जबलपुर, शहर में प्रतिदिन 18प्लस से लोगों के लिए कोवीशील्ड और कोवैक्सीन को मिलाकर 3300 डोज़ उपलब्ध होते हैं. फिर भी 18 से लेकर 44 वर्ष तक लोगों के लिए वैक्सीन का स्लॉट बुक करना ट्रेन के तत्काल टिकिट बुक करने जैसा ट्रिकी हो गया है. जिस तरह से ट्रेन के लिए एसी और स्लीपर कोच में तत्काल कोटे के लिए लिमिटेड सीट्स होती हैं और उन्हें बुक करने के लिए समय भी निर्धारित होता है. उसी तरह 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए स्लॉट बुक करने का समय भी अघोषित तौर पर निर्धारित हो गया है. इसकी जानकरी तब लगी जब नितिन नामक एक नवयुवक ने वेबसाइट, उमंग और आरोग्य सेतु एप के ज़रिये स्लॉट बुक न कर पाने की समस्या हेल्पलाइन 1075 पर बतायी. इस पर हेल्पलाइन की ओर से कहा गया कि स्लॉट बुक करने का समय सुबह 9 से 11 के बीच है. लेकिन इस बारे में कहीं कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.
सिर्फ़ अगले दिन की होती है बुकिंग, उसके आगे के लिए ऑप्शन नहीं खुलते
नितिन ने बताया कि स्लॉट बुक करने की कोशिश में पूरे दिन में जब भी उपरोक्त तीनों प्लेटफॉर्म्स में लॉग इन करो तो भी वहाँ समय से सम्बंधित कोई कोई सूचना नहीं आती. यदि समय लिमिटेड है तो हर बार एसएमएस पर ओटीपी क्यूँ आता है? इसके आलावा यदि अगले दिन के स्लॉट बुक हो चुके हैं तो उसके अगले दिन के ऑप्शन बंद क्यूँ दिखाए जाते हैं?
18 से 44 उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध स्लॉट पलक झपकते ही हो जाते हैं बुक
नितिन के अलावा जबलपुर की ही किरण सिंह ने सोशल मीडिया पर ज़ाहिर की. उन्होंने लिखा कि एप पर रजिस्ट्रेशन तो हो रहा है लेकिन उसके बाद कुछ नहीं होता. उनका बेटा भी दिन भर कोशिश करता है, उसे एक दफ़ा शाम को 6 बजे के आसपास 2-4 सेकंड के लिए स्लॉट अवेलेबल दिखाए लेकिन वो सब तुरंत ही बुक हो गए.
वेबसाइट, उमंग और आरोग्य सेतु में एक जैसा है हाल
वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करवाने की चाह में यादव कॉलोनी के आदित्य ने दोनों एप अपने फोन में इंस्टाल कर ली, लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी असफलता ही उनके हाथ लगी. एप इंस्टाल करने का ख्याल उन्हें कोविन की वेबसाइट में स्लॉट बुक न कर पाने के बाद आया. लेकिन तीनों जगह कोशिश करने के बाद उन्हें समझ आया कि शायद स्लॉट बुक करने के लिए उन्हें गुड लक की भी ज़रूरत है.
स्लॉट बुक करवाने के बाद भी लौटना पड़ा बिना वैक्सीनेशन के
निकेश अग्रवाल सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी शेयर करते हुए बताते हैं कि 17 मई को गायत्री पब्लिक स्कूल वेक्सीनेशन सेण्टर पहुँचे. उन्होंने 3 से 6 बजे बीच का स्लॉट लिया था. लेकिन वहाँ पहुँचने पर पता चला कि स्टाफ़ जा चुका है. अगर एक निर्धारित समय तक ही वैक्सीन लगनी है तो फिर स्लॉट में टाइम क्यूँ दिया जा रहा है?
जबलपुर में स्लॉट बुकिंग में आने वाली समस्या जैसे हालात देश के कई शहरों में हैं जहाँ 18प्लस वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है. लेकिन इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नतीजा ये है कि वैक्सीनेशन की चाह में युवा तमाम वेबसाइट या एप खोलकर लगातार कोशिश करने में ही अपना समय गँवा रहे हैं.