जबलपुर, “बारिश इस बार दिवाली करके जाएगी”, पिछले दो दिन की बारिश के बाद लोगों से यही सुनने मिल रहा है। लेकिन स्मार्ट सिटी की लापरवाही करने की आदत कब जाएगी इसकी कोई समय सीमा तय नहीं है। हालांकि बारिश को शहर और शहरवासियों का जो हाल करना था उसने कर दिया है। अब बारी स्मार्ट सिटी की है। इसलिए स्मार्ट सिटी ने एक बार फिर ने शहर के कुछ इलाकों में सीवर लाइन डालने का काम शुरू कर दिया। सीवर लाइन डालने के काम में लापरवाहियाँ भी हिन्दी सिनेमा की नई फ़िल्म्स की तरह हैं। जैसे वो साउथ की फ़िल्म्स या फिर किसी पुरानी फिल्म की रीमेक होती हैं। वैसे ही स्मार्ट सिटी की लापरवाहियाँ भी पुरानी गलतियों की रीमेक है।
ये विडिओ गंगानगर, गढ़ा में सरस्वती शिशु मंदिर के पास वार्ड क्रमांक एक का है। जिसे क्षेत्रीय नागरिक द्वारा आज ही लिया गया है। उनसे प्राप्त विडिओ और जानकारी के मुताबिक उनके मोहल्ले की सड़क को कल सीवर लाइन डालने के लिए खोदा गया। खुदाई के दौरान वहाँ से गुज़रने वाली पाइपलाइन भी खुदाई की चपेट में आ गई और दुर्घटनाग्रस्त हो गई। सीवर के लिए पाइप डालने के पश्चात उसे वहीं के मलबे से पूर दिया गया। दुर्घटनाग्रस्त पाइपलाइन से पानी बहता रहा जो थोड़ी देर बाद सड़क पर बहने लगा। मलबे का भी ठीक से समतलीकरण न होने की वजह से सड़क की हालत भी नासाज़ है।
समाचार लिखे जाने तक ठेकदार कंपनी के कुछ कर्मचारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंचकर लीकेज वाली जगह खुदाई करने लग गई। लेकिन थोड़ी ही देर में उन्होंने काम रोक दिया। ठेकेदार के कर्मचारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार वे लीकेज की मरम्मत करने आए थे लेकिन उनका प्लंबर पाटन चल गया। इस वजह से अब काम कल सुबह 9 बजे दुबारा शुरू होगा। आश्चर्य की बात ये है कि करोड़ों का ठेका लेने वाली गुजरात की कंपनी के पास पाइपलाइन सुधारने के लिए क्या एक ही पलंबर है?
अस्वीकरण: चूंकि समस्या पुरानी और घिसी पिटी है इसलिए अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए रोचक भाषा का प्रयोग किया गया है।