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सोमवार, अक्टूबर 28, 2024

तू रुकना मत

अन्याय के आगे झुकना मत

जितनी हो तपन पर थकना मत

कोई लाख बिछाए कांटे पर

किसी हाल में भी तू रुकना मत

जिसने तेरे पर काटे हैं

उसकी तो तू अब सुनना मत

जो सपना नहीं छलावा है

उस सपने को तू बुनना मत

जो जाल बिछाए बैठे है

उस जाल में तू अब फसना मत

जो दलदल लेकर बैठे हैं

उस दलदल में तू धसना मत

कोई लाख डराये तुझको पर

किसी हाल में भी तू डरना मत

और मौत तो एक दिन आनी है

पर मौत से पहले मरना मत

अन्याय के आगे झुकना मत

जितनी हो तपन पर थकना मत

कोई लाख बिछाए कांटे पर

किसी हाल में भी तू रुकना मत

Chakreshhar Singh Surya
Chakreshhar Singh Suryahttps://www.prathmikmedia.com
चक्रेशहार सिंह सूर्या…! इतना लम्बा नाम!! अक्सर लोगों से ये प्रतिक्रया मिलती है। हालाँकि इन्टरनेट में ढूँढने पर भी ऐसे नाम का और कोई कॉम्बिनेशन नहीं मिलता। आर्ट्स से स्नातक करने के बाद पत्रकारिता से शुरुआत की उसके बाद 93.5 रेड एफ़एम में रेडियो जॉकी, 94.3 माय एफएम में कॉपीराइटर, टीवी और फिल्म्स में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर के तौर पर काम किया। अब अलग-अलग माध्यमों के लिए फीचर फ़िल्म्स, ऑडियो-विज़ुअल एड, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रिप्ट् राइटिंग, वॉईस ओवर का काम करते हैं। इन्हें लीक से हटकर काम और खबरें करना पसंद हैं। वर्तमान में प्राथमिक मीडिया साप्ताहिक हिन्दी समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल के संपादक हैं। इनकी फोटो बेशक पुरानी है लेकिन आज भी इतने ही खुशमिज़ाज।
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