कहते हैं कि यदि आप किसी चीज़ के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको उससे संबंधित प्रश्न पूछना चाहिए। क्यूंकि जीवन भर अज्ञानी बने रहने से अच्छा है पाँच मिनट के लिए मूर्ख कहलाना। इसका मतलब इंसान को प्रश्न पूछना चाहिए लेकिन कोरा के ये प्रश्न पढ़ने के बाद आपको लगने लगेगा कि “लोग ऐसे भी सवाल पूछते हैं? ऐसे सवाल पूछने पर टैक्स लगना चाहिए।”
आगे बढ़ने से पहले आपको कोरा के बारे में बता देते हैं। कोरा इंटरनेट पर मौजूद एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो यूज़र्स को सवाल पूछने और दूसरे यूज़र्स को सवाल का जवाब देने के मौका देता है। लेकिन यूज़र्स कभी-कभी ऐसे सवाल पूछ लेते हैं कि आप सवाल को 5 बार पढ़ते हैं और इसके बाद आपको समझ आता है कि आपने सवाल एकदम सही पढ़ा है। कोरा में ऐसे काफी सवाल पूछे जाते हैं जो बेतुके होते हैं। लेकिन कुछ सवाल इस बेतुकेपन की हद को भी पार कर जाते हैं। जैसे ये सवाल, मैं 22 साल का हूँ और घर के वाईफाई (इंटरनेट) का भूटान भी करता हूँ। लेकिन मेरे पिता लगातार उस वाईफाई को इस्तेमाल करते हैं, कभी भुगतान नहीं करते। मैं उन्हें उसका भुगतान करने तक वाईफाई इस्तेमाल करने से कैसे रोकूँ? इस सवाल को पढ़कर आपके दिमाग में जो चलर यह है वो आप कॉमेंट्स में बताईयेगा लेकिन यूज़र्स ने इसका जो जवाब दिया वो हम आपको बताते हैं, एक यूज़र ने अपने जवाब में लिखा कि “क्या तुम अपने पेरेंट्स के घर पर रहते हो? अगर हाँ तो क्या तुम उन्हें घर का किराया देते हो?”, एक अन्य यूजर ने लिखा कि “जिस बिजली से उस वाईफाई का राउटर चलता है, क्या तुम उसका किराया देते हो? एक यूज़र ने लिखा कि “इधर तो मैं भुगतान करता हूँ और आस-पड़ोस के लोग भी यूज़ करते हैं”
एक अन्य यूज़र द्वारा ये प्रश्न भी पूछा गया “मेरे 12 वर्षीय पुत्र की मृत्यु स्वयं उसके द्वारा सांस रोकने से हो गई, क्यूंकि मैंने उसे उसके जन्मदिन पर एक ऑपटिमस प्राइम” खिलौना नहीं दिलवाया। अब मैं क्या करूँ?“ इस सवाल के जवाब पर कुछ यूज़र्स ने उसे झूठा कहा, किसी ने कहा स्वयं सांस रोककर मरना एक झूठी अवधारणा है और एक यूज़र ने प्रश्नकर्ता को सिलसिलेवार तरीके से नौकरी के लिए अप्लाय करने की सलाह भी दी। उसका कहना था कि इंटरनेट पर इस तरह के ट्रोल क्वेश्चन करने से अच्छा है कहीं जॉब कर लो।
इन प्रश्नों पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें और अगर आपके पास भी कोई सवाल है तो पूछिए।