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80 रुपये के पीछे जज साहब को पढ़ाया नियम का पाठ, कहा “नियम से बड़ा न्यायालय नहीं है”

सोशल मीडिया पर बरेली और मुरादाबाद हाईवे टोल प्लाज़ा का एक पुराना विडिओ वायरल हो रहा है। जिसमें टोल न चुकाने पर टोलकर्मी और स्वयं को जज बताने वाले प्रेम सिंह वर्मा के बीच बहस हो रही है। इस विडिओ में टोलकर्मी ने उन्हें टोल टैक्स न देने पर कानून का हवाला देते हुए टोल देने के लिए बाध्य कर दिया।

इस टोलकर्मी का विडिओ हज़ारों लोगों ने शेयर किया है। इनमें से एक आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा भी हैं जो छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क और परिवहन आयुक्त हैं। उन्होंने भी उस समय टोलकर्मी की हिम्मत की दाद देते हुए लिखा ,” ग्रेट, सामने कोई भी हो, कर्तव्य के प्रति वचनबद्ध रहना सबके बस की बात नहीं है। ऐसे पुरुषार्थी, कर्तव्यनिष्ठ लोग विरले ही मिलते हैं।” 

इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे एक न्यायाधीश टोल प्लाजा पर 80 रूपये टैक्स न देने के लिए विवाद कर रहे हैं। यह सीसीटीवी फुटेज 5 सितंबर 2020 का है।

वीडियो के शुरू में टोलकर्मी जज साहब से बड़ी शालीनता से पूछता है ,” पहले आप हां या न में जवाब दीजिए। अपने पढ़ा है या नहीं पढ़ा है?” गाड़ी के अंदर बैठे हुए जज साहब कहते हैं ‘हां पढ़ा है।” जिसके बाद कर्मचारी कहता है कि आप हाई कोर्ट से नहीं हैं आप जिला कोर्ट से हैं। आप नियम जानते हैं, आप कहीं से भी होंगे मैं इतने कानून निकलूंगा कि आप कानून फ़साते और निकालते हो न, इतनी तारीखें आप लोग लेते हो कि आम आदमी बेहोश हो जाता है। उसकी आत्मा मरने लगती है।”

टोल प्लाजा पर चली बहस में जज साहब आगे कहते हैं,” मैंने जानबूझकर रोड जाम नहीं किया है।” टोल कर्मी कहता है ,”जब आपने टोल एक्ट पढ़ा है तो आपको ये मालूम होना चाहिए की जिला जज के लिए टोल मुफ़्त नहीं है। आपने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया है। आप पेमेंट दीजिए।” टोलकर्मी द्वारा जज को कानून का पाठ पढ़ाने के बाद, वीडियो के अंत में प्रेम सिंह वर्मा नाम के जिला कोर्ट जज को पैमेंट देनी पड़ती है। उसका विडिओ यहाँ दिया जा रहा है।

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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