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गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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इंजमाम उल हक़ और शाकिर हुसैन 92 लाख के एटीएम फ्रॉड मामले में गिरफ़्तार

आरोपियों से बरामद एटीएम कार्ड्स, पहचान पत्र, नकदी एवं अन्य सामग्री

जबलपुर, एटीएम में कई मर्तबा ट्रांज़ेक्शन फ़ेल होने पर खाते से राशि कट जाती है लेकिन एटीएम में नकदी हाथ नहीं आती है। हालाँकि ऐसी समस्या रोज़-रोज़ नहीं आती। ऐसा कभी-कभी तकनीकी ख़ामियों से होता है। लेकिन ऐसी तकनीकी समस्या को हथियार बनाकर शातिर लोग धोखाधड़ी करते हैं। हाल ही में इसी तरह की तकनीकी ख़ामी को पैदा करके एसबीआई के एटीएम्स से पैसे निकालकर बैंक को 92 लाख 39 हज़ार का चूना लगाया गया। जिसे 2 अप्रैल से 12 अप्रैल की बीच 10 दिनों में अंजाम दिया गया। जिसके लिए 134 बार जानबूझकर ट्रांज़ेक्शन फ़ेल करके हर बार रिफंड की शिकायत दर्ज की जाती। बार-बार आती इस तरह की शिकायतों से धोखाधड़ी की भनक लगते ही भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक हरीश कुमार दयारमानी ने एसपी जबलपुर को इसकी शिकायत की, जिस पर संज्ञान लेते हुए ओमती थाना में अज्ञात के ख़िलाफ़ भादवि की धारा 420 एवं 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की गयी। जिसके लिए अति. पुलिस अधीक्षक शहर उत्तर/यातायात संजय कुमार अग्रवाल एवं नगर पुलिस अधीक्षक ओमती आर.डी. भारद्वाज के मागदर्शन में थाना ओमती की टीम गठित की गयी। टीम ने फुटेज पर मिले हुलिये के आधार पर कल करमचंद के पास दबिश देकर इंजमाम उल हक़(24 वर्ष) और शाकिर हुसैन(30 वर्ष) को पकड़ा। ये दोनों हरियाणा के निवासी बताये जाते हैं। इन दोनों के पास से बरामद बैग्स की तलाशी लेने पर विभिन्न बैंक्स के 86 एटीएम कार्ड, 3 पैन कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 चैक बुक, 3 मोबाइल फ़ोन और साढ़े ग्यारह हज़ार रूपए नकदी मिली। पूछताछ में इन्होने अपने तीन अन्य साथियों मो. हुसैन, अज़रुद्दीन और शमीम के साथ मिलकर विभिन्न बैंक्स के एटीएम्स से रुपये निकालना स्वीकार किया। ये तीनों आरोपी अभी फ़रार हैं। जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है।

ऐसे करते थे ट्रांज़ेक्शन फ़ेल – आरोपीगण एटीएम से पैसा निकालने के लिए गाँव के पहचान वालों के एटीएम कार्ड इस्तेमाल करते हैं। जो उन्हें दस हज़ार रुपये देकर आसानी से मिल जाता है। बाद में उनके खाते में पैसा डालकर दूसरे राज्यों में जाकर एटीएम से पैसा निकालते हैं। इसके लिए वो ऐसे एटीएम्स को निशाना बनाते हैं जिनके पीछे स्विच वाला दरवाज़ा खुला रहता है। वारदात के दौरान एक लड़का पैसा निकालता है और दूसरा पैसा निकालते वक़्त स्विच बंद कर देता है। मशीन में पैसा फँसा होने के बावजूद उसे खींचकर निकालने के बाद मशीन दुबारा चालू करके वो ट्रांज़ेक्शन को फ़ेल करने में सफल हो जाते हैं। इसके बाद वो बैंक के कस्टमर केयर में फ़ोन लगाकर अपने खाते से कटी हुई जमा राशि को 6-7 दिन में रिफंड करवा लेते। हरियाणा में धोखाधड़ी का ये तरीका पुराना हो चुका है और काफ़ी लड़के ऐसा करते हुए पकड़े जा चुके हैं इसलिए वहाँ पैसा रिफंड नहीं होता। इसलिए आरोपियों ने दूसरे राज्यों के एटीएम्स को अपना शिकार बनाया। इन आरोपियों को पकड़ने में उप निरीक्षक सतीश झारिया, आरक्षक प्रमोद, ओमनाथ, अजीत, निखलेश, राहुल मिश्रा, महिला आरक्षक प्रियंका, अभिमा की उल्लेखनीय भूमिका रही।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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