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सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
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तिरिछ के काटने से एक बार आदमी बच भी सकता है परंतु…

नाट्य लोक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था का आयोजन, इंद्रावती नाट्य समिति सीधी के सहयोग से नाटक – तिरिछ का मंचन श्रीजानकी रमण महाविद्यालय की रंग ड्योड़ी पर किया गया, नाटक के लेखक उदय प्रकाश,निर्देशन – शिवा कुंदेर का था, मुख्य भूमिका में थे- मनोज यादव, संगीत संचालन एवं प्रकाश नीरज कुंभारे का था |तिरिछ (विषखापर, जहरीला लिजार्ड) जो काले नाग सौ गुणा ज्यादा जहरीला होता है। लेखक कहते हैं, उस दिन पिताजी को जंगल में उस ने तिरिछ काट लिया था। गाॅंव के सभी लोग आंगन में जमा हो गए थे। पास के गाॅंव का चुटुआ नाई आया। वह अरंड के पत्ते और कंडे की राख से जहर उतारता था। तिरिछ तालाब के किनारे जो बड़ी-बड़ी चट्टानों के दरार में रहता था। तिरिछ से नजर मिलाने पर वह पीछा करने लगता है। उससे बचने के लिए लंबी छलांग के साथ टेढ़ा-मेढ़ा दौड़ना चाहिए। तिरिछ गंद का पीछा करते हैं।
उदय प्रकाश जी की लगभग कहानियां ग्रामीण संवेदना से ओतप्रोत होती है,गांवों में जहां संवेदना और संबंधों की पावनता बरकरार रहती है, वहां एक सामरिक और प्रगतिशील जीवनशैली नहीं होती है, लेकिन मानवीय संवेदना की गहराई और सम्बन्धों की महत्ता समझी जाती है।
लेखक ने कहानी के माध्यम से बताया है कि तिरिछ के काटने से एक बार आदमी बच भी सकता है परंतु शहरी संवेदन हीनता से नहीं बच सकता है|

संचालन एवं आभार प्रदर्शन सचिव दविंदर सिंह ग्रोवर ने किया
इस अवसर पर डॉ अभिजात कृष्ण त्रिपाठी,दविंदर सिंह ग्रोवर, नारिन्दर कौर, विनय शर्मा,संजय गर्ग,डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे,हर्षित झा, मुस्कान सोनी,पलक गुप्ता आदि उपस्थित थे |

Neel Tiwari
Neel Tiwarihttps://www.prathmikmedia.com/
Neel Kamal Tiwari was a Techie by Profession, Worked with Wipro, HCL, IBM and Google for around 16 year meanwhile got opportunity to follow the passion to work with media industry as media relations manager with HCL Noida, Studied mass communication in IBM international academy while working, afterwards following the passion to keep democracy alive with help of journalism and keen to dig deep and reveal the truth.
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