‘देखो अपना देश’ थीम पर पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार और मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा ‘खजुराहो- टेम्पल्स ऑफ आर्किटेक्चरल स्प्लेंडर’ विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। प्रमुख सचिव संस्कृति और मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार विश्व धरोहर खजुराहो के हेरिटेज विकास और उसे समृद्ध बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि जल्दी एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली-खजुराहो-वाराणसी रूट पर संचालित होंगी। सप्ताह में 2 दिन गुरुवार एवं शनिवार को यह फ्लाइट रहेंगी। इस तरह दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पर्यटक खजुराहो से सीधे जुड़ सकेंगे। झांसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग को एनएचएआई द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो बरसात के मौसम तक तैयार हो जाएगी। इस तरह पर्यटको को फ्लाइट, रेल और रोड तीनों ही माध्यम से खजुराहो पहुंचने में आसानी होगी। शुक्ला ने बताया कि झांसी से रोड मार्ग से आने वाले पर्यटको के लिए ‘हेरिटेज सर्किट’ का विकास किया गया है, जिसमें पर्यटक झांसी से सबसे पहले ओरछा पहुचेंगे। ओरछा में मंदिर और महलों को निहारते हुए राजा छत्रसाल की नगरी की धुबेला में किले और संग्रहालय का भ्रमण कर खजुराहो पहुंच सकते है। पर्यटकों के लिए मध्य प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में इको टूरिज्म, हेरिटेज ट्रेल, विलेज स्टे, एडवेंचर टूरिज्म, बफर में सफर और नाइट सफारी जैसी मनोरंजक और आकर्षक गतिविधियां शुरू की गई है। कोरोना कालीन परिस्थितियों के उपरांत सभी पर्यटक मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक वैभव का अध्ययन कर सकेंगे और विभिन्न पर्यटन स्थलों का आनंद ले सकेंगे।
ऑनलाइन वेबिनार में भारतीय मंदिरों के कला, वास्तु के जानकार और एक्सपर्ट गाइड अनुराग शुक्ला ने खजुराहो के मंदिरों के वास्तु विकास और वास्तुकला के शास्त्रीय ग्रंथों के संदर्भ में मंदिर बनाने की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की। उन्होंने खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर, ब्रह्मा मंदिर, मतंगेश्वर महादेव मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, जगदंबी मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, कंदारिया महादेव मंदिर, आदिनाथ और दूल्हा देव मंदिर आदि के वास्तु कला और निर्माण शैली पर अनेक महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी दी। खजुराहो में विभिन्न समय अवधि में विकसित विभिन्न मंदिर शैलियों के विकास और उनका तुलनात्मक अंतर अपने प्रेजेंटेशन में प्रस्तुत किया। ऑनलाइन वेबिनार में देश और विदेश के विभिन्न क्षेत्रों के इतिहास और पर्यटन प्रेमी ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त महानिदेशक पर्यटन मंत्रालय रुपिंदर बराड़ ने किया।