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POSITIVE NEWS | मेडिकल कॉलेज जबलपुर में डॉ सचदेवा ने की ब्लैक फंगस के मरीज़ों की सफलतम सर्जरी

  • जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के डेडिकेटेड वार्ड में 80 से अधिक मरीज़ भर्ती
  • 15 मरीज़ों को भी शीघ्र डिस्चार्ज

जबलपुर, छिंदवाड़ा ज़िले के हर्रई की अंजली नेमा को ब्लैक फंगस की वजह से आंख में दिखना बंद हो गया, जिसकी वजह से उन्हें नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में बने ब्लैक फंगस के डेडिकेटेड वार्ड में भर्ती किया गया। इसके बाद वार्ड प्रभारी एवं ई.एन.टी. विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने अंजलि की आंख की सर्जरी कर आंख से मवाद निकाला जिससे उनके आंख की रोशनी वापस लौट आई। मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस का सफलतम इलाज पाने वाली कई कहानियाँ और भी हैं।

विदित हो कि मेडिकल कॉलेज जबलपुर में बने म्यूकरमायकोसिस के डेडिकेटेड वार्ड में भर्ती 80 से अधिक मरीजों की जांच एवं उपचार का बेहतर प्रबंध किया गया है। जहाँ वार्ड प्रभारी एवं ई.एन.टी. विभागाध्यक्ष डॉ. सचदेवा सहित अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिदिन प्रत्येक मरीज का अपडेट ले रहेे हैं। जिसके अंतर्गत ब्लैक फंगस के प्रारंभिक लक्षणों वाले मरीजों को दवाईयां दी जा रही है। यहाँ अब तक गंभीर स्थिति वाले 15 मरीजों की सर्जरी भी की जा चुकी है। इन्हें शीघ्र ही डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। अंजलि आंख में ब्लैक फंगस की समस्या से जूझ रहे उन तीन ख़ुशनसीब मरीजों में से हैं जिन्हें दिखाई देना बंद हो गया था लेकिन डॉ. सचदेवा और उनकी टीम के द्वारा सफलतम सर्जरी करने के बाद उन्हें दिखाई देना फिर से शुरू हो गया। डॉक्टर्स के मुताबिक समय पर जांच व उपचार ही इस पोस्ट कोविड बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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