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गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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जंगल और जंगली जीव-जंतुओं के रोमांच के साथ डुमना नेचर पार्क में संपन्न हुआ प्रदेश का पहला नगरीय कैंपिंग फेस्टिवल

यदि आपको नाइट कैम्पिंग करनी हो तो आप इसके लिए कहाँ जाना चाहेंगे? शायद किसी राष्ट्रीय उद्यान जहां यह सुविधा मौजूद हो या फिर कोई पर्यटक स्थल जहां ऐसे आयोजन लगातार होते हैं। लेकिन आपको अगर शहर में ही नाइट कैम्पिंग करने का मौका मिले वो भी ऐसी जगह जहां जंगल और जंगली जीव-जंतुओं के आस-पास होने का रोमांच हो तो?

जबलपुर के प्रसिद्ध डुमना नेचर पार्क में जंगल और जंगले जीव-जंतुओं का रोमांच तो है ही लेकिन अब से वहाँ नाइट कैम्पिंग का भी इंतज़ाम आपको देखने मिलेगा। आज इसी कड़ी में डुमना नेचर पार्क में जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का प्रथम संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। मध्य प्रदेश के किसी भी नगर निगम व नगरीय क्षेत्र में होने वाला यह अपने प्रकार का पहला कैंपिंग फेस्टिवल है। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन एवं सेफ टूरिज्म डेस्टिनेशन फॉर विमेन के तत्वावधान में एवं नगर निगम जबलपुर, एसआईएचएम जबलपुर, नगरीय प्रशासन-जे ए टी सी सी, जबलपुर के सहयोग से पिंकपल्प फाउंडेशन संस्था द्वारा आयोजित किया गया। आयोजन में लगभग डेढ़ सौ प्रतिभागियों ने प्रकृति के बीच में रहकर प्राकृतिक सौंदर्य को समझने एवं महसूस करने का आनंद लिया।

गौरतलब है कि डुमना नेचर पार्क को एशिया के दूसरे सबसे बड़े नगरीय वन क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है। डुमना नेचर पार्क में 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी, 2 हजार से अधिक चीतल, अनेक प्रकार के वृक्ष व पौधे एवं 11 तेंदुए प्राकृतिक रुप से मौजूद हैं। प्रकृति की इस संपदा को संरक्षित करने हेतु एवं प्रकृति के बारे में शिक्षा प्रदान करने हेतु जबलपुर के नागरिकों एवं अन्य पर्यटक को हेतु जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया गया। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोगों ने इसमें भाग लिया।

शांतिपूर्वक किया उद्घाटन- जबलपुर कैंपिंग फेस्टिवल का उद्घाटन प्राकृतिक वातावरण को देखते हुए प्राकृतिक रूप से और शांतिपूर्ण ढंग से किया गया। आयोजन का शुभारंभ एवं उद्घाटन महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने किया। उद्घाटन में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के डायरेक्टर मनोज कुमार सिंह, मध्य प्रदेश टूरिज्म के रीजनल मैनेजर के एल पटेल, एसआईएचएम के प्रिंसिपल दविंदर सोधी, पूर्व नगर निगम कमिश्नर वेद प्रकाश शर्मा और आयोजन संस्था पिंकपल्प फाउंडेशन से रुद्राक्ष पाठक मौजूद थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में जेएटीसीसी से हेमंत सिंह का खास योगदान रहा।

एस्ट्रो-टूरिज़म से भी हुए रु-ब-रु – प्रतिभागियों ने कैंप में अनेक गतिविधियों का आनंद लिया। सीनियर माउंटेनियर संजय यादव द्वारा कैंपिंग टेंट सेटअप कराना सिखाया गया। इसके बाद सभी ने अपने-अपने कैंप के इर्द-गिर्द बोनफायर के पास बैठकर परिवार एवं मित्रों के साथ सुखद समय व्यतीत किया। एस्ट्रो-टूरिज़म के प्रति लोगों में रुचि पैदा करने के लिहाज़ से टेलिस्कोप भी लगाया गया। इस टेलीस्कोप से न केवल विभिन्न सितारों व ग्रहों को दिखाया गया बल्कि एस्ट्रोनॉमी और तारों के बारे में आकर्षक जानकारियां लाइव सेशन द्वारा दी गई। बच्चों और बड़ों ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया। इस तरह से जबलपुर क्षेत्र में एस्ट्रो-टूरिज्म की एक सफल शुरुआत हुई।

नेचर वॉक का भी लुत्फ उठाया – प्रातः 6ः00 बजे सभी प्रतिभागियों को नेचर वॉक पर ले जाया गया जिसमें डुमना के वन्यजीवों पक्षियों एवं पेड़ पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई व दूरबीन से पक्षियों व वन्यजीवों का अवलोकन भी कराया गया।

पर्यावरण से जुड़ा यह आयोजन पर्यावरण के हितों का भी ध्यान रखे, इसलिए कैम्प के समापन पर सभी ने अपने-अपने टैंट समेटे साथ ही प्रतिभागियों ने कैम्प छोड़ने से पहले आस-पास सफाई भी की। कैम्प साइट के पास ही मौजूद लायब्रेरी में बच्चों ने किताबों में काफी रुचि दिखाई। प्रतिभागियों को एसआईएचएम जबलपुर के सौजन्य से सभीस्वादिष्ट भोजन की सुविधा मिली। मुंबई की प्रख्यात होटल ओबेरॉय से आए हुए शेफ्स ने खास तौर पर भोजन बनाकर प्रतिभागियों को उपलब्ध कराया।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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