जबलपुर, देश का सरकारी तंत्र दिन-ब-दिन कमीशन खोरी की भेंट चढ़ता जा रहा है, इसका जीता-जागता उदाहरण गढ़ा पोस्ट ऑफिस में देखने को मिला, जब एक युवक अपने माता-पिता के नाम से नौ लाख रुपये की एफडी कराने गया। जिसे पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कमीशन एजेंट के नाम पर पलटा दिया गया। जिसकी लिखित शिकायत गौरव सैनी ने गढ़ा थाने में की।
युवक ने पोस्ट ऑफिस गढ़ा के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि वह 10 दिन पहले अपने माता पिता के नाम से एफडी कराने गढ़ा पोस्ट ऑफिस पहुंचा। जहाँ उसने राशि जमा की और उसे कुछ दिन बाद आने के लिए कहा गया। आज जब युवक एफडी से संबंधित कागजात लेने के लिए गढ़ा पोस्ट ऑफिस पहुंचा तो वहां उसे कागजात देखने पर दाल में कुछ काला मालूम हुआ। जब उसने देखा कि उस एफ डी में कमीशन एजेंट का नाम डाला गया है तो वह अधिकारियों पर भड़क उठा। उसने अधिकारियों से इस सवाल का जवाब मांगा कि जब वह एफडी कराने सीधा आया था तो उसमें कमीशन एजेंट को क्यों शामिल किया गया। तो अधिकारियों ने बताया कि एजेंट के जरिए एफडी कराने से कुछ कमीशन बन जाता है। यह बात युवक को नागवार गुजरी। उसने उन अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने और उनकी पुलिस में लिखित शिकायत करने की बात कही तो पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों ने मामला शांत करने के लिए उसे सात हज़ार की रिश्वत देने की कोशिश की तो गौरव ने पैसे लेने से मना कर दिया। गौरव अपने साथ हुए इस भ्रष्टाचार का जवाब मांगता रहा, सम्बंधित कर्मचारियों पर कार्यवाही के लिए पोस्ट ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारी को मामले की जानकारी दी तब भी उसे कोई राहत नहीं मिली। अधिकारी ने ग़लती तो स्वीकार की लेकिन उस पर किसी तरह की कोई कार्यवाही की पहल नहीं की। उल्टा उसे धमकी मिली कि जैसा लगे वैसा कर लो। जो बातचीत के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग में भी सामने आयी। इसके बाद उसने अपने साथ हुए इस भ्रष्टाचार की लिखित सूचना गढ़ा थाना में दी।
आते रहे स्थानीय नेताओं के फ़ोन – पेशे से रंगकर्मी, एक्टर और रियल एस्टेट के व्यापरी गौरव जब अपने साथ हुए इस भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करने गढ़ा थाना पहुँचे तो कई नेताओं ने उसे फ़ोन पर मामला सेटल करने के लिए कहा। लेकिन गौरव ने किसी की बात नहीं सुनी और उसने मामले की लिखित सूचना गढ़ा थाना में दी। इस दौरान लगातार वो अपने साथ हुई घटना की जानकारी प्राथमिक मीडिया को फोन के माध्यम से देता रहा।