कलेक्टोरेट सभागार में कोविड नोडल ऑफिसर्स के साथसमीक्षा बैठक लेते कलेक्टर रत्नाकर झा
डिंडौरी | कलेक्टर रत्नाकर झा ने मंगलवार को कलेक्टोरेट सभागार में कोविड नोडल ऑफिसर्स के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी अधिकारी निर्धारित दायित्वों का निर्वहन कड़ाई के साथ करें। यह राहत की बात है कि जिले में वर्तमान में कोरोना संक्रमण की पॉजीटिविटी दर 15% से कम है। इसे और कम करने के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से प्रयास करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत CEO अरुण विश्वकर्मा, ADM अपर मिनिषा भगवती पांडेय, डिंडौरी SDM महेष मंडलोई, डिप्टी कलेक्टर रजनी वर्मा, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डॉ. संतोष शुक्ला, प्रभारी CMHO डॉ. रमेश सिंह मरावी आदि मौजूद थे।
● महामारी की चपेट में आकर अब तक जिले के 24 नागरिकों ने गंवाई जान, फिलहाल 11 गंभीर मरीजों का जबलपुर में उपचार जारी
डिंडौरी | जिले में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर धीरे-धीरे कम होती जा रही है। हफ्तेभर पहले तक रोजाना 90 से अधिक केस मिल रहे थे, जबकि अब 50 से 70 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर (DPM) विक्रम सिंह के अनुसार सोमवार की शाम तक जिलेभर में सिर्फ 56 केस मिले हैं। यह नतीजा 604 सैम्पल्स की जांच में सामने आया है। आज 66 लोगों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया है। जिले में अब एक्टिव केस 643 पर आ गए हैं। ऑलटाइम मरीजों की संख्या 4410 है और अब तक 3643 लोग कोरोना से जंग जीत चुके हैं। उन्हें जिला अस्पताल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन से मुक्त किया जा चुका है।
सर्वाधिक 15 केस डिंडौरी और सबसे कम 02 समनापुर ब्लॉक में मिले आज सर्वाधिक 15 केस डिंडौरी ब्लॉक में मिले हैं। वहीं, करंजिया में 14, अमरपुर में 12, बजाग में 05, शहपुरा व मेहंदवानी में 04-04 और समनापुर में सिर्फ 02 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस तरह शाम तक कुल 56 नागरिक कोरोना संक्रमित निकले हैं। मरीजों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी स्थिति के हिसाब से कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन में रखने के निर्देश दे दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने आज कलेक्ट किए रिकॉर्ड 712 सैम्पल्स DPM विक्रम सिंह ने बताया कि जिले में कोविड टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी गई है। रोजाना औसतन 550 से अधिक नागरिकों के सैम्पल लिए जा रहे हैं। आज स्वास्थ्य विभाग ने रिकॉर्ड 712 सैम्पल कलेक्ट किए हैं। वहीं, 617 लोगों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। अभी तक कुल 92220 नागरिकों की सैम्पलिंग कराई जा चुकी है। वर्तमान में जिले की कोरोना पॉजीटिविटी दर 15% से भी कम है।
सिर्फ 34 दिनों में रिकॉर्ड 2373 मरीज स्वस्थ होकर पहुंचे घर डिंडौरी जिले के रिकॉर्ड 2373 मरीज संक्रमण को हराकर सकुशल घर पहुंच चुके हैं। वर्तमान में 407 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, जबकि 223 लोगों का इलाज जिला अस्पताल व डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में जारी है। जिले के 11 गंभीर मरीजों का इलाज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में चल रहा है। अब तक जिले के 24 नागरिक संक्रमण से जान गंवा चुके हैं।
जबलपुर, शहर में प्रतिदिन 18प्लस से लोगों के लिए कोवीशील्ड और कोवैक्सीन को मिलाकर 3300 डोज़ उपलब्ध होते हैं. फिर भी 18 से लेकर 44 वर्ष तक लोगों के लिए वैक्सीन का स्लॉट बुक करना ट्रेन के तत्काल टिकिट बुक करने जैसा ट्रिकी हो गया है. जिस तरह से ट्रेन के लिए एसी और स्लीपर कोच में तत्काल कोटे के लिए लिमिटेड सीट्स होती हैं और उन्हें बुक करने के लिए समय भी निर्धारित होता है. उसी तरह 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए स्लॉट बुक करने का समय भी अघोषित तौर पर निर्धारित हो गया है. इसकी जानकरी तब लगी जब नितिन नामक एक नवयुवक ने वेबसाइट, उमंग और आरोग्य सेतु एप के ज़रिये स्लॉट बुक न कर पाने की समस्या हेल्पलाइन 1075 पर बतायी. इस पर हेल्पलाइन की ओर से कहा गया कि स्लॉट बुक करने का समय सुबह 9 से 11 के बीच है. लेकिन इस बारे में कहीं कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.
सिर्फ़ अगले दिन की होती है बुकिंग, उसके आगे के लिए ऑप्शन नहीं खुलते नितिन ने बताया कि स्लॉट बुक करने की कोशिश में पूरे दिन में जब भी उपरोक्त तीनों प्लेटफॉर्म्स में लॉग इन करो तो भी वहाँ समय से सम्बंधित कोई कोई सूचना नहीं आती. यदि समय लिमिटेड है तो हर बार एसएमएस पर ओटीपी क्यूँ आता है? इसके आलावा यदि अगले दिन के स्लॉट बुक हो चुके हैं तो उसके अगले दिन के ऑप्शन बंद क्यूँ दिखाए जाते हैं?
18 से 44 उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध स्लॉट पलक झपकते ही हो जाते हैं बुक नितिन के अलावा जबलपुर की ही किरण सिंह ने सोशल मीडिया पर ज़ाहिर की. उन्होंने लिखा कि एप पर रजिस्ट्रेशन तो हो रहा है लेकिन उसके बाद कुछ नहीं होता. उनका बेटा भी दिन भर कोशिश करता है, उसे एक दफ़ा शाम को 6 बजे के आसपास 2-4 सेकंड के लिए स्लॉट अवेलेबल दिखाए लेकिन वो सब तुरंत ही बुक हो गए.
वेबसाइट, उमंग और आरोग्य सेतु में एक जैसा है हाल वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करवाने की चाह में यादव कॉलोनी के आदित्य ने दोनों एप अपने फोन में इंस्टाल कर ली, लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी असफलता ही उनके हाथ लगी. एप इंस्टाल करने का ख्याल उन्हें कोविन की वेबसाइट में स्लॉट बुक न कर पाने के बाद आया. लेकिन तीनों जगह कोशिश करने के बाद उन्हें समझ आया कि शायद स्लॉट बुक करने के लिए उन्हें गुड लक की भी ज़रूरत है.
स्लॉट बुक करवाने के बाद भी लौटना पड़ा बिना वैक्सीनेशन के निकेश अग्रवाल सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी शेयर करते हुए बताते हैं कि 17 मई को गायत्री पब्लिक स्कूल वेक्सीनेशन सेण्टर पहुँचे. उन्होंने 3 से 6 बजे बीच का स्लॉट लिया था. लेकिन वहाँ पहुँचने पर पता चला कि स्टाफ़ जा चुका है. अगर एक निर्धारित समय तक ही वैक्सीन लगनी है तो फिर स्लॉट में टाइम क्यूँ दिया जा रहा है?
जबलपुर में स्लॉट बुकिंग में आने वाली समस्या जैसे हालात देश के कई शहरों में हैं जहाँ 18प्लस वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है. लेकिन इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नतीजा ये है कि वैक्सीनेशन की चाह में युवा तमाम वेबसाइट या एप खोलकर लगातार कोशिश करने में ही अपना समय गँवा रहे हैं.
डिंडौरी | जिले के सरकारी, गैर सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को एक हफ्ते में अनिवार्य रूप से कोविड टेस्ट कराना होगा। इस संबंध में कलेक्टर रत्नाकर झा ने सोमवार को लिखित आदेश जारी किया है। यह निर्णय जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है।
डिंडौरी | मध्यप्रदेश के डिंडौरी के सुपरिचित युवा चित्रकार दशरथ सिंह राठौर हर तरह की पेंटिंग्स में विशेष महारत रखते हैं। उनकी कला के निशान जिले के गांव-गांव में देखने को मिलते हैं। 2020 में कोरोना वायरस की लहर शुरू होने के बाद दशरथ ने डिंडौरी सहित शहपुरा, बजाग, करंजिया, समनापुर आदि ब्लॉक में स्ट्रीट और वॉल पेंटिंग्स के ज़रिए जागरुकता प्रसारित की थी। इस साल दशरथ फिर एक्टिव हुए और जिला प्रशासन से अनुमति लेकर नगर की सड़कों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। सक्रिय कोरोना वॉलेंटियर के रूप में दशरथ ने नगर के मुख्य मार्ग पर वायरस के भयावह रूप की पेंटिंग बनाकर जिलेवासियों को सचेत किया है। उनकी चित्रकारी को जिले के नागरिक खासा पसंद कर रहे हैं। युवा चित्रकार ने आम जनता को संदेश दिया कि विश्वव्यापी महामारी के दौर में घर पर रहना और वैक्सीन लगवाना ही सबसे कारगर उपाय है। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार और जिला प्रशासन के नियमों का पालन करना ज़रूरी है।
14 अप्रैल से अब तक 33 दिन में जिला अस्पताल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन से रिकॉर्ड 2307 व्यक्ति हुए डिस्चार्ज
डिंडौरी | जिले में रविवार की शाम तक 64 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। यह नतीजा 758 सैम्पल्स की जांच में सामने आया है। आज जिला अस्पताल, हाेम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर से 84 मरीजों को छुट्टी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर (DPM) विक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 654 पर आ गई है। अब ऑलटाइम कोविड केस 4354 और ओवरऑल डिस्चार्ज केस 3577 हो गए हैं। 14 अप्रैल से आज तक सिर्फ 33 दिन में रिकॉर्ड 2307 लोग कोरोना से जंग जीतकर घर जा चुके हैं। कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आज शाम तक रिकॉर्ड 604 सैंपल लिए हैं, जबकि 753 नागरिकों की रिपोर्ट आना बाकी है। अब तक जिले के 91505 लोगों की जांच कराई जा चुकी है। वर्तमान में 430 कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेट हैं और 214 लोगों का उपचार जिला अस्पताल व डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में जारी है। जिले के 10 गंभीर मरीजों का इलाज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में चल रहा है। जिले के 23 नागरिक संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। 14 अप्रैल से आज तक स्वस्थ हुए मरीज👇 16 मई, रविवार : 84 15 मई, शनिवार : 126 14 मई, शुक्रवार : 94 13 मई, गुरुवार : 72 12 मई, बुधवार : 165 11 मई, मंगलवार : 16 10 मई, सोमवार : 19 09 मई, रविवार : 28 08 मई, शनिवार : 36 07 मई, शुक्रवार : 13 06 मई, गुरुवार : 68 05 मई, बुधवार : 41 04 मई, मंगलवार : 64 03 मई, सोमवार : 110 02 मई, रविवार : 90 01 मई, शनिवार : 83 30 अप्रैल, शुक्रवार : 126 29 अप्रैल, गुरुवार : 40 28 अप्रैल, बुधवार : 11 27 अप्रैल, मंगलवार : 115 26 अप्रैल, सोमवार : 133 25 अप्रैल, रविवार : 37 24 अप्रैल, शनिवार : 145 23 अप्रैल, शुक्रवार : 127 22 अप्रैल, गुरुवार : 101 21 अप्रैल, बुधवार : 20 20 अप्रैल, मंगलवार : 05 19 अप्रैल, सोमवार : 52 18 अप्रैल, रविवार : 65 17 अप्रैल, शनिवार : 71 16 अप्रैल, शुक्रवार : 64 15 अप्रैल, गुरुवार : 58 14 अप्रैल, बुधवार : 29 स्वस्थ प्रकरण : 2308
जबलपुर, आज दिन में जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिये जबलपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू 31 मई सर्वसहमति से बढाने का प्रस्ताव राज्य शासन के गृह विभाग को भेजा गया। जिस पर राज्य शासन के गृह विभाग ने विचार करने के पश्चात कोरोना कर्फ्यू को 24 मई तक बढ़ाने के निर्देश जारी किये। विदित हो कि जबलपुर जिले में पिछले करीब 18 दिनों से कोरोना के नए प्रकरणों में लगातार कमी आ रही है और पॉजिटिविटी रेट 29 प्रतिशत से घटकर 10 से 11 प्रतिशत पर आ गया है। रिकवरी रेट भी 78 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 89 प्रतिशत हो गया है।
सांसद राकेश सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की इस बैठक से विधायक अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, विनय सक्सेना एवं संजय यादव, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, जिला पंचायत सीईओ रिजु बाफना, अपर कलेक्टर राजेश बाथम तथा सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया जुड़े थे।
कलेक्टर ने शाम को जारी किया आदेश कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में लिये गये निर्णय और राज्य शासन के गृह विभाग के निर्देशानुसार कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर पूर्व में जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में संशोधन कर जिले भर में जनता कोरोना कर्फ्यू की अवधि 17 मई की सुबह 6 बजे से 24 मई की सुबह 6 बजे तक बढ़ा दी है।
जिले में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट फिलहाल 15% से कम, मरीजों के इलाज के लिए 105 ICU बेड उपलब्ध; जिला अस्पताल में तैयार हो रहे 40 नए बेड
डिंडौरी | डिंडौरी जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना कर्फ्यू की अवधि 27 मई तक बढ़ा दी गई है। अब तक कर्फ्यू की अवधि 17 मई थी। नियम और शर्तें पूर्व की तरह ही लागू होंगी। इस संबंध में कलेक्टर रत्नाकर झा ने रविवार को लिखित आदेश जारी कर दिया है। कोरोना कर्फ्यू के विषय में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में भी जानकारी दे दी गई थी, जिसमें कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल जिले में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 15% से कम है। प्रदेश सरकार ने 5% से कम पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में निर्धारित अवधि के बाद कोरोना कर्फ्यू खोलने के आदेश दिए थे। कलेक्टर ने कोरोना महामारी से संघर्ष में आम-खास नागरिकों सहित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी मिलकर काम करने का आग्रह किया। बैठक में SP संजय कुमार सिंह, ADM मिनिषा भगवती पांडेय, ASP विवेक कुमार लाल, डिंडौरी SDM महेश मंडलोई, शहपुरा SDM अंजू विश्वकर्मा, असिस्टेंट कलेक्टर सृष्टि जयंत देशमुख, डिप्टी कलेक्टर रजनी वर्मा, CMHO डॉ. रमेश सिंह मरावी, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत, नगर परिषद अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम, भाजपा महामंत्री राजेंद्र पाठक, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील जैन, वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक अवधिया, पत्रकार लक्ष्मी नारायण अवधिया, इंद्रपाल सोनपाली आदि मौजूद थे।
जिले में 105 ICU बेड उपलब्ध, 40 बेड का काम जारी
कलेक्टर रत्नाकर झा ने बताया कि जिले में वर्तमान में 105 ICU बेड उपलब्ध हैं। वहीं, जिला अस्पताल में 40 बेड तैयार किए जा रहे हैं। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए ऑक्सीजन, रेमेडेसिविर इंजेक्शन, दवाइयां, कोरोना किट, ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर आदि का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध कराए गए हैं। कोविड केयर सेंटर्स में कोरोना मरीजों के लिए भोजन और इलाज का बेहतर प्रबंध किया गया है। वहीं, होम आइसोलेट मरीजों की देखरेख और उपचार भी नियमित रूप से जारी है।
जबलपुर – सांसद राकेश सिंह की अध्यक्षता में आज रविवार को हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिये जबलपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू 31 मई तक बढाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजने का सर्व सहमति से निर्णय लिया गया। प्रस्ताव दोपहर तक राज्य शासन के गृह विभाग को भेज दिया जायेगा और अनुमोदन मिलने के बाद इस बारे में शाम तक आदेश जारी किया जा सकता है। जिला आपदा प्रबंधन समिति की इस बैठक से विधायक अजय विश्नोई , अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, विनय सक्सेना एवं संजय यादव, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, जिला पंचायत सीईओ रिजु बाफना, अपर कलेक्टर राजेश बाथम तथा सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया जुड़े थे।
वर्चुअल मीटिंग में जिला आपदा प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों ने कोरोना की रोकथाम के लिये जिले में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। सदस्यों ने कहा कि आम जनता, जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के इन सयुंक्त प्रयासों का ही नतीजा है कि जबलपुर जिले में संक्रमण पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है। सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये किये गये प्रयासों की खासतौर पर तारीफ की। सदस्यों ने कहा कि इनके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र में शहर की अपेक्षा कहीं अच्छे परिणाम देखने मिले है और संक्रमण की दर भी शहर की तुलना में कम है। सदस्यों ने आशा व्यक्त की एकजुट होकर किये जा रहे इन प्रयासों से जल्दी ही कोरोना को रोकने में सफलता मिलेगी और जिले को संक्रमण से मुक्त किया जा सकेगा।
जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना वेक्सीन लगाने के कार्य एवं ब्लैक फंगस की बीमारी के उपचार के लिये जरूरी इंजेक्शन एवं दवाओं की आपूर्ति बनाये रखने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। सांसद राकेश सिंह ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये बैठक में दिये गये सुझावों का महत्वपूर्ण बताते हुये कोरोना के टीके को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में फैली भ्रांतियों को दूर करने का आव्हान सदस्यों किया। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस की बीमारी के उपचार में आवश्यक इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति के लिये शासन-प्रशासन से लेकर हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं और जल्दी ही इनकी कमी दूर हो जायेगी। मीटिंग के प्रारम्भ में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिले में कोरोना की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला और संक्रमण पर नियंत्रण के लिये उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन समिति की समय-समय पर आयोजित बैठकों में मिले सुझाव पर कोरोना की रोकथाम के लिये बनाई गई रणनीती के फलस्वरूप जबलपुर जिले में पिछले करीब 18 दिनों से कोरोना के नए प्रकरणों में लगातार कमी आ रही है और पॉजिटिविटी रेट 29 प्रतिशत से घटकर 10 से 11 प्रतिशत पर आ गया है। रिकवरी रेट भी 78 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 89 प्रतिशत हो गया है ।
आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कोरोना वेक्सीन का दूसरा डोज लगाने के नये प्रोटोकॉल को भी स्पष्ट करने का सुझाव दिया गया ताकि आम जनता में इसको लेकर भ्रम की स्थिति न बनी रहे। बैठक से जुड़े सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया ने बताया कि कोरोना वेक्सीन कोविशील्ड की दूसरी डोज अब पहली डोज लगाने के 84 दिन बाद लगाई जायेगी । इस बारे में शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हुये हैं । बैठक में कोरोना के टीके लगाने के कार्य को गति देने ड्राइव-इन-वेक्सीनेशन पर जोर दिया गया । सदस्यों ने कहा कि ड्राइव-इन-वेक्सिनेशन के लिये बड़े खुले परिसरों एवं रानीताल स्टेडियम सहित स शहर में स्थित सभी इंडोर स्टेडियम को चिन्हित किया जा सकता है। शहर में बनाये गये कोविड केयर सेंटरों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिये कोरोना मरीजों के उपचार के लिये तय की गई स्टेप डाउन की नीति को जबलपुर में भी लागू करने की बात भी बैठक में कही गई ताकि निजी एवं शासकीय अस्पतालों में भर्ती ऐसे मरीजों को जिन्हें अब आईसीसीयू या ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता नहीं है, उनकी कोविड केयर सेंटर में रखकर देखभाल की जा सके। इससे सबसे बड़ा फायदा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को होगा । अस्पताल के भारी खर्च से वे बच सकेंगे ।
एमजीएम कॉलेज में कमिश्नर पवन शर्मा, कॉलेज डीन संजय दीक्षित एवं अन्य चिकित्सकगण के साथ प्लाज़्मा डोनेशन अभियान की समीक्षा बैठक करते जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट
इंदौर, कल इंदौर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा डोनेशन अभियान के शुरू होने के अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने प्लाज्मा डोनेट करने आये युवाओं को प्रमाण-पत्र वितरित किया और कहा कि प्लाज्मा डोनेशन अभियान कोरोना से लड़ने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित भी उपस्थित थे। अभियान अंतर्गत प्लाज़्मा डोनेशन के लिए प्रशासन सभी संभावित डोनर से संपर्क करेगा। उनके एंटीबॉडी की जाँच की जाकर पूर्ण सिक्यूरिटी के साथ प्लाज़्मा प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी होगी। मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के उपचार में इस अभियान से मदद मिलेगी। अब तक प्लाज्मा डोनेट करने वालों की संख्या बहुत कम थी। इससे लोग प्रेरित होंगे और आगे आकर अधिक से अधिक प्लाज्मा डोनेट करेंगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा। प्लाज्मा का उपयोग गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिये किया जायेगा। इस अवसर पर डॉक्टरों ने बताया कि प्लाज्मा डोनेट करने में डरने की कोई बात नहीं है। प्लाज्मा डोनेशन भी ब्लड डोनेशन की तरह ही है। इसके अंतर्गत ब्लड लिया जाता है, जिसमें से प्लाज्मा को सेपरेट किया जाता है और आवश्यकता अनुसार उपचार में उपयोग किया जाता है।