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डिंडौरी | बजाग ब्लॉक के ग्राम पड़रिया की गर्भवती को जननी एक्सप्रेस चालक ने बीच सड़क पर तड़पता छोड़ा, पति गिड़गिड़ाता रहा लेकिन नहीं माना; बाद में प्राइवेट वाहन से डिंडौरी लेकर आए परिजन

परिवार के सदस्यों को बजाग से 03 किलोमीटर दूर बिजौरा में खेत में खड़ी मिली जननी एक्सप्रेस

BMO डॉ. रूपम मित्रा का बेतुका जवाब : हमने रेफर कर गाड़ी दिला दी… ड्राइवर नहीं गया तो 108 पर कॉल करो

महिला ने जिला अस्पताल में शाम को नॉर्मल डिलिवरी से बेटे को दिया जन्म, जच्चा और बच्चा स्वस्थ

डिंडौरी | जिले के बजाग ब्लॉक के ग्राम पड़रिया निवासी गर्भवती महिला बसंती उइके और गर्भस्थ शिशु की जान गुरुवार को जननी एक्सप्रेस वाहन चालक की लापरवाही के कारण आफत में पड़ गई। चालक की संवेदनहीनता की वजह से प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को डिंडाैरी जिला अस्पताल पहुंचने के लिए करीब 03 घंटे का इंतजार करना पड़ा, फिर भी वाहन चालक वापस नहीं आया। महिला के पति सतीश उइके ने बताया कि आज दोपहर 01 बजे के आसपास बंसती को प्रसव पीड़ा हुई। उसे तत्काल बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) लेकर पहुंचे। अस्पताल में शुरुआती जांच के बाद करीब 01:15 बजे महिला को जिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया। डॉक्टरों के निर्देश पर जननी एक्सप्रेस की व्यवस्था कराई गई, लेकिन वाहन चालक महिला को लेकर CHC परिसर से लगभग 100 मीटर दूर पहुंचा और परिजनों से बोला कि वह डिंडौरी नहीं जाएगा। साथ ही उसने सभी को वाहन से नीचे उतार दिया और वहां से चला गया। सतीश की लाख मिन्नतों के बावजूद चालक नहीं रुका और दर्द से कराहती महिला को यूं ही छोड़कर निकल गया। इस बीच बंसती की पीड़ा बढ़ती जा रही थी। इसलिए परिजन उसे मोटरसाइकिल से पड़रिया स्थित घर वापस ले आए। लाचार और बेबस परिजन 01:30 बजे से 04 बजे तक 108 नंबर पर वाहन के लिए लगातार कॉल करते रहे। जब भी संपर्क होता, यही सुनने मिलता कि वाहन रास्ते में है… गाड़ी आ रही है! इधर, गर्भस्थ शिशु और महिला की जान पर खतरा भी बढ़ रहा था। जब लंबा समय बीतने के बाद भी कोई वाहन नहीं पहुंचा तो स्थानीय नागरिकों की मदद से महिला को प्राइवेट वाहन से डिंडौरी पहुंचाया गया। महिला को अस्पताल भेजकर परिवार के कुछ सदस्य वाहन चालक को तलाशने निकले। बजाग से करीब 03 किमी दूर बिजोरा गांव में एक खेत में वही वाहन दिखाई दिया। गनीमत रही कि शाम काे जिला अस्पताल में महिला ने नॉर्मल डिलिवरी में स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। फिलहाल जच्चा-बच्चा पूर्णत: स्वस्थ हैं।

लापरवाह ड्राइवर की गलती छिपाने की कोशिश करते रहे BMO

मामले पर बजाग के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. रूपम मित्रा की भी अक्षम्य संवेदनहीनता सामने आई है। उन्हें जब मीडिया ने चालक की हरकत के बारे में सूचना दी और जवाब मांगा तो वह बोले कि महिला को हमने यहां से डिंडौरी रेफर कर वाहन की व्यवस्था करा दी थी। यदि वाहन चालक उन्हें लेकर नहीं गया तो अस्पताल प्रबंधन क्या करे? आप जननी एक्सप्रेस या 108 से जुड़ी अथॉरिटी से बात करें..! डॉ. मित्रा ने महिला की स्थिति के बारे में जानना भी उचित नहीं समझा। वह इतने गंभीर मुद्दे पर लापरवाह ड्राइवर की गलती छिपाने और खुद को बचाने की कोशिश करते नजर आए। इधर, पीड़ित सतीश उइके का कहना है कि उन्होंने बार-बार ड्राइवर से डिंडौरी चलने की विनती की, लेकिन ड्राइवर का पाषाण हृदय नहीं पसीजा। …और वह अस्पताल से ही कुछ दूरी पर दर्द से तड़पती महिला को बीच सड़क छोड़कर चला गया।

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