श्रावण का महीना अपने साथ शुभ पर्वों को लेकर आता है। जिसमें शिव की भक्ति और आस्था से भरे सावन सोमवार के साथ-साथ भाई-बहिनों के स्नेहपूर्ण पर्व रक्षाबंधन से भी शामिल है। बाजार राखियों और रूमालों से सजे हुए हैं। शहर के नागरिक अपने-अपने परिवारों के साथ राखी के इस त्योहार का बेसब्री से इंतज़ार भी कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों का इस त्योहार को मनाने का तरीका अलग होता है। वे अपने परिवार के अलावा समाज के अन्य लोगों के साथ इस खुशी को बांटने में बिल्कुल नहीं हिचकते। इसी तारतम्य में रक्षाबंधन पर्व को मनाने के लिए सी. ए. राजेश जैन आज प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय भंवरताल, नेपियर टाउन पहुंचे। जहाँ बहनों ने उन्हें रक्षाबंधन के लिए आमंत्रित किया। वहाँ पहुंचकर उन्होंने पहले ब्रह्मा कुमारी दीदियों के मार्गदर्शन में ध्यान किया और इसके पश्चात ब्रह्मा कुमारी भावना दीदी से राखी भी बँधवाई। ब्रह्मा कुमारी दीदियों ने सी.ए. राजेश जैन को निराकार शिव स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। इस अवसर पर उनकी धर्म पत्नी अनुराधा जैन और साथी अभय रावत, बबलू पांडे, शोभना मलैया इत्यादि भी मौजूद रहे। विदित हो कि सी. ए. राजेश जैन पिछले दिनों नेत्रहीन कन्या हाईस्कूल एवं छात्रावास, रानीताल पहुंचकर भी दिव्य नेत्र कन्याओं से भी राखी बँधवायी थी और साथ ही अपने पुत्र ओणम जैन का भी जन्मदिन मनाया था। सी. ए. राजेश जैन सभी धर्मों और समुदायों के बीच अपने समाजसेवी और मानव कल्याण से जुड़े कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं।
आम जनता अपने खिलाफ़ होने वाले उत्पीड़न या अपराध के खिलाफ़ पुलिस की शरण लेती है। पुलिस भी अपराधिक मामलों को दर्ज करके उस पर आगे की कार्यवाही करती है। लेकिन सिर्फ मामला दर्ज करके और उसका अन्वेषण करने तक ही पुलिस का काम खत्म नहीं होता। उस मामले को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना और अपराधियों को उचित दंड दिलाने में भी पुलिस की सक्रिय भूमिका होती है। जिसमें शासकीय अधिवक्ताओं की भी अहम भूमिका होती है। यही वजह थी कि पुलिस अधीक्षक जबलपुर तुषारकान्त विद्यार्थी (भा.पु.से.) ने शनिवार की शाम 5:30 बजे से डी.पी.ओ./ए.डी.पी.ओ. तथा राजपत्रित अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक ली गयी। जो कि 3 घंटे तक चली।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक जबलपुर नें न्यायालय में विचाराधीन गम्भीर, सम्पत्ति सम्बंधी अपराधों, आर्म्स एक्ट, एन.डी.पी.एस. क्ट, पाक्सो एक्ट के कितने प्रकरणों की पैरवी कर रहे हैं इसकी अद्यातन स्थिति की जानकारी ली और अपनी प्राथमिकतायें बताते हुये कहा कि गम्भीर एवं सम्पत्ति सम्बंधी अपराधों में, फायर आर्म्स तथा आर्म्स एक्ट के प्रकरणों में एवं नशीले पदार्थो अर्थात एनडीपीएस एक्ट, नशीले इंजैक्शन, तथा पाक्सो एक्ट के प्रकरणों में आप सशक्त एवं सारगर्भित पैरवी करें, ये बेहद जरूरी है इससे निश्चित ही क्राईम कंट्रोल में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे प्रकरण जिनमें अपराधी को न्यायालय द्वारा दण्डित किया जायेगा, सम्बंधित कोर्ट मोहर्रिर को नगद पुरूस्कार से एवं पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्तागणों को मेरे द्वारा प्रशस्ति पत्र से पुरूस्कृत से सम्मानित किया जावेगा। इस दौरान उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि न्यायालय मे चालान प्रस्तुत करने के पूर्व एक बार चालान का अवलोकन सम्बंधित ए.डी.पी.ओ. से करा लें, आप भी सुनिश्चित करें कि जो तथ्य डायरी में समाहित होना चाहिये यदि उनमें कोई कमी है तो अपना मार्गदर्शन देते हुये कमी को दूर करायें ताकि न्यायालय में विचारण के दौरान ऐसी कोई कमी न रह जाये, जिसका अपराधी फायदा उठा सके। उन्होंने कहा कि न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में सारगर्भित सशक्त पैरवी करें। उल्लेखनीय है कि न्यायालय के समक्ष सारगर्भित पैरवी के कारण गम्भीर अपराधों में वर्ष 2023 में अभी तक सजा का प्रतिशत 85 प्रतिशत रहा है, जिसके लिए पुलिस अधीक्षक ने पुलिस महकमे को बधाई भी दी ।
भारत सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022 के लिए ‘‘इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड’’ आयोजित किया गए थे, जिसमे सभी 100 स्मार्ट सिटी के द्वारा हिस्सा लिया गया था। आज 25 अगस्त शुक्रवार को वीडिओ कांफ्रेंस के माध्यम से MoHUA द्वारा पुरस्कारों की घोषणा की गई। यह पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम राष्ट्रपति के आतिथ्य में दिनांक 27 सितंबर 2023 को इंदौर शहर में किया जायेगा। जबलपुर स्मार्ट सिटी के इनक्यूबेशन सेंटर को Economy कैटेगरी में देश में प्रथम स्थान दिया गया हैं।
किसलिए मिला है अवॉर्ड – जबलपुर स्मार्ट स्टार्टअप इंक्युबेशन सेंटर को अर्थव्यवस्था श्रेणी में उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया गया है, क्योंकि उसने नए उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और शहर में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्र ने उत्कृष्ट उद्यमियों को उद्यमिता की भावना के लिए एक उपयुक्त माहौल, मेंटरशिप और संसाधन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ताकि वे अपने नवाचारी विचारों को सफल व्यवसायों में बदल सकें। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करके और नवाचार को बढ़ावा देने के द्वारा, जबलपुर स्मार्ट सिटी ने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिलाया है, बल्कि उसने मध्य भारत में उभरते व्यवसायों के लिए एक केंद्र के रूप में खुद को स्थापित किया है।
यह सेंटर 2019 से स्थापित है एवं विगत चार वर्षों से लगभग 350 स्टार्टअप लाभान्वित हुए है तथा 1000 रोजगार सृजन हुए है। भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया सीड फंड का तीन करोड़ का अनुदान भी प्राप्त हुआ है जिसे उद्यमियों मे वितरित किया जा रहा है। यह पुरस्कार के अथक प्रयासों और जबलपुर की जीवंत उद्यमिता की दिशा में है। हम स्टार्टअप्स का समर्थन करने और हमारे शहर की आर्थिक प्रगति में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सिटी एप को मिला है दूसरा पुरुस्कार – शहर को दूसरा पुरस्कार सिटी ऐप के सफल संचालन के लिए दिया गया जिसमें गवर्नेंस कैटेगरी मे तृतीय स्थान मिला। सिटी ऐप, जिसका उद्देश्य नागरिकों और स्थानीय प्राधिकृत अधिकारियों के बीच संवाद को सुगम बनाना है, ने शहरी सरकार के साथ नागरिकों के बीच के संवाद को क्रांतिकारी तरीके से बदल दिया है। यह ऐप नागरिकों के लिए मुद्दों की रिपोर्ट करने, जानकारी खोजने, शिकायत दर्ज करने और फीडबैक प्रदान करने के लिए एक-स्थान एक समाधान के रूप में कार्य करता है।
विभिन्न चरणों मे दोनो ही प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर सहायक आयुक्त संभव अयाची और प्रोजेक्ट ऑफिसर गजेंद्र सिंह ने प्रजेन्टेशन जूरी की समक्ष दी। मूल्यांकन के बाद 100 स्मार्ट सिटी में से जबलपुर को यह पुरस्कार प्राप्त हुए। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, स्मार्ट सिटी के कार्यपालिक निदेशक एवं निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े, स्मार्ट सिटी सीईओ चंद्र प्रताप गोहल ने शहर के नागरिकों को बधाई दी और इसका श्रेय नगरवासियों को देते हुए कहा कि सभी के सहयोग से ही जबलपुर ने यह सफलता अर्जित की है।
सी. ए. राजेश जैन ने शास्त्रीनगर स्थित निराश्रित वृद्धाश्रम पहुंचकर वृद्धजनों को फलों का वितरण किया और साथ ही उनके साथ समय भी बिताया। जहाँ थोड़ी देर आश्रम के प्रवेश द्वार के पास ही कुछ वृद्धों के साथ बैठकर उन्होंने कुछ उनके किस्से सुने और कुछ अपने सुनाये वहीं आश्रम की अन्य वृद्ध महिलाओं के साथ बैठकर भी उनकी बातें सुनीं। इसके बाद राजेश जैन तिलवाराघट स्थित दयोदय तीर्थ गौशाला में उन्होंने क्षु. श्री तत्व सागर जी, क्षु. श्री तत्त्वार्थ सागर जी और क्षु. श्री अनुग्रह सागर जी का आशीर्वाद प्राप्त किया साथ ही गौशाला में गायों को हरा चारा खिलाया। अपनी इस सेवा यात्रा का सम्पन्न उन्होंने तिलवाराघाट पहुंचकर माँ नर्मदा के तट पर दीपदान किया। इस सेवा कार्य में उनके साथ बबलू पांडे, श्रीकांत जैन और अन्य लोगों ने भी श्रमदान किया।
जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर भगवान श्री नेमिनाथ जी के जन्म कल्याणक के उपलक्ष्य में प्रभु जी की रथयात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से गाजे बाजे के साथ निकाली गई। जगह-जगह समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने गवली करके नगर भ्रमण पर निकले भगवान नेमिनाथ जी की आराधना की।
यात्रा में मुख्य भूमिका में उपस्थित रहे दिगंबर जैन पंचायत सभा के पंच सीए राजेश जैन ने भगवान नेमिनाथ के विवाह की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि श्रीकृष्ण भगवान नेमिनाथ के चचेरे भाई थे। भगवान श्रीकृष्ण ने नेमिकुमार का विवाह सावन के महीने में रचाने की तैयारी करवाई। इसके बाद भगवान नेमिकुमार की बारात सोरीपुर से जूनागढ़ जाती है। इस बारात में 56 करोड़ देवी-देवताओं और गंधर्व आदि शामिल हुए। बारात आगे बढ़ती है। बारात की खातिरदारी के लिए जूनागढ़ में सैकड़ों गायों को भूखा-प्यासा रखा जाता है। भगवान नेमिकुमार आगे बढ़ते हैं, तो उन्हें गायों की आवाज आती है। फिर वे गायों के पास जाते हैं और उनकी अवस्था को देखकर मन में विचार करते हैं कि हमारी शादी में इतने अधिक जीवों को कष्ट दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति होती है और वे विवाह मंडप छोड़कर तप करने के लिए गिरनार शिखर पर्वत की ओर चल देते हैं और तप करते हैं। इसी त्याग और तप को आत्मसात करने के लिए यह सांकेतिक बारात निकाली जाती है। इस यात्रा का आयोजन दिगंबर जैन पंचायत सभा, जैन नवयुवक सभा, समस्त जैन मंदिर समिति एवं सकल जैन समाज के द्वारा किया गया। जिसे सफल बनाने में विनय जैन, चक्रेश पन्नी, अनीष खलीफा, मिंकू जैन, मंजेश जैन सहित समस्त जैन बहनों और बंधुओ का योगदान रहा ।
मध्यप्रदेश सहकारिता कर्मचारी महासंघ भोपाल के आव्हान पर अपनी मांगो को लेकर दिनांक 16 अगस्त से जिला ईकाई डिण्डौरी सहकारी समितियों के द्वारा कलमबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से जिला के 44 सहकारी समितियां बंद हैं। इनके अंतर्गत जिले में लगभग 383 शासकीय उचित मूल्य दुकान की दुकानों के बंद होने से उपभोक्ताओं को पीडीएस के अंतर्गत खाद्यान्न वितरण नहीं हो पा रहा है साथ ही मध्यान्ह भोजन, सांझा चूल्हा का खाद्यान्न समूहों को नहीं मिलने से योजनाओं का संचालन नहीं हो पा रहा है। कृषि विभाग एवं विपणन के अतर्गत खाद एवं बीज का कार्य भी बंद पड़ा हुआ है। सहकारिता तथा जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत केसीसी किसान कार्ड में जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरण कार्य भी बंद है, समितियों के अंतर्गत जितने भी योजनाओं का संचालन किया जाता है वह सभी योजनाएं शासकीय है परंतु समितियों में कार्यरत कोई भी कर्मचारी शासकीय नहीं है। जबकि शासन की अधिकांश योजनाओं का संचालन सहकारी समितियों के द्वारा किया जाता है। सहकारिता कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से उपभोक्ताओं को जो परेशानी हो रही है उसके लिए सहकारी संघ महासंघ ने खेद व्यक्त करते हुए अपनी मांगों की बारे में बताया है। जिसके अंतर्गत उन्होंने पैक्स कर्मचारी सेवा नियम 2019 एवं मार्च 2021 में गठित शासकीय कमेटी अनुसार संस्था समिति के कर्मचारियों का वेतनमान का लाभ दिये जाने की मांग की है। साथ ही जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में समिति सहायकों से 60 प्रतिषत पद पर हो रही भर्ती/ पदोन्नति शीघ्र बिना किंतु परंतु के पूर्ण करने और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत कोरोना काल में शासन के द्वारा वर्ष 2020-21 में उपभोक्ताओं को खाद्यान्न का वितरण कराया गया उसकी वसूली को तत्काल रोकने के लिए भी कहा है। चौथे दिन की हड़ताल में समिति के अंबिका पाण्डे अध्यक्ष, अमित दुबे प्रदेश प्रतिनिधि, नंदकुमार साहू उपाध्यक्ष, घसीटा लाल साहू कोषाध्यक्ष, शेषमणि ठाकुर सचिव, भुनेश्वर साहू सहसचिव, शिवदयाल, शिव कुमार रजक, गंगा सिंह परस्ते, राघवेन्द्र दुबे, नरेश मरावी, महेन्द्र शर्मा, धीरज, हंसराज, रघुवर गौतम, ब्रजलाल रजक, अनवर खान, प्रमोद साहू, राजेष साहू, कुबेर सिंह चंदेल, बसंत बर्मन के साथ अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
जबलपुर की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने और शहर में शांति कायम रखने में पुलिसकर्मियों का विशिष्ट योगदान है। कठिन काम और तनाव भरी दिनचर्या के बीच अपने कार्य में उत्कृष्टता दिखाना स्वयं में एक उपलब्धि है। इसी उत्कृष्टता को के. एफ़. रुस्तमजी पुरुस्कार से सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के 55 पुलिसकर्मियों की सूची जारी की गई है। ये पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए दिए जा रहे हैं, इसमें जबलपुर से चार नाम शामिल हैं।
आर. डी. भारद्वाज (तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक ओमती)
रविंद्र कुमार सिंह – कंट्रोल रूम प्रभारी
दीपक प्रधान, प्र. आर. 586, 6 वीं वाहिनी, वि. स. बल, जबलपुर
गौरव सिंह ठाकुर, आरक्षक, वि. शा. जिला जबलपुर
इसके अलावा सूची में वर्ष 2021 में भोपाल सायबर क्राइम की तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक रहीं नीतू ठाकुर विश्वकर्मा का भी नाम है जो वर्तमान में जबलपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर पदस्थ हैं। इन सभी पुलिसकर्मियों को 50 हज़ार रुपये और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। कंट्रोल रूम प्रभारी रविंद्र कुमार सिंह ने इस मौके पर हर्ष व्यक्त करते हुए प्राथमिक मीडिया को बताया कि उनके वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और सहयोग से उन्हें यह पुरुस्कार मिला है और वो आगे भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बेहतर पुलिस सेवा देते रहेंगे।
कौन करता है चयन – जबलपुर से चार पुलिसकर्मियों का नाम के. एफ़. रुस्तमजी पुरुस्कार के लिए चुना जाना बेहद गौरव की बात है क्यूंकि इनका चयन राज्य स्तर पर किया जाता है। इन सभी का चयन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता वाली और गुप्तवार्ता, विशेष सशस्त्र बल और प्रशासन के पुलिस महानिरीक्षकों की सदस्यता वाली समिति द्वारा किया जाता है।
कौन थेके. एफ़. रुस्तमजी – के. एफ़. रुस्तमजी का पूरा नाम ख़ुसरो फ़रामुर्ज़ रुस्तमजी था। उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वे सीमा सुरक्षा बल के प्रथम महानिदेशक थे। उन्होंने सुरक्षा में उन्नति और नई प्रगतियों को प्रोत्साहित किया और अपने प्रशासनिक कौशल से बल को मजबूती दी। उन्हें विशिष्ट बल का पहला बॉर्डरमैन भी कहा जाता है।
पद्म विभूषण के एफ़ रुस्तमजी
क्या है के. एफ़. रुस्तमजी पुरुस्कार – मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2013 से शुरू किए गये इस पुरस्कार का उद्देश्य पुलिस बल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को दस्यु उन्मूलन अभियान, नक्सल विरोधी अभियान, सांप्रदायिक दंगों, कानून और व्यवस्था की गंभीर परिस्थितियों के नियंत्रण में अच्छा कार्य करने तथा कार्य निर्वहन के उच्च कोटि की वीरता का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह पुरस्कार हर साल 1 अप्रैल से 31 मार्च(वित्तीय वर्ष) के बीच में किए जाने वाले कार्यों के लिए दिया जाता है।
तीन श्रेणियों में है पुरुस्कार – इस पुरुस्कार की तीन श्रेणियां हैं। जिसमें पहली परम विशिष्ट श्रेणी में पाँच पुलिसकार्मियों को 5 लाख रुपये अथवा रिवाल्वर, 12 बोर गन अथवा 315 बोर राइफल और प्रमाण पत्र दिया जाता है। दूसरी अति विशिष्ट श्रेणी में 2 लाख रुपये अथवा रिवाल्वर, 12 बोर गन अथवा 315 बोर राइफल तथा प्रमाण पत्र 6 पुलिसकर्मियों को दिया जाता है। तीसरी विशिष्ट श्रेणी में 50 हज़ार रुपये और प्रमाण पत्र 50 पुलिसकर्मियों को दिये जाते हैं।
कभी व्ही डी शर्मा ने भी भाजपा सरकार में ही झेलीं थी पुलिस की लाठियां । जबलपुर – NSUI पर कल हुए बर्बर लाठीचार्ज ने ज़ेहन में एक सवाल पैदा कर दिया कि छात्रों पर लाठियां बरसाते इन पुलिस कर्मियों के बच्चे क्या छात्र नहीं है या कभी इन्होंने छात्र जीवन नहीं जिया,जो इस बर्बरता से उन छात्रों को पीट रहे हैं जिनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि ही नही है, पर दूसरी ओर आदेश को बिना प्रश्न मानना भी इन कर्मियों की शपथ और डयूटी का हिस्सा है।
छात्रों को पड़े डंडों के निशान
जबलपुर में NSUI के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस के बर्बर रवैये ने हमें याद दिला दिया जब 2003 में उमा भारती की सरकार बनी ही थी और महाकौशल कॉलेज में प्रदर्शन के दौरान ABVP के कार्यकर्ताओं सहित अभी के प्रदेश अध्यक्ष व्ही.डी.शर्मा को पुलिस ने इस कदर पीटा था कि जामदार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था, हालांकि पिछली सरकार के ढर्रे पर सालों से चल रही पुलिस को जब तक गलती का एहसास हुआ तब तक देर हो चुकी थी, मुख्यमंत्री उमाभारती सहित सभी बड़े नेता अपने पिटे हुए कार्यकर्ताओं के हालचाल लेने भी पहुचे, थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक उपेंद्र जैन जब अस्पताल पहुँचे तो उनसे धक्कामुक्की कर उनकी टोपी तक गिरा दी गई जिसके बाद कार्यकर्ताओं को कुछ सुकून मिला, जंहा तक मुझे याद है तब परिषद के नगर अध्यक्ष लालू श्रीवास्तव थे, अब के पार्षद बाबा श्रीवास्तव सहित रेलवे बोर्ड के सदस्य अभिलाष पाण्डे मात्र कार्यकर्ता थे, आंखों देखे हाल के अनुसार आज के सभी दिग्गज, व्ही.डी.शर्मा को छोड़ कर भाग खड़े हुए थे एवं अम्बेडकर नगर इकाई के गुमनाम कार्यकर्ताओं शेलेन्द्र शुक्ला,टोनी सोनकर, नील कमल तिवारी,अभिलेश कोरी,रंजीत सोनकर (तब के जी एस कॉलेज उपाध्यक्ष),अभिषेक सोनकर(टीटू), प्रशांत पाठक, ललित तिवारी, विपिन पटेल जैसे कई गुमनाम कार्यकर्ताओं ने उनको ढक कर उनके हिस्से की लाठियां झेलीं थी, जिसमे शेलेन्द्र शुक्ला की पीठ पर तो व्ही डी भाईसाहब को बचाने के कारण पुलिस ने भारत सहित अन्य देशों का नक्शा तक उभार दिया था,खैर परिवर्तन और शासन की कहानी बड़ी लंबी है पर इसका उद्देश्य है आपका रुझान इस ओर खींचने का कि सत्ता में बैठा हर एक शासक आखिर में हिटलर ही बन बैठता है और ट्रांसफर प्रमोशन के भार के नीचे दबी पुलिस उनकी कठपुतली बन मात्र नाचती दिखाई देती है।
राजनीति के गलियारों में कहा जाता है कि जब तक पुलिस लाठीचार्ज में पिटो नहीं तब तक नाम नही होता, पर यह तो दिल को तस्सल्ली देने ग़ालिब ख्याल अच्छा है, छात्रों पर बरसने वाली लाठियां तब डरी सहमी सी नज़र आती हैं जब शक्ति भवन को मुख्य धारा के नेताओं सहित विधायक घेर लेते हैं, उस समय इस्तेमाल होने वाली वाटर कैनन का पानी भी छात्रों के लिए खत्म हो जाता है और उन्हें सीधे लाठी से ही तितर बितर किया जाता है, सत्ता में बैठे हुए माई बाप सहित लाठी चलाने वाले भी किसी के पिता, चाचा, मामा, ताऊ हैं तो आखिर कैसे विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों को किसी दुर्दान्त अपराधी के तरह लाठियों से इस तरह पीटा जा सकता है कि किसी का लाल अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में आ जाये, प्रदेश के मामा होने का दम्भ भरने वाले क्यों इन भांजों से सौतेला व्यवहार कर देते हैं,क्या सत्तारूढ़ उस दर्द को भूल जाते हैं जो उन्होंने भी महसूस किया है या फिर बदला पूरा करना ही उनका सत्त्ता में आने का उद्देश्य था । युवा शक्ति को कमज़ोर समझना बहुत बड़ा भ्रम साबित हो सकता है क्योंकि देश का भविष्य बनाने वाला युवा सत्ता धारियों का भविष्य बिगाड़ भी सकता है, बस सत्ता में बैठे सभी एक बार इतना ही सोच लें कि साहब ये छात्र हैं आतंकवादी नही ।
इस लेख में प्रकाशित सभी विचार सह संपादक नील तिवारी के है जो उनके वास्तविक अनुभव से प्रेरित हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए सिटीजन फीडबैक की शुरुआत देश भर में हो चुकी है। हर शहर के महापौर अपने-अपने नागरिकों को फीडबैक देने के लिए निवेदन कर रहे हैं। इसी तारतम्य में जबलपुर शहर के महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ ने भी स्वच्छ सर्वेक्षण के मद्देनज़र है लोगों से अपील की है कि अपने घर के आस पास सफाई बनायें रखे, सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करते हुए बाज़ार जाते समय कपडे़ से बने थैले का ही उपयोग करें और साथ में सिटीजन फीडबैक देने के लिए आप नीचे दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करे या https://sbmurban.org/feedback पर जाकर शहरहित में अपना फीडबैक जरुर दें।
स्वच्छ सर्वेक्षण टीम के साथ आज बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि नागरिकों से 9 आसान सवालों का जवाब पूछा जायेगा, जिसका सकारात्मक जवाब देने पर शहर का मान बढ़ेगा। इसके अलावा सकारात्मक सुझाव देने के लिए नागरिकों के पास स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की टीम पहुंचेगी जिनके द्वारा निर्धारित प्रपत्र में नागरिकों से सवाल किए जाएंगे और उनके जवाब दस्तावेज एवं डिजिटल माध्यम से पंजीकृत किए जाएंगे। फीडबैक के लिए फोन कॉल भी आएगा।
पूछे जाएंगे ये प्रश्न
क्या आपके घर से प्रतिदिन कचरा संग्रहण किया जाता है?
क्या आप कचरा संग्रहणकर्ता को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके देते हैं?
क्या आपके आस-पास की नाले-नालियां साफ दिखाई देती हैं?
क्या आप जानते हैं कि शहर में रिसाईकल, रियूज एवं रिडयूज के प्रोत्साहन हेतु आर.आर.आर. केन्द्र संचालित हैं?
क्या आपने हाल ही में आपके शहर के किसी भी सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालय का उपयोग किया है?
क्या शहर के सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालय में साफ-सफाई है एवं रखरखाव किया गया है?
क्या आप जानते हैं कि आपके आस पास स्थित सार्वजनिक शौचालय का डिजिटल गूगल मैप के माध्यम से पता लगाया जा सकता है?
आपके आस पास की स्वच्छता पर आपकी क्या राय है?
आपके शहर की सम्पूर्ण स्वच्छता पर आपकी क्या राय है?
स्वच्छता सर्वेक्षण में बेशक जबलपुर अपनी अव्वल रैंक बनाने में पिछड़ा रहा है लेकिन लंदन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के मामले में संस्कारधानी ने बेंगलुरू और हैदराबाद जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ दिया। जिसके चलते निगमायुक्त सहित उनके महकमे को लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के सेमीनार में स्मार्ट सिटी के नवाचार के बारे में विस्तारपूर्वक बताने और बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को बेहतर सुविधा देने का प्रशिक्षण मिला। इस सेमिनार में शामिल होने के लिए बेंगलुरू, हैदराबाद जैसे देश के 12 से ज्यादा शहरों और 120 देशों ने चार महीने तक ऑनलाइन प्रस्तुति दी थी। इसमें चयन सिर्फ जबलपुर का हुआ। 10 से 15 जुलाई तक चले प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश से एकमात्र शहर जबलपुर से शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
नौ देशों में भारत से सिर्फ जबलपुर – इस संबंध में निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिकं के दौरान जबलपुर की उपलब्धियों की तस्वीरों और तथ्यों के जरिए अपनी बात रखी गई। जिसमें बस में लाइब्रेरी, स्मार्ट आंगनवाड़ी, वैक्सीनेशन सेंटर और उद्यानों में बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों के लिए किए गए कार्यों को सुविधा की दृष्टि से बेहतर माना गया। उन्होंने बताया कि 9 देशों के दस शहर हुए शामिल जिसमें भारत, अमेरिका, ब्राजील, मैक्सीको, आइरलैंड, जोर्डन, पोलेंड, ग्रीक, कोसोवो के नाम शामिल थे। निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े, स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. चन्द्रप्रताप गोहल, और सहायक आयुक्त संभव अयाची ने प्रशिक्षण के दौरान विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्कारधानी के बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नगर निगम और स्मार्ट सिटी के कार्यों को लंदन स्कूल ऑफ इकोनामिक्स में काफी सराहा गया है।
टॉप 10 शहरों में चुना गया जबलपुर का नाम – वानखड़े ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे नरचरिंग, नेबरहुड चैलेंज के अंतर्गत जबलपुर स्मार्ट सिटी ने शहर के उद्यान, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य उपचार केंद्र आदि में कई प्रकार के विकास कार्य कराए हैं। इस चैलेंज का मुख्य उद्देश्य 5 साल तक के बच्चों, वृद्धों और बच्चों व बृद्धों की सहायता करने वालों के किए ऐसा वातावरण तैयार करना है, जहां वे सुरक्षित महसूस कर आसानी से खेल-कूद सकें। स्मार्ट सिटी को इस कार्य के लिए देश के टाप 10 शहरों में चुना गया है।
नगर निगम के सभी 79 वार्डो में व्यवस्थित पार्क की सुविधा उपलब्ध कराने रहेगी कोशिश – आयुक्त स्वप्निल वानखड़े ने बताया कि इस प्रशिक्षण में जबलपुर स्मार्ट सिटी के प्रयासों को सराहा गया। लंदन के अर्बन 95 के तत्वावधान में आयोजित हुए इस सेमिनार में मनमोहन नगर, दमोहनाका, क्षेत्रों के उद्यान, अनुपयोग बस में लाइब्रेरी, बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गो के लिए किए गये प्रयासों को सराहा गया। वानखड़े ने कहा कि नगर निगम के सभी 79 वार्डो में एक-एक व्यवस्थित पार्क बनाकर क्षेत्रीय नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने की शीघ्र कोशिश की जायेगी।
पार्को और वैक्सीनेशन सेन्टर की विशेष सुविधाओं की भी लंदन की गई सराहना – निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े एवं स्मार्ट सिटी के सीईओ चंद्र प्रताप गोहल ने जानकारी देते हुए बताया कि पार्को और बस स्टैण्ड जैसे स्थानों पर सुविधाएँ मिले, इस प्रशिक्षण का यही उद्देश्य था। स्कूलों से निकलकर बच्चों, आसानी से चल सके इस पर विदेशों से आए विशेषज्ञों ने अपनी बात रखते हुए बताया कि बच्चों एवं बुजुर्गो की खुशी और उत्तम स्वास्थ्य के लिए की गई व्यवस्था से प्रसन्न होकर प्रशिक्षण में आये हुए सभी विशेषज्ञों ने सराहना की।