कलेक्टर राजेश बाथम तथा सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया जुड़े थे।
वर्चुअल मीटिंग में जिला आपदा प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों ने कोरोना की रोकथाम के लिये जिले में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। सदस्यों ने कहा कि आम जनता, जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के इन सयुंक्त प्रयासों का ही नतीजा है कि जबलपुर जिले में संक्रमण पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है। सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये किये गये प्रयासों की खासतौर पर तारीफ की। सदस्यों ने कहा कि इनके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र में शहर की अपेक्षा कहीं अच्छे परिणाम देखने मिले है और संक्रमण की दर भी शहर की तुलना में कम है। सदस्यों ने आशा व्यक्त की एकजुट होकर किये जा रहे इन प्रयासों से जल्दी ही कोरोना को रोकने में सफलता मिलेगी और जिले को संक्रमण से मुक्त किया जा सकेगा।
जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना वेक्सीन लगाने के कार्य एवं ब्लैक फंगस की बीमारी के उपचार के लिये जरूरी इंजेक्शन एवं दवाओं की आपूर्ति बनाये रखने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। सांसद राकेश सिंह ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये बैठक में दिये गये सुझावों का महत्वपूर्ण बताते हुये कोरोना के टीके को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में फैली भ्रांतियों को दूर करने का आव्हान सदस्यों किया। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस की बीमारी के उपचार में आवश्यक इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति के लिये शासन-प्रशासन से लेकर हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं और जल्दी ही इनकी कमी दूर हो जायेगी। मीटिंग के प्रारम्भ में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिले में कोरोना की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला और संक्रमण पर नियंत्रण के लिये उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन समिति की समय-समय पर आयोजित बैठकों में मिले सुझाव पर कोरोना की रोकथाम के लिये बनाई गई रणनीती के फलस्वरूप जबलपुर जिले में पिछले करीब 18 दिनों से कोरोना के नए प्रकरणों में लगातार कमी आ रही है और पॉजिटिविटी रेट 29 प्रतिशत से घटकर 10 से 11 प्रतिशत पर आ गया है। रिकवरी रेट भी 78 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 89 प्रतिशत हो गया है ।
आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कोरोना वेक्सीन का दूसरा डोज लगाने के नये प्रोटोकॉल को भी स्पष्ट करने का सुझाव दिया गया ताकि आम जनता में इसको लेकर भ्रम की स्थिति न बनी रहे। बैठक से जुड़े सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया ने बताया कि कोरोना वेक्सीन कोविशील्ड की दूसरी डोज अब पहली डोज लगाने के 84 दिन बाद लगाई जायेगी । इस बारे में शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हुये हैं । बैठक में कोरोना के टीके लगाने के कार्य को गति देने ड्राइव-इन-वेक्सीनेशन पर जोर दिया गया । सदस्यों ने कहा कि ड्राइव-इन-वेक्सिनेशन के लिये बड़े खुले परिसरों एवं रानीताल स्टेडियम सहित स शहर में स्थित सभी इंडोर स्टेडियम को चिन्हित किया जा सकता है। शहर में बनाये गये कोविड केयर सेंटरों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिये कोरोना मरीजों के उपचार के लिये तय की गई स्टेप डाउन की नीति को जबलपुर में भी लागू करने की बात भी बैठक में कही गई ताकि निजी एवं शासकीय अस्पतालों में भर्ती ऐसे मरीजों को जिन्हें अब आईसीसीयू या ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता नहीं है, उनकी कोविड केयर सेंटर में रखकर देखभाल की जा सके। इससे सबसे बड़ा फायदा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को होगा । अस्पताल के भारी खर्च से वे बच सकेंगे ।
इंदौर, कल इंदौर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा डोनेशन अभियान के शुरू होने के अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने प्लाज्मा डोनेट करने आये युवाओं को प्रमाण-पत्र वितरित किया और कहा कि प्लाज्मा डोनेशन अभियान कोरोना से लड़ने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित भी उपस्थित थे। अभियान अंतर्गत प्लाज़्मा डोनेशन के लिए प्रशासन सभी संभावित डोनर से संपर्क करेगा। उनके एंटीबॉडी की जाँच की जाकर पूर्ण सिक्यूरिटी के साथ प्लाज़्मा प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी होगी। मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के उपचार में इस अभियान से मदद मिलेगी। अब तक प्लाज्मा डोनेट करने वालों की संख्या बहुत कम थी। इससे लोग प्रेरित होंगे और आगे आकर अधिक से अधिक प्लाज्मा डोनेट करेंगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा। प्लाज्मा का उपयोग गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिये किया जायेगा। इस अवसर पर डॉक्टरों ने बताया कि प्लाज्मा डोनेट करने में डरने की कोई बात नहीं है। प्लाज्मा डोनेशन भी ब्लड डोनेशन की तरह ही है। इसके अंतर्गत ब्लड लिया जाता है, जिसमें से प्लाज्मा को सेपरेट किया जाता है और आवश्यकता अनुसार उपचार में उपयोग किया जाता है।
जिले में 15 मई तक लागू रहेगा कोरोना जनता कर्फ्यू, मुख्यमंत्री ने कोरोना की रोकथाम हेतु जबलपुर की रणनीति को सराहा जबलपुर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को भोपाल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले में कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं उपचार की व्यवस्थाओं और संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा की। मुख्यमंत्री को जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में लिये गये निर्णयों की भी जानकारी दी गई।
यहाँ कलेक्ट्रेट कार्यालय के एनआईसी कक्ष से वीडियों कान्फ्रेसिंग के द्वारा प्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को जिला आपदा प्रबंधन समूह की शुक्रवार की पूर्वान्ह आयोजित बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 7 मई तक लागू कोरोना जनता कर्फ्यू को अब 15 मई तक बढ़ाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। मंत्री श्री भदौरिया ने मुख्यमंत्री को बताया कि विधानसभा स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक अधिकारियों की टीम गठित की गई है। अगले सात दिनों तक पूरी संकल्प शक्ति के साथ समूचे जिले में कोरोना को रोकने और लोगों को जागरूक करने विशेष अभियान चलाया जायेगा। इस मौके पर विधायक सर्वश्री अजय विश्नोई, सुशील तिवारी इंदू, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, निगमायुक्त संदीप जीआर, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, जिला पंचायत की सीईओ ऋजु बाफना मौजूद रहीं।
जबलपुर की व्यवस्था अन्य जिलों के लिये अनुकरणीय मुख्यमंत्री ने जबलपुर जिले में विधानसभा स्तर पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार इंतजामों की निगरानी हेतु संबंधित विधायक की अगुवाई में 6 सदस्यीय टीम गठित करने के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा यह व्यवस्था अन्य जिलों में भी की जाये, इसे संबंधित विधायक लीड करें। मंत्री श्री भदौरिया ने बताया कि विधानसभा स्तर पर गठित टीम में संबंधित विधायक सहित एसडीएम, एसडीओ पुलिस, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, नगर पालिका व नगर पंचायत के सीएमओ तथा संबंधित जनपद पंचायत के सीईओ को शामिल किया गया है। इसी प्रकार पंचायत स्तर पर भी माईक्रो मैनेजमेंट करके जनप्रतिनिधि, समाजसेवियों, पटवारी, रोजगार सहायक, सचिव आदि की टीम बनाकर सात दिनों तक कोरोना की रोकथाम हेतु अभियान चलाया जायेगा।
सहकारिता मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि यहाँ निजी मेडिकल एसोसियेशन और निजी नर्सिंग कॉलेज सहित अस्पतालों ने एक अच्छी पहल कर कोविड केयर सेंटर में दिनवार डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ उपलब्ध कराने की सहमति प्रदान की है। अगले 3-4 दिनों में यह व्यवस्था शुरू भी हो जायेगी।
मंत्री श्री भदौरिया ने मुख्यमंत्री को बताया कि विधायक अजय विश्नोई से सुझाव प्राप्त हुआ है कि नर्सिंग कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं सहित इंटर्नशिप करने वाले आयुष चिकित्सकों की भी कोरोना केयर सेंटर में सेवायें ली जा सकती हैं। इससे चिकित्सकीय स्टॉफ की उपलब्धता बढ़ेगी। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल इस प्रस्ताव पर अमल का निर्देश अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को दिया।
टीम भावना से करें कार्य मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिले में जनप्रतिनिधियों, अधिकारी व समाजसेवी मिलकर टीम भावना से कार्य करें। तभी इस महामारी पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सकेगा।
इसके पूर्व कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि जिले में अभी तक 36 हजार 251 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं, जिसमें में स्वस्थ्य होकर घर जाने वाले लोग 30 हजार 583 हैं। वर्तमान में जिले का रिकवरी रेट पहले की तुलना में सुधर कर अब 84.36 प्रतिशत हो गया है, जो जिले के लिये एक सुखद संकेत है। कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों पहले तक कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 29 प्रतिशत से कम हो गई है, यह अब 24.28 फीसदी तक आ गई है।
युद्धस्तर पर चलेगा अभियान मुख्यमंत्री को कलेक्टर ने वर्चुअली जानकारी दी कि जिले के शहरी क्षेत्र में 65 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 94 स्थानों को माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है और इन क्षेत्रों में सख्ती से कोरोना कर्फ्यू लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि अलगे सात दिनों तक युद्ध स्तर पर कोरोना नियंत्रण, उपचार व बचाव कार्य किया जायेगा। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले में वर्तमान में 2079 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड एवं 1416 आईसीयू मिलाकर कुल 3495 बेड उपलब्ध हैं। बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में अब तक साढे 10 हजार कोरोना दवाइयों का किट वितरित किया जा चुका है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के अंदर घर-घर सर्वे कर कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों को कोरोना की दवाई की किट वितरित की जा रही है। नगर निगम द्वारा भी शहरी क्षेत्र में कोरोना मरीजों को घर जाकर कोरोना की दवायें दी जा रही हैं।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को बताया कि वर्तमान में जबलपुर के आस-पास के 18 जिलों से कोरोना संक्रमित मरीज रेफर होकर यहाँ आ रहे हैं। जिले में कोविड केयर सेंटर तैयार किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डी मार्ट कोविड केयर सेंटर में असिम्प्टोमेटिक, माइल्ड एवं ऑक्सीजन की आवश्यकता न पड़ने वाले मरीजों का उपचार किया जायेगा। भविष्य में इसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सहायता से ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराये जायेंगे।
कोरोना के लक्षण आने पर इंतज़ार न करें और तुरंत जाँच करवाएं और यदि आपकी जाँच रिपोर्ट आ चुकी है और आपके अन्दर कोरोना का संक्रमण पाया गया है तो आपको क्या करना चाहिए. आल इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस पटना ने covid19 प्रबंधन के लिए 12 पेज की एक स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर एंड हैण्ड बुक जारी की है जिसमें covid19 मैनेजमेंट प्रोटोकॉल दिए गए हैं. इसमें बताया गया है कि आपको हल्का यानी माइल्ड covid19 है, इसके लक्षण बच्चों और वयस्कों के लिए एक जैसे हो सकते हैं. ये लक्ष्ण आपके ऊपरी श्वसन भाग और प्रणाली से जुड़े हिस्से जैसे नाक, गला और श्वसन नली में दिखाई दे सकते हैं या महसूस हो सकते हैं. इन लक्षणों के साथ ही या इनके बिना बुखार आना भी हलके covid19 एक लक्षण है. हालाँकि साँस लेने में तकलीफ़ या ऑक्सीजन की कमी यानी hypoxia को माइल्ड covid19 के लक्षण में शामिल नहीं किया गया है. यदि ये लक्षण किसी व्यक्ति में पाए जाते हैं तो उसको OPD से परीक्षण उपरान्त “डे केयर” में रखा जा सकता है या फिर उसे उसके ही घर में आइसोलेशन में रखा जा सकता है. और उसे फ़ोन पर भी सलाह दी जा सकती है.
एक बात जो अलग से यहाँ दी जा रही है वो ये कि हल्का covid19 होने पर आप स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आप 1075 पर अपने इन लक्षणों की जानकारी अवश्य दें. जहाँ से आपको आवश्यक निर्देश जारी कर दिए जाएंगे. हालाँकि कुछ दिनों पहले जब ख़ुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ कॉल किया तो आधे घंटे इंतज़ार के बाद उनकी कॉल कनेक्ट हो पायी. उम्मीद है कि अब ये हेल्पलाइन पहले से बेहतर हो गयी होगी. खैर, अगर यहाँ कॉल कनेक्ट न हो तो अपने शहर के covid कण्ट्रोल सेण्टर पर कॉल करें. मेरी मानें तो घर में किसी के संक्रमित होने का इंतज़ार न करें. अपने शहर के covid कण्ट्रोल सेण्टर का नम्बर फ़ोन पर सुरक्षित करके रखें. इंजेक्शन, ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने वाले विभाग, कर्मचारी, स्वयंसेवी संस्थाओं के नम्बर भी रखें. ताकि वक़्त पड़ने पर आपके या किसी और के काम आ सकें.
पटना एम्स के द्वारा जारी covid19 प्रोटोकॉल के मुताबिक़
यदि आपको हल्का covid19 है तो आपको covid19 प्रोटोकॉल के तहत समुचित खान-पान, पोषण और पानी पियें.
व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का पालन करना जारी रखें, फेस मास्क लगायें. दो वर्ष से ऊपर के बच्चे भी फेस मास्क लगा सकते हैं.
हर छः घंटे में अपना तापमान नापें और यदि लगातार बुखार आ रहा है तो हर घंटे अपना तापमान लें. बुखार को नियंत्रित करने के लिए आप नल के साफ़ पानी में सूती कपड़े को भिगाकर उसकी पट्टी माथे पर रखें.
छः मिनट पैदल चलने के पहले और बाद में अपने शरीर में ऑक्सीजन का स्तर यानी SPo2 नापें. यदि ये 94 प्रतिशत से कम है या पैदल चलने के बाद इसमें 5 प्रतिशत गिरावट आती है तो चिकित्सक सलाह लें. हर छः घंटे में SPo2 मापते रहे. यदि निचली श्वसन प्रणाली में यानि छाती वाले हिस्से में साँस से जुड़ी कोई तकलीफ़ हो या जलन हो तो हर घंटे एसपीओ2 मापते रहे.
अभिभावकों की देख-रेख में हर छः घंटे में क्लोरेहक्सिडिन से मुँह के अंदरूनी हिस्से को साफ़ करने के लिए कुल्ला करें. जितनी देर ले सकें कम से कम दो बार भाप लें.
माइल्ड covid19 में जो दवाएं इस प्रोटोकॉल के तहत ले सकते हैं वो हैं
सामान्य से अधिक याने 100फेरेनहाईट से ज़्यादा बुखार हो तो 500 mg वाली पेरासिटामोल गोली ले सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि 24 घंटे में उसे अधिकतम 4 बार ही ले सकते हैं. बच्चों को पेरासिटामोल उनके वज़न के मुताबिक़ दी जाती है. यानि 10 से 15 mg पेरासिटामोल प्रति किलोग्राम के हिसाब से. जैसे यदि बच्चे का वज़न 10 किलोग्राम है तो उसे 100 से 150 mg पेरासिटामोल की ख़ुराक एक बार में दी जा सकती है.
विटामिनc की 500mg क्षमता वाली एक गोली दिन में एक बार दो सप्ताह तक रोज़ लें
50mg क्षमता वाली जिंक टेबलेट दिन में एक बार दो सप्ताह तक रोज़ लें, बच्चों ले लिए 20mg की क्षमता वाली जिंक टेबलेट का इस्तेमाल करें
अगर गला बंद लगने जैसी नौबत आये तो लेवोसेटिरिज़िन 5mg + मॉन्टेलुकास्ट 8 mg रोज़ एक गोली रात को सोने से पहले 5 दिन तक लें, बच्चों को लेवोसेटिरिज़िन 2.5mg + मॉन्टेलुकास्ट 4 mg या बच्चों के उनके वज़न और उम्र के मुताबिक़ ख़ुराक दें.
दवायें लेने के दौरान यदि पेट में जलन हो तो 40mg वाली पेंटप्रेज़ोल रोज़ खाली पेट और बच्चों को कम क्षमता यानि 20mg की दें
दस्त लगने पर प्रोबायोटिक 1 सेशे दिन में दो बार और बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार दें
गले की ख़राश और खाँसी से राहत के लिए ज़रूरत पड़ने पर चूसने वाली गोलियाँ ले सकते हैं.
माइल्ड covid19 के लक्षण होने पर ओरल स्टेरॉयड के तौर पर डेक्सामेथासोन 6mg रोज़ या इसके ही बराबर मेथाईलप्रेडिसिलोन की खुराक, और बच्चों को प्रेडिसिलोन 1mg/ किग्रा के हिसाब से प्रतिदिन या फिर इसकी के बराबर डेक्सामेथासोन या मेथाईलप्रेडिसिलोन की ख़ुराक लेने की सलाह covid19 प्रोटोकॉल में दी गयी है, लेकिन स्टडी में विशेषज्ञों ने पाया है कि जिन लोगों का SPO2 94% से ऊपर है उनके लिए स्टेरॉयड फ़ायदेमंद नहीं हैं. इसलिए वे स्तेरोइड्स न लें.
इस तरह से देखभाल और दवा लेने के बाद बीमारी के तीसरे से लेकर पाँचवे दिन तक ये टेस्ट करवाएं, अगर पहले हो चुके हों तो फिर से ये टेस्ट करवाएं.
CBC with peripheral smear CRP, Serum ferritin, Serum LDH PT, aPTT, INR, D-Dimer, Fibrinogen LFT, RFT Chest X Ray PA VIEW (इसमें देखें कि श्वसन तंत्र के निचले हिस्से में लक्षण हैं या नहीं)
कुछ मुद्राएं हैं जो आपको जागते हुए करना है. हर मुद्रा आप 30 मिनट से लेकर अधिकतम 2 घंटे तक कर सकते हैं. किसी भी मुद्रा में समयसीमा बर्दाश्त की हद तक ही रखें.
पहली मुद्रा है पेट के बल लेटना दूसरी है दाहिनी ओर (दाईं ओर) लेटना तीसरी है इस तरह से 60 से 90 डिग्री में बैठना या इस तरह से चेहरा ऊपर करके सीधे लेटना चौथा बाईं ओर लेटना और पाँचवा वापिस पहली मुद्रा में पेट के बल लेटना
14 दिन के होम आइसोलेशन समाप्त होने के बाद आपके टेस्ट के आधार पर डॉक्टर्स को लगता है कि आपकी प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है तो आपको 20 दिन तक आइसोलेशन में और रहना चाहिए. माइल्ड covid19 के इस तरह से इलाज के पश्चात् हॉस्पिटल से छुट्टी के लिए या फिर होम आइसोलेशन ख़त्म करने के लिए RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट की ज़रूरत नहीं पड़ती है.
इस तरह से माइल्ड covid होने की स्थिति में चिक्तिसक की सलाह लेकर आप घर में रहकर अपनी देखभाल कर सकते हैं लेकिन मध्यम और बहुत अधिक covid19 से पीड़ित होने पर आपको चिकित्सक की देखरेख में हॉस्पिटल में भर्ती होना ही पड़ेगा.
अस्वीकरण – उपरोक्त जानकारी पटना एम्स के द्वारा जारी covid-19 प्रोटोकॉल के कुछ हिस्से का हिन्दी अनुवाद है, जिसके हम सौ प्रतिशत सटीक होने का दवा नहीं करते. हलचल मीडिया द्वारा ये जानकारी आपको भय की स्थिति से बचाने के लिए दी गयी है. हमारी सलाह है कि covid-19 या किसी भी तरह की बीमारी का इलाज करने के लिए दवाएं स्वयं के मुताबिक न लें. ऊपर दी हुई दवाएं एवं जाँच एवं परीक्षण प्रमाणित चिकित्सक एवं लैब के निर्देश में ही करवाएं. उपरोक्त सामग्री को जानकारी मानकर चलें. प्रमाणित इलाज के लिए अपने चिकित्सक या अस्पताल की सहायता लें. उपरोक्त जानकरी का इस्तेमाल यदि आप स्वयं के लिए इलाज के लिए बिना किसी अनुभवी और प्रमाणिक चिकित्सक की सलाह के बिना करते हैं तो उससे हुए नुक्सान या हानि के लिए हलचल मीडिया ज़िम्मेदार नहीं होगा