मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव 2023 हैं और यहा सत्ता विरोधी लहर के बहाने गुजरात फार्मूला लागू करने की सियासी चर्चाएं हैं, लेकिन यदि एमपी में सीएम शिवराज सिंह चौहान को विजय रुपाणी बनाने की कोशिश की गई, तो बीजेपी को भारी पड़ सकती है?
मजेदार बात यह है कि चर्चाओं में किसी मूल भाजपाई के बजाए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर है?
वजह…. बोनसाई पॉलिटिक्स के लिहाज से ज्योतिरादित्य सिंधिया सबसे बेहतर हैं, क्योंकि मूल बीजेपी संगठन पर उनकी पकड़ नहीं है और वे मोदी-शाह के पॉलिटिकल नेटवर्क से बीजेपी में आए हैं, मतलब…. वे सियासी लक्ष्मण रेखा नहीं लांघ सकते हैं?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकल्प के रूप में देखे जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए समर्थकों ने चर्चाएं भी शुरू कर दी हैं और 2023 में कामयाबी के लिए गुजरात के फॉर्मूले पर काम करने की बात भी कही जा रही है.
हालांकि, शिवराज सिंह चौहान को हटाने के मुद्दे पर बीजेपी मूल के भी कई सीएम पद के दावेदार नेता अभी खुश हो सकते हैं, परन्तु ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आते ही ये भी शिवराज सिंह चौहान को हटाने पर सहमत नहीं होंगे.
याद रहे, मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान कुछ समय को छोड़ दें तो लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं और जिस तरह गुजरात में पीएम मोदी की पकड़ है, वैसी ही पकड़ सीएम शिवराज सिंह चौहान की मध्यप्रदेश में हैं.
उल्लेखनीय है कि यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ को भी हटाने की सियासी चर्चाएं थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया?
देखना दिलचस्प होगा कि- क्या बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान को बदलने की पॉलिटिकल रिस्क लेगा?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
अस्वीकरण – लेख में व्यक्त विचार लेखक के स्वयं के हैं। प्राथमिक मीडिया का इससे कोई सरोकार नहीं है।