संस्कारधानी ने यहाँ के लोगों और संस्थाओं के प्रयासों के चलते साहित्यिक क्षेत्र में भी ख्याति पाई है। शहर में होने वाले साहित्य और रंगकर्म से जुड़े आयोजनों के चलते नवीन प्रतिभाओं को वरिष्ठ कलाकरों का मार्गदर्शन भी मिलता है। कालजयी अनिल कुमार श्रीवास्तव फाउंडेशन भी बीते कुछ वर्षों से ऐसे ही आयोजन के ज़रिए साहित्यकारों, नवीन प्रतिभाओं और साहित्यप्रेमियों को जोड़ने का काम कर रहा है। फाउंडेशन अपने प्रयासों को निरंतर रखते हुए इस वर्ष भी दो दिवसीय साहित्य उत्सव ”शब्द” का आयोजन कर रहा है।
संस्कृति थिएटर कल्चरल स्ट्रीट में दिनांक 29 व 30 अक्टूबर को होने वाले साहित्य उत्सव ”शब्द” का उद्घाटन 29 अक्टूबर को सुबह 11 बजे किया जाएगा। साहित्य उत्सव ”शब्द” का पहला ”कालजयी अनिल कुमार श्रीवास्तव आखर जोगी सम्मान” हिंदी कविता के लिए वरिष्ठ कवि मलय एवं संस्कृत भाषा व वांग्मय के लिए आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी को दिया जा रहा है।
शब्द में लखनऊ से कवि अष्टभुजा शुक्ल, कानपुर से कवि पंकज चतुर्वेदी, मुम्बई से कवयित्री अनुराधा सिंह, दिल्ली से कवि अविनाश मिश्र, प्रयागराज से कवि हरिश्चंद्र पांडेय, सवाई माधोपुर से कवि विनोद पदरज, बनारस से व्योमेश शुल्क, भोपाल से कवयित्री रक्षा दुबे, इंदौर से नवीन रंगियाल व जबलपुर से बाबुषा कोहिली शामिल हो रहे हैं।
उद्घाटन सत्र के बाद आयोजन में 12:30 बजे से व्यंग्य सत्र होगा। जिसमें ग्वालियर से प्रिय अभिषेक और जबलपुर से दिनेश चौधरी अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। तीन बजे युवा रचनाकारों के लिए ओपन माइक में सहभागिता करेंगे। पांच बजे काव्य चर्चा होगी। कदम संस्था के कलाकार अहीर नृत्य की प्रस्तुति देंगे। शाम छह बजे मेरे प्रिय कवि सत्र में विवेक चतुर्वेदी व अलंकृति श्रीवास्तव अपने कविता पाठ करेंगे। साढ़े छह बजे काव्य संध्या होगी। जहां अथिति कवि काव्य पाठ करेंगे। आठ बजे मैं और तुम, कविता कोलाज में भोपाल से आए कवि अभिषेक सिंह की कविताओं पर विवेचना रंगमंडल का कलाकार प्रस्तुति देंगे।
दूसरे दिन आयोजन को शुरुआत सुबह 11 बजे कहानी सत्र- एक बार को बात होगा। जिसमें नागपुर से मनोज रूपड़ा व जबलपुर से राजेन्द्र दानी प्रस्तुति देंगे। दोपहर में 12 बजे विरासत सत्र में महाकवि भास और उनका कृतित्व विषय पर भोपाल से संगीत गुंदेचा अपनी बात रखेंगी। इसके बाद 12:30 बजे बात परसाई की में अरुण पांडेय, तरुण गुहा नियोगी और हिमांशु राय हरिशंकर परसाई की रचनाओं पर बात करेंगे। दूसरे दिन भी युवाओं के लिए ओपन माइक रखा गया है। 4:30 पर साहित्य और सिनेमा विषय पर मुम्बई से आ रहे सत्यदेव त्रिपाठी के साथ जबलपुर से पंकज स्वामी चर्चा करेंगे। शाम 5:30 बजे कविताओं की सांगीतिक प्रस्तुति डॉ. शिप्रा सुल्लेरे व साथी और तापसी – मुरिलधर नागराज द्वारा दी जाएगी। काव्य संध्या का आयोजन 6:30 बजे होगा। रात 8 बजे पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ में नाटक दूसरा पुल और जो चिट्ठी भेजी नहीं गई कि प्रस्तुति दी जाएगी।