शुक्रवार को ‘हिन्दी में’ तथा ‘माही संदेश पत्रिका’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘कविताई’ (चैप्टर – दूसरा) और माही संदेश प्रकाशन से शीघ्र प्रकाश्य ममता पंडित के काव्य संग्रह ‘चाबियाँ – उम्मीदों की’ के आवरण पृष्ठ का अनावरण कार्यक्रम भव्य और ऐतिहासिक रूप से जबलपुर के निराश्रित वृद्धाश्रम में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों के रूप में जबलपुर से डॉ. कौशल दुबे, मनीष तिवारी,आलोक पाठक आदि साहित्य साधकों की उपस्थिति प्रार्थनीय रही। देशभर के सुप्रसिद्ध रचनाकारों के रूप में कवि दिव्येंदु दीपक, दिनेश सोनी ‘राज़’,दिनेश सेन ‘शुभ’,विजय आनंद ‘माहिर’, ममता पंडित, शिवांकित तिवारी ‘शिवा’,अंशुल ‘नादान’,विनीत जैन,सजल श्रीवास्तव, अनामिका चौकसे,शिवम सोनी, डॉ.प्रतिभा पटेल,तेजप्रताप चौबे,अक्षत व्यास,अजय ‘अलंकार’,शशिधर मिश्रा ‘पथिक’, ज़ोई मिश्रा,प्रशांत मिश्रा ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन अजय मिश्रा ‘अजेय’ किया।
‘कविताई’ कार्यक्रम की इस पहल में प्रायोजक के तौर पर प्रशांत कुमार शुक्ला,अपना प्यारा जबलपुर,जबलपुर पब्लिक, जबलपुर डेली, प्राथमिक मीडिया, प्रकृति प्रेरणा और फेकथा ने पूरी उत्सकुता के साथ कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में अपना योगदान दिया। कार्यक्रम के आयोजक शिवांकित तिवारी और ममता पंडित ने बताया कि संस्कारधानी जबलपुर प्राचीन समय से ही साहित्य,कला का गढ़ रही है और यहां का साहित्यिक गौरव सदैव से दैदीप्यमान रहा है अत: यहां निरंतर साहित्यिक आयोजन कराना और साहित्य की लौ को जलाये रखना हमारी मूलभूत जिम्मेदारी है और हम सदैव साहित्य की दिशा में ऐसे ही निरंतर आयोजन कराते रहेंगे।
ममता पंडित की आगामी पुस्तक ‘माही संदेश’ प्रकाशन से जल्द आने वाली है जिसके आवरण पृष्ठ का सफलतापूर्ण विमोचन किया गया है। ’माही संदेश पत्रिका’ के प्रधान संपादक रोहित कृष्ण नंदन समेत उनकी समस्त टीम ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की है।
‘हिन्दी में’ संस्था साहित्य,सृजन और शिक्षा के उद्देश्य को लेकर देश के विभिन्न शहरों में कविता यात्राएं आयोजित कर रही है और यह कविता यात्रा दूसरा पड़ाव था जिसे जबलपुर के साहित्य प्रेमियों ने अभूतपूर्व प्रेम दिया है। कविता यात्रा का अगला चरण शीघ्र आयोजित किया जायेगा।
कार्यक्रम के आयोजक सदस्य ममता पंडित और शिवांकित तिवारी ने इस आयोजन को सफ़ल बनाने हेतु संस्कारधानी के समस्त साहित्यप्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।